J&K News: खुद को पैगंबर बताकर महिलाओं को दिखाता था जन्नत का रास्ता, फिर ऐसे पकड़ा गया ढोंगी
उत्तरी कश्मीर के कुंजर क्षेत्र में एक ढोंगी ने पवित्र खाना-ए-काबा की डमी बनवाई और लोगों को इसका तवाफ करने के लिए प्रेरित किया। इस फर्जी बाबा का नाम रज्जाक है और वह खुद को शेखुल आलम का अवतार बताता था। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने कहा कि मामले की जांच चल रही है।

जागरण संवाददाता, श्रीनगर। बारामूला में पुलिस ने एक ढोंगी को गिरफ्तार कर लिया है। वह खुद को घाटी के प्रसिद्ध सूफी संत शेख नूरदीन नूरानी का अवतार मानता था। वह जिले के कुंजर इलाके में पवित्र खाना-ए-काबा की डमी बनाकर लोगों को बेवकूफ बनाता था। उसके मुरीदों की संख्या काफी बढ़ गई थी। महिलाओं की संख्या सबसे अधिक थी।
रज्जाक नामक एक व्यक्ति ने घर से दूर अपने खेत में पवित्र खाना-ए-काबा की डमी बनवाई थी और दावा किया था कि खुदा ने उनको पैगाम भिजवाया था कि वह पवित्र काबा की डमी बनवाए। जिससे वह लोग जो गरीबी के चलते हज या उमराह करने के लिए सऊदी अरब नहीं जा पाते हैं, वह काबा की इस डमी का तवाफ कर हज व उमराह का सवाब पा सकते हैं।
स्थानीय पत्रकारों ने किया भंडाफोड़
इस ढोंगी ने दावा किया था कि खुदा ने उस पर 'वही' (इस्लाम धर्म के अनुसार खुदा के अपने किसी पैगंबर तक कोई पैगाम पहुंचाने को अरबी जबान में वही कहा जाता है) भेजी थी, जिसमें उससे कहा गया था कि वह खाना-ए-काबा की हुबहू शकल का एक काबा बनवाए ताकि गरीब लोग उसका तवाफ कर हज व उमराह का सवाब पा सके।
इसका निर्माण कुछ दिनों बाद पूरा करने के साथ ही इसे तवाफ के लिए लोगों को समर्पित किया जाना था। स्थानीय पत्रकारों मुरीद बन कर इस ढोंगी के पास गए और इसका भंडाफोड़ दिया। सोशल मीडिया पर वायरल होते ही पुलिस ने तुरंत कार्रवाई कर रज्जाक नामक इस ढोंगी को हिरासत में ले लिया।
रज्जाक से बना रज्जाक बब, संभाली गद्दी
स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्हें इस बारे में पता नहीं था और सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद ही उन्हें इस बात का पता चला। नसीर अहमद नामक एक स्थानीय व्यक्ति ने कहा कि अब्दुल रज्जाक खुद को पीर बता लोगों को बेवकूफ बनाते थे और कुछ लोग बेवकूफ बन भी जाते थे।
नसीर के अनुसार, पहले तो वह अपने घर में ही अपने मुरीदों को बुलाते थे और उन्हें तावीज गंडे दिया करते थे। लेकिन मुरीदों की संख्या बढ़ जाने के चलते उसने घर से दूर अपने खेत में टीन का शेड बनवाकर अपनी गद्दी संभाली थी। उसके मुरीद, जिनमें महिलाओं की संख्या सबसे अधिक होती थी, वहीं उससे मिलने जाते थे।
नसीर के अनुसार रज्जाक ने अपने खेत के इर्द-गिर्द टीन की ही दीवार बनवाई थी और अंदर वह खुद भी चरस गांजा पीता था और अपने मुरीदों को भी पिलवाता था। नसीर ने कहा कि हमें यह पता था कि रज्जाक चरस व गांजे के नशे में लोगों को बेवकूफ बनाता है और उनसे रुपया पैसा ऐंठता है।
लेकिन बंद दीवार के पीछे वह खाना-ए-काबा भी बनवा रहा है, इसकी हमें भनक भी नहीं पड़ी। अब्दुल अहमद नामक एक और स्थानीय नागरिक ने कहा कि रज्जाक पहले से ही चरस व गांजा पीता था और उसकी मानसिक हालत ठीक नहीं रहती थी।
वह कभी नॉर्मल तो कभी उसके मिजाज बिगड़े रहते थे। हालांकि, इस बीच उसके घरवालों ने उसकी शादी भी की थी, लेकिन वह टिकी नहीं बल्कि कुछ समय बाद ही उसकी पत्नी उसके व्यवहार से तंग आकर उसे छोड़ कर चली गई। उसके बाद इसने खुद की पीर बाबा करार दिया और वह रज्जाक से रज्जाक बब बन गया।
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