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    Amarnath Yatra 2025: विदेशों में भी अमरनाथ यात्रा का उत्साह, छह देशों के श्रद्धालुओं ने पवित्र गुफा में टेका माथा

    Updated: Fri, 25 Jul 2025 11:07 AM (IST)

    श्रीनगर से आई खबर के अनुसार इस साल अमरनाथ यात्रा में अमेरिका कनाडा जर्मनी ब्रिटेन ऑस्ट्रेलिया और स्पेन से आए नौ विदेशी श्रद्धालुओं ने भाग लिया। उन्होंने पवित्र गुफा में दर्शन किए और इसे श्रद्धा सेवा का अनूठा संगम बताया। श्रद्धालुओं ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन और स्थानीय लोगों द्वारा दी गई सहायता की सराहना की और शिव को ब्रह्मांडीय ऊर्जा का प्रतीक बताया।

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    छह देशों के श्रद्धालु पवित्र गुफा पहुंचकर बोले- जय भोले (Jagran Photo)

    राज्य ब्यूरो,  श्रीनगर। भगवान शिव केवल हिंदू धर्म तक सीमित नहीं हैं। शिव चेतना का एक सजीव उदाहरण इस वर्ष की श्री अमरनाथ यात्रा में देखने को मिल रहा है।

    गुरुवार को अमेरिका, कनाडा, जर्मनी, ब्रिटेन, आस्ट्रेलिया और स्पेन जैसे देशों से आए नौ विदेशी श्रद्धालुओं ने पवित्र अमरनाथ गुफा की कठिन यात्रा पूरी कर महादेव के चरणों में माथा टेका और कहा-जय भोले। सभी ने यात्रा को श्रद्धा, सेवा का अनूठा संगम बताया।

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    यात्रा पूरी करने वालों में मिकायला पेट्रा डाना और जेमिमा क्रोकर (ब्रिटेन), एमिली सारा व रास नार्मन (कनाडा), अन्ना लेना (जर्मनी), मारिया इसाबेल (स्पेन), लारा ईव (अमेरिका), जान जोसेफ (ऑस्ट्रेलिया) तथा स्वेतलाना (एस्टोनिया) शामिल रहे। ये सभी पिछले चार-पांच वर्षों से नियमित साधना और योग के माध्यम से शिव ऊर्जा से जुड़ चुके हैं।

    रास नार्मन ने कहा कि शिव तत्व को हमने वर्षों से साधा है, लेकिन इस गुफा में प्रवेश करते ही जो मौन, जो ऊर्जा और जो अश्रुपूरित शांति का अनुभव हुआ, वह अभूतपूर्व था। यह केवल तीर्थ नहीं, चेतना का प्रवेशद्वार है। उनके लिए भगवान शिव, शक्ति, गणेश और हनुमान जैसे रूप किसी एक धर्म तक सीमित नहीं, बल्कि ब्रह्मांडीय ऊर्जा के प्रतीक हैं, ये शक्तियां संपूर्ण विश्व को जोड़ती हैं।

    यात्रा मार्ग की कठिनाइयों के बावजूद सभी श्रद्धालुओं ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन, स्थानीय लोगों, सुरक्षा बलों तथा सेवा दलों द्वारा दी गई सहायता की हृदय से सराहना की। इनमें से कुछ श्रद्धालु पैदल चंले, तो कुछ ने पालकी व घोड़ों का सहारा लिया।