फीस निर्धारण कमेटी की कश्मीर के एक बड़े स्कूल पर कड़ी कार्रवाई, नियमों का पालन नहीं करने पर उठाया सख्त कदम
श्रीनगर के बिरला ओपन माइंड्स बोटेंगू अनंतनाग स्कूल पर फीस निर्धारण नियमों का उल्लंघन करने के कारण फीस वसूलने पर रोक लगा दी गई है। फीस फिक्सेशन एंड रेगुलेशन कमेटी (एफएफआरसी) ने स्कूल द्वारा समय पर फीस प्रस्ताव प्रस्तुत न करने पर यह कार्रवाई की। स्कूल को शैक्षणिक सत्र शुरू होने से पहले प्रस्ताव देना अनिवार्य था जिसका पालन नहीं किया गया।

डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। निजी स्कूलों की फीस फिक्सेशन एंड रेगुलेशन कमेटी (एफएफआरसी) ने नियमों का पालन न करने पर कड़ी कार्रवाई करते हुए, बिरला ओपन माइंड्स बोटेंगू अनंतनाग के प्रबंधन को छात्रों से किसी भी प्रकार की फीस वसूलने पर रोक लगा दी है। फीस फिक्सेशन एंड रेगुलेशन कमेटी को समय पर प्रस्ताव प्रस्तुत न करने पर स्कूल के खिलाफ यह कदम उठाया गया है।
एफएफआरसी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति सुनील हाली (पूर्व न्यायाधीश) द्वारा हस्ताक्षरित नोटिस के अनुसार, स्कूल के प्रधानाचार्य को सूचित किया गया है कि दो सप्ताह का समय दिए जाने के बावजूद, यह पाया गया है कि आपका संस्थान जम्मू और कश्मीर निजी स्कूल (शुल्क निर्धारण, निर्धारण एवं विनियमन) नियम, 2022 के नियम 8 के अनुसार फीस निर्धारण, निर्धारण एवं विनियमन हेतु अपेक्षित फाइल प्रस्तुत करने में विफल रहा है।
आपको बता दें कि नियम के अनुसार प्रत्येक निजी स्कूल को शैक्षणिक सत्र शुरू होने के तीन महीने पहले निर्धारित प्रपत्र पर प्रस्ताव प्रस्तुत करना अनिवार्य है। एफएफआरसी के नोटिस में लिखा है, "हालांकि, आज तक आपके स्कूल ने ऐसा कोई अनुपालन नहीं किया है।"
नोटिस के अनुसार स्कूल के प्रिंसिपल को यह स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि "वे छात्रों से कोई फीस न लें क्योंकि इसे एफएफआरसी द्वारा अनुमोदित या विनियमित नहीं किया गया है।" अगर स्कूल ऐसा करता है तो उसे आदेश की अवहेलना माना जाएगा।
एफएफआरसी ने के साथ ही सभी छात्रों और अभिभावकों को भी यह सलाह दी कि वे अगले आदेश तक स्कूल प्रबंधन द्वारा मांगे जाने के बावजूद किसी भी प्रकार की फीस न दें।" अगर उन पर किसी तरह का दबाव बनाया जाता है तो वे इसकी सूचना उन्हें दे सकते हैं।
एफएफआरसी ने स्कूल को सूचित किया है कि उसके निरंतर गैर-अनुपालन को देखते हुए आपके स्कूल की मान्यता रद करने और उक्त नियमों के नियम 8डी के अनुसार स्कूल द्वारा अर्जित राजस्व का 109 प्रतिशत जुर्माना लगाने के लिए सक्षम प्राधिकारी को उचित सिफारिश हेतु मामला समिति के समक्ष रखा जा रहा है।
नोटिस में यह चेतावनी भी दी कि इसे इस मामले में अंतिम सूचना माना जाए। गैर-अनुपालन के परिणाम पूरी तरह से आपके संस्थान के लिए ठीक नहीं होंगे।
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