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    'यह एहसान नहीं हमारा हक है...', जम्मू-कश्मीर के राज्य के दर्जे को लेकर बोले फारूक अब्दुल्ला

    Updated: Fri, 18 Jul 2025 04:40 PM (IST)

    नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देना कोई एहसान नहीं बल्कि उनका हक है। उन्होंने कांग्रेस नेताओं द्वारा प्रधानमंत्री को लिखे पत्र का स्वागत किया और आगा सैयद रूहुल्लाह को मनाने की कोशिशों के बारे में भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि राज्य का दर्जा बहाल करना राजनीतिक और नैतिक रूप से जरूरी है।

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    डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने एक बार फिर से राज्य की दर्जे की मांग की है। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने शुक्रवार को राज्य के दर्जे की मांग को दोहराते हुए कहा कि यह हम पर कोई एहसान नहीं है, यह हमारा हक है और यह मिलना चाहिए।

    आज यानी 18 जुलाई को बडगाम में सांसद आगा सैयद रूहुल्लाहह मेहदी की चाची के देहांत पर संवेदना जताने के बाद पत्रकारों के साथ एक संक्षिप्त बातचीत में डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को जितनी जल्दी राज्य का दर्जा मिलेगा, उतना ही बेहतर होगा।

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    अलबत्ता, उनके बडगाम दौरे ने राजनीतिक हल्कों में भी एक नई चर्चा को जन्म दिया है। कहा जा रहा है कि वह नाराज आगा सैयद रूहुल्लाहह मेहदी को मनाने का प्रयास कर रहे हैं।

    'जम्मू-कश्मीर को जल्द से जल्द राज्य का दर्जा मिले'

    डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को राज्य के दर्जे से वंचित कर, इसे एक केंद्र शासित प्रदेश बनाकर, केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर और इसकी जनता को उसके एक लोकतांत्रिक व संवैधानिक अधिकार से वंचित कर रखा है। इससे अंतत: लोकतंत्र को ही नुकसान हो रहा है और लोगों में गुस्सा पैदा होगा।

    उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर को जल्द से जल्द राज्य का दर्जा मिलना चाहिए। केंद्र सरकार को, प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को जनता के साथ किए अपने वादे को पूरा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा लौटाना न सिर्फ राजनीतिक रूप से जरूरी है बल्कि यह एक नैतिक जिम्मेदारी भी है, जिसे जल्द पूरा किया जाना चाहिए।

    खरगे और राहुल गांधी का जताया आभार

    कांग्रेस नेताओं द्वारा प्रधानमंत्री को जम्मू-कश्मीर के राज्य के दर्जे की बहाली क संदर्भ में लिखे पत्र का स्वागत करते हुए डॉ. अब्दुल्ला ने कहा कि मैं राज्य का दर्जा बहाल करने के संबंध में प्रधानमंत्री को पत्र लिखने के लिए मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी का आभार व्यक्त करता हूं।

    उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को एक बात अच्छी तरह से याद रखनी चाहिए कि राज्य का दर्जा हमारा अधिकार है, कोई एहसान नहीं है। यह उसे देना ही होगा।

    इस बीच, सांसद आगा सैयद रूहुल्लाह के एक निकट संबंधी निधन पर संवेदना जताने के लिए डॉ. फारूक अब्दुल्ला के उनके घर पहुंचने से कश्मीर के राजनीतिक हल्कों में सियासी अटकलों ने जन्म ले लिया है। सभी इसे संवेदना जताने के साथ आगा सैयद रूहुल्लाह को नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेतृत्व द्वारा मनाए जाने की कोशिशों के रूप में देखा जा रहा है।

    आगा सैयद रूहुल्लाह की नाराजगी पड़ सकती है महंगी

    बडगाम में निकट भविष्य में उपचुनाव होना है और ऐसे में आगा सैयद रूहुल्लाह की नाराजगी नेशनल कान्फ्रेंस के लिए भारी साबित हो सकती है। आगा सैयद रूहुल्लाहह मेहदी बडगाम में अपनी मर्जी का उम्मीदवार चाहते हैं और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला अपने करीबी नासिर असलम वानी को मैदान में उतारना चाहते हैं।

    इसके अलावा अनुच्छेद 370, आरक्षण व अन्य मुद्दों पर भी सांसद आगा सैयद रूहुल्लाहह मेहदी की उमर अब्दुल्ला से पटरी नहीं बैठ रही है। उमर अब्दुल्ला ने उन्हें मनाने के लिए कुछ माह पहले उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी और नासिर असलम वानी को भी उनके पास भेजा था, लेकिन बात नहीं बनी थी।

    आगा सैयद रूहुल्लाह ने गत माह सोपोर में एक बैठक में पार्टी नेतृत्व का नाम लिए बगैर कहा था कि मौजूदा दौर में राजनीति के उसूल बदलते जा रहे हैं, लोग ईमानदार नहीं हैं, जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे की बहाली और जम्मू-कश्मीर के लोगों के हक लिए लड़ने के लिए ईमानदार लाेगों का साथ चाहते हैं।

    उनके इस बयान की राजनीतिक गलियारों में खूब चर्चा हुई थी। सभी जानते हैं कि आगा सैयद रूहुल्लाह मेहदी डॉ. फारूक अब्दुल्ला के करीबी हैं। इसलिए समझा जा रहा है कि उन्हें मनाने के लिए अब स्वयं डॉ. अब्दुल्ला सक्रिय हुए हैं।

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