'उम्मीद है संविधान की रक्षा की जाएगी', गणतंत्र दिवस पर फारूक अब्दुल्ला ने की राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग
गणतंत्र दिवस के मौके पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग की। उन्होंने कहा कि लोगों की आकांक्षाओं का सम्मान होना चाहिए और संविधान की रक्षा होनी चाहिए। श्रीनगर में गणतंत्र दिवस समारोह में फारूक अब्दुल्ला शामिल हुए। उन्होंने कहा कि आज शुभ दिन है लोगों की आकांक्षाओं का सम्मान होना चाहिए।

पीटीआई, श्रीनगर। नेशनल कॉन्फ्रेंस के राष्ट्रीय अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर कहा कि लोगों की आकांक्षाओं का सम्मान किया जाना चाहिए और जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल किया जाना चाहिए।
पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ने रविवार को श्रीनगर में गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लिया। फारूक अब्दुल्ला ने बख्शी स्टेडियम में संवाददाताओं से कहा कि यह एक शुभ दिन है, भारत एक गणतंत्र है।
हमें उम्मीद है कि संविधान की रक्षा की जाएगी और जम्मू-कश्मीर के लोगों की आकांक्षाओं का सम्मान किया जाएगा। राज्य का दर्जा बहाल किया जाना चाहिए।
फारूक अब्दुल्ला लगातार उठाते रहते हैं मांग
बता दें कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव से पहले भी फारूक अब्दुल्ला लगातार राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग करते रहे हैं। उन्होंने चुनाव के समय अपने घोषणा पत्र में भी यह वादा किया था। फारूक अब्दुल्ला ने अपनी मांग में कहा था कि केंद्र सरकार को जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करना चाहिए।
इससे पहले श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाशोत्सव पर गुरुद्वारा यादगार श्री गुरु नानक देव जी चांद नगर जम्मू में पहुंचे फारूक ने संगत को संबोधित कर यह मांग उठाई थी। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर की जनता की यही पुकार है कि राज्य का दर्जा बहाल हो।
राज्य का दर्जा की पुनर्बहाली के लिए प्रस्ताव पारित
वहीं, दूसरी तरफ मुख्यमंत्री के रूप में अपना कार्यभार संभालने के बाद उमर अब्दुल्ला ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा की पुनर्बहाली के लिए एक प्रस्ताव पारित किया था। उन्होंने बैठक में अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण के खिलाफ कोई जिक्र नहीं किया था। हालांकि, कैबिनेट बैठक को लेकर प्रदेश सरकार ने कोई अधिकारिक बयान जारी नहीं किया था।
उमर अब्दुल्ला सरकार पर लगातार निशाना साध रही विरोधी पार्टी
हालांकि, राज्य का दर्जा अभी तक बहाल नहीं होने पर विरोधी पार्टियों ने लगातार उमर सरकार पर निशाना साध रही है। पीपुल्स कान्फ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की युवा इकाई के नेता वहीद उर रहमान पारा ने उमर अब्दुल्ला की आलोचना की थी। उन्होंने कहा कि कैबिनेट ने राज्य के दर्जे की बहाली का प्रस्ताव पारित कर एक तरह से पांच अगस्त 2019 के केंद्र सरकार के फैसले को सही ठहराया है।
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