Article 370 हटाने का समर्थन कर रहे थे फारूक अब्दुल्ला? पूर्व RAW चीफ की किताब से मचा हड़कंप
पूर्व रॉ प्रमुख एएस दुल्लत की किताब द चीफ मिनिस्टर एंड द स्पाई में फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) पर अनुच्छेद 370 (Article 370) हटाने का समर्थन करने का आरोप लगाया गया है। सज्जाद लोन और महबूबा मुफ्ती इसको लेकर नेकां पर हमलवार हैं। फारूक अब्दुल्ला ने इन दावों को बेबुनियाद बताया है। इस किताब ने जम्मू-कश्मीर की राजनीति में हलचल मचा दी है।

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। पूर्व रॉ प्रमुख एएस दुल्लत की किताब द चीफ मिनिस्टर एंड द स्पाई (The Chief Minister and the Spy) ने बाजार में उतरने से पहले ही जम्मू कश्मीर की सियासत में तहलका मचा दिया है। उन्होंने अपनी किताब में नेशनल कॉन्फ्रेंस नेकां के अध्यक्ष डॉ फारूक अब्दुल्ला (Dr. Farooq Abdullah) पर अनुच्छेद 370 (Article 370) के निरस्तीकरण का समर्थन करने और भाजपा के साथ सरकार बनाने पर सहमत होने का आरोप लगाया है।
हालांकि डॉ फारूक अब्दुल्ला ने दुल्लत के दावों को खंडन करते हुए कहा कि किताब में बहुत कुछ बेबुनियाद लिखा है,लेकिन पीपुल्स कॉन्फ्रेंस पीसी के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी पीडीपी की इल्तिजा मुफ्ती ने कहा कि दुल्लत के खुलासों से उन्हें कोई हैरानी नहीं हुई है। जम्मू कश्मीर के साथ नेकां के विश्वासघात का एक और सुबूत सामने आया है।
सज्जाद लोन ने नेकां पर बोला हमला
पीसी के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन ने कहा कि मुझे इस खुलासे पर कोई आश्चर्य नहीं हुआ है। डॉ फारूक अब्दुल्ला और प्रधानमंत्री के बीच चार अगस्त 2019 की मुलाकात मेरे लिए कभी रहस्य नहीं रही।
उन्होंने कहा कि दुल्लत साहब के दावों पर सवाल नहीं उठाया जा सकता, क्योंकि उनकी और डॉ फारूक अब्दुल्ला की घनिष्ठता सभी जानते हैं। दोनों एक दूसरे की परछाई जैसे ही हैं। उन्होंने कहा कि नेकां अब इन दावों को नकारते हुए , इसे नई दिल्ली व अपने विरोधियों का षडयंत्र करार देते हुए रोएगी। वह हर बार यही करती है।
सज्जाद लोन ने नेकां- भाजपा के बीच सांठगांठ का दावा करते हुए व्यंग्य भरे लहजे में कहा कि नेकां के विधाायक नेता प्रतिपक्ष सुनील शर्मा व अन्य भाजपा नेताओं से मिलते हैं और कहते हैं कि हम तो आपके कुंभ में बिछड़े हुए भाई हैं। मैं तो पहले सही मानता हूं कि पांच अगस्त 2019 को जो हुआ, वह पहले से तय था और वर्ष 2024 में नेंका को उसका इनाम मिला है।
लोन पर एक्स पर लिखी ये बात
सज्जाद लोन ने इसी क्रम में एक्स पर अपनी एक प्रतिक्रिया में लिखा है कि दुल्लत साहब ने अपनी किताब में लिखा है कि फारूक अब्दुल्ला ने निजी तौर अनुच्छेद 370 को हटाने का समर्थन किया था। पोस्ट में लिखा है। संयोग से, दुल्लत साहब दिल्ली के कुख्यात अंकल और आंटी ब्रिगेड के प्रसिद्ध अंकल हैं। बेशक नेकां इससे इंकार करते हुए इसे नेकां के खिलाफ़ एक और साजिश कहेगी। उसने विक्टिम कार्ड खेलने में महारत हासिल कर ली है।
उन्होंने आगे लिखा है कि मेरे अंकल आंटी मेरे इसी प्रतिक्रिया का संज्ञान लेंगे और भाजपा से ऐसे ट्वीटरों को सबक सिखाने की गुहार लगाएंगे। मैं फारूक साहब को यह कहते हुए देख सकता हूं- हमें रोने दो - तुम अपना काम करो - हम तुम्हारे साथ हैं - अब ऐसा लगता है कि 2024 में उन्हें 2019 में की गई सेवाओं का पुरस्कार मिला है। बेशक, राष्ट्रीय हित में।
महबूबा मुफ्ती ने भी दी प्रतिक्रिया
इस बीच, पीडीपी नेता इल्तिजा मुफ्ती ने कहा कि दुल्लत साहब जो हमेशा डॉ फारूक अब्दुल्ला की प्रशंसा करने लिए,उनके खास दोस्त के रूप में जाने जाते हैं। अब उन्होने ही बताया है कि डॉ फारूक अब्दुल्ला अनुच्छेद 370 को खत्म करने के केंद्र के कदम के साथ जुड़े हुए थे।
उन्होंने कहा कि वह इसका विरोध करने के लिए संसद में खड़ा होने के बजाय, श्रीनगर में ही रहे और इसे सामान्य बनाने के लिए दिल्ली के साथ सक्रिय रहे। जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने से कुछ दिन पहले अब्दुल्ला और पीएम के बीच क्या हुआ, इस पर पहले से ही संदेह था।
फारूक बोले- मुझे अफसोस है कि...
नेकांध्यक्ष डॉ फारूक अब्दुल्ला ने एएस दुल्लत की किताब में किए गए दावों और अपने विरोधियों के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि किताब में बहुत कुछ बेबुनियाद लिखा गया है, किताब में इतनी गलतियां हैं मैं बयान नहीं कर सकता। अफसोस है कि वह मुझे दोस्त कहता है,लेकिन दोस्त ऐसी बातें नहीं लिख सकता।
उन्होंने कहा कि उसने दावा किया है कि 1996 में जब मैंने हुकूमत बनाई तो उससे पूछा था कि किसको मंत्री बनाऊं, उसने कहा है कि उसने छोटा मंत्रिमंडल बनाने को कहा,लेकिन मैनें तो 25 मंत्री बनाए। वह कहता है कि मैं उससे हर विषय में सलाह करता था, लेकिन मुख्यमत्री तो सिर्फ अपनी कैबिनेट से सलाह करता है, लेता है, और इसके बारे में किसी को कुछ नहीं बताता। मैंने कभी उससे सलाह नहीं ली।
उन्होंने अपनी किताब में लिखा है कि हम भाजपा के साथ जाने को तैयार थे ,जो पूरी तरह गलत है, हम क्यों जाते। हम भाजपा के साथ समझौता नहीं कर सकते। हमें जेलों बंद रखा। अगर हमने 370 को हटाने का समर्थन करना होता तो हम राज्य विधानसभा में जम्मू कश्मीर की स्वायतत्ता की बहाली के लिए प्रस्ताव पारित नहीं करते।
फारूक अब्दुल्ला बोले कि वह कहता है कि उसके कहने पर मैने चुनाव लड़ा, लेकिन ऐसा नहीं है। मेरे पास अमेरिकन अंबैस्डर आया, फ्रैंक विजनर आया, उसने ही मुझे कहा था कि फारूक आपके लोग बहुत मुश्किल में है, तुम घबराओ, लोगों को इस मुश्किल से निकालो और हम चुनाव में उतरें।
वर्ष 2002 में जब चुनाव हुए तो यहां बहुत से राजनीतिक दल सामने आ गए, क्या 1996 में यह सब दल थे। वह कहता है कि मैं जो करता हूं उससे पूछ कर रकता हूं, यह पूरी तरह से गलत है, किताब में उसने गलत लिखा है।
इस मामले पर भाजपा ने क्या कहा?
इस बीच, भाजपा के प्रवक्ता सुनील सेठी ने कहा कि मुझे नहीं पता कि एएस दुल्लत ने अपनी किताब में यह सब क्यों लिखा है, लेकिन सच तो यह है कि जम्मू कश्मीर में बहुत से राजनीतिक दल सार्वजनिक तौर पर अनुच्छेद 370 का समर्थन करते हैं, लेकिन निजी तौर पर वह सभी मानते हैं कि इस अनुच्छेद के कारण ही जम्मू कश्मीर का नुकसान हुआ है।इसलिए मुझे एएस दुल्लत के दावों पर कोई हैरानी या संदेह नहीं है।
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