'सैन्य शिविरों के पास न लगाएं रेहड़ी, घरों में रहें सुरक्षित'; सुरक्षाबलों ने लोगों की सुरक्षा के लिए उठाए कदम
जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तानी गोलाबारी और ड्रोन हमलों के खतरे को देखते हुए भारतीय सुरक्षा बलों ने नागरिकों की सुरक्षा के लिए सख्त कदम उठाए हैं। सैन्य शिविरों के पास लाउडस्पीकर से घोषणाएँ की जा रही हैं कि लोग शिविरों के पास रेहड़ी न लगाएं और अनावश्यक रूप से न घूमें। सेना ने लोगों से घरों में रहने और बिना जरूरत बाहर न निकलने की अपील की है।

जागरण संवाददाता, जम्मू। जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान की ओर से लगातार की जा रही गोलाबारी और ड्रोन हमलों के मद्देनजर भारतीय सुरक्षा बलों ने आम नागरिकों की सुरक्षा को लेकर सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। सैन्य छावनियों के आसपास लगे इलाकों में लाउडस्पीकर के माध्यम से लगातार घोषणाएं की जा रही हैं कि लोग किसी भी स्थिति में सुरक्षाबलों के शिविरों के पास रेहड़ियां न लगाएं और न ही आसपास अनावश्यक रूप से घूमें।
सेना का कहना है कि पाकिस्तानी सेना का मुख्य निशाना इन दिनों सुरक्षा बलों के शिविर हैं, जिन्हें ड्रोन और मोर्टार के जरिए निशाना बनाया जा रहा है। ऐसे में अगर आसपास आम नागरिक मौजूद रहते हैं, तो उनके लिए यह स्थिति जानलेवा साबित हो सकती है। इसी कारण लोगों को बार-बार सतर्क किया जा रहा है कि वे अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता दें और अपने घरों में ही रहें।
खतरे की चपेट में आम नागरिक
सेना ने यह भी अपील की है कि लोग बिना किसी ठोस आवश्यकता के घरों से बाहर न निकलें। जम्मू के पलौडा, बन तालाब, चिन्नौर और जानीपुर जैसे क्षेत्रों में बीते 24 घंटों के दौरान पाकिस्तान की ओर से किए गए हमलों से स्पष्ट हो गया है कि आम नागरिक भी खतरे की चपेट में आ सकते हैं।
सेना के अधिकारियों का कहना है कि यह एहतियातन कदम हैं ताकि किसी प्रकार की अनहोनी को टाला जा सके। सुरक्षा बल अपनी पूरी जिम्मेदारी से सीमा और शिविरों की रक्षा कर रहे हैं, लेकिन नागरिकों का सहयोग भी उतना ही आवश्यक है।
जम्मू प्रशासन ने भी आम जनता से अपील की है कि वे सैन्य गतिविधियों और निर्देशों को गंभीरता से लें और सुरक्षा बलों द्वारा जारी चेतावनियों का पालन करें।
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