'मुबारक हो! किसी को तो लाया गया, लेकिन 15 लाख का क्या हुआ?' तहव्वुर राणा को लेकर ये क्या बोले फारूक अब्दुल्ला
फारूक अब्दुल्ला ने तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण पर केंद्र सरकार से काला धन वापस लाने और प्रत्येक नागरिक को 15 लाख रुपये देने के वादे के बारे में पूछा। उन्होंने सऊदी फतवा बोर्ड के फतवे का भी उल्लेख किया और वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के अधिकार का समर्थन किया साथ ही नेशनल कांफ्रेंस द्वारा सुप्रीम कोर्ट में मामला दायर करने की बात कही।

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने शुक्रवार को 26/11 के आरोपित तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण की आड़ में केंद्र सरकार पर काला धन वापस लाने और प्रत्येक नागरिक को 15 लाख रुपये देने के अधूरे वादे पर कटाक्ष किया। आज यहां एक बातचीत में पत्रकारों ने डॉ. फारूक अब्दुल्ला से तहव्वुर राणा को भारत लाए जाने के संदर्भ में उनकी राय जानने का प्रयास किया।
डॉ. अब्दुलला ने कहा कि मुबारक हो, किसी को तो वापस लाया। इसके साथ ही उन्होंने कहा काला धन वापस लाने के वादे का क्या हुआ? हर नागरिक को मिलने वाले 15 लाख रुपये कहां हैं? उन्होंने केंद्र सरकार को जनता को अतीत में किए गए अधूरे वादों की याद दिलाई और सरकार की प्राथमिकताओं पर सवाल उठाए।
सऊदी अरब के फतवे का किया जिक्र
फारूक अब्दुल्ला ने इस अवसर पर सऊदी अरब के फतवा बोर्ड द्वारा जारी फतवे की तरफ भी ध्यान दिलाया। उन्होंने कहा कि इस समय सबसे अहम यह फतवा है। उन्होंने कहा कि कोशिश हो रही थी कि यहूदियों, ईसाइयों और मुस्लिमों की धार्मिक किताबों को एक ही साथ लिखा जाए, उनके धर्मस्थल एक स्थान पर हों।
फतवा बोर्ड ने स्पष्ट कर दिया है कि आखिर मजहब इस्लाम है और पाक कुरान ही अंतिम है। अंतिम पैगम्बर हजरत मुहम्मद है और जो इससे पीछे हटेगा या इस विश्वास का विरोध करता है, वह दुश्मन-ए-इस्लाम है। वह जहन्नुम में जाएंगे और उनके साथ देने वाले भी जहन्नुम में जाएंगे।
वक्फ संशोधन बिल पर क्या बोले फारूक अब्दुल्ला
वक्फ संशोधन अधिनियम के मुद्दे पर पीडीपी द्वारा आज श्रीनगर में किए गए विरोध प्रदर्शन पर फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि हुजूर अच्छा है, विरोध प्रदर्शन करें, यह आजाद वतन है, सभी को आजादी है, जिसे जितना करना है विरोध प्रदर्शन कर सकता है।
उन्होंने कहा कि जहां तक नेशनल कॉन्फ्रेंस का सवाल है, हम इसके खिलाफ हैं और वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में मामला दायर कर रहे हैं।
यह भी पढ़ें- 35 किमी की ट्रैकिंग, बर्फ से ढके पहाड़... किश्तवाड़ की सफेद चादर में छुपा है मचैल मंदिर, बैसाखी पर खुलेंगे कपाट
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।