जम्मू-कश्मीर के विकास को लेकर सीएम उमर ने बोली यह बात, कहा- स्वास्थ्य और शिक्षा व्यवस्था में सुधार के बिना सब अधूरा
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि स्वास्थ्य और शिक्षा में सुधार के बिना जम्मू-कश्मीर का विकास अधूरा है। श्रीनगर के बोन और ज्वाइंट अस्पताल में अतिरिक्त ब्लॉक के उद्घाटन पर उन्होंने कहा कि बेहतर इलाज और शिक्षा के बिना विकास संभव नहीं है। उन्होंने पिछली सरकारों की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने कश्मीर में आठ साल तक राज किया लेकिन कुछ नहीं किया।

राज्य ब्यूरो, जागरण, श्रीनगर। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा कि स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा व्यवस्था में सुधार के बिना जम्मू-कश्मीर का विकास अधूरा रहेगा। उन्होंने कहा कि बिजली परियोजनाएं, सड़कें और अन्य कार्य बाद में आते हैं। लेकिन अगर लोगों को बेहतर इलाज नहीं मिलेगा और बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं मिलेगी तो कभी विकास नहीं होगा।
मुख्यमंत्री ने यह बात श्रीनगर के बरजुला स्थित बोन और ज्वाइंट अस्पताल में 120 बिस्तरों की क्षमता वाले अतिरिक्त ब्लाक का उदघाटन करने के बाद कही। बोन और ज्वाइंट अस्पताल का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि बड़ी बाधाओं के बावजूद इस अस्पताल ने मरीजों का इलाज जारी रखा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2014 की बाढ़ में यह पूरी तरह से जलमग्न हो गया था और 2022 में फिर से एक भीषण आग ने इसकी एक मुख्य इमारत को नष्ट कर दिया लेकिन सेवाएं कभी बंद नहीं हुईं। अस्पताल के चारों आपरेशन थियेटर जल गए। अस्पताल में छह महीने तक छत नहीं थी लेकिन डाक्टरों ने चंद दिनों में ही इलाज शुरू कर दिया था। यही शेर-ए-कश्मीर का नजरिया था। वह चाहते थे कि अस्पताल सर्वश्रेष्ठ हो।
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उन्होंने बताया कि इस अस्पताल का उद्घाटन शेर-ए-कश्मीर ने 15 मई 1982 को अपनी मृत्यु से कुछ महीने पहले किया था जिससे यह उनसे जुड़ी आखिरी परियोजनाओं में से एक बन गई। आज मेरी खुशकिस्मती है कि इसी अस्पताल के एक नए ब्लाक का उदघाटन मेरे हाथों हुआ।
मुख्यमंत्री ने बताया कि यह अस्पताल कश्मीर के अतिरिक्त पीर पंजाल राजौरी, कारगिल और अन्य इलाकों के मरीजों की सेवा करता है और उन्होंने याद किया कि गिरने के बाद उनका खुद का इलाज भी यहीं हुआ था।
पिछली सरकारों की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने चुनाव से पहले कश्मीर में आठ साल तक राज किया। उन्होंने क्या किया? उन्होंने आगे कहा कि हम जम्मू-कश्मीर के लोगों के अलावा किसी पर निर्भर नहीं हैं। हमें कम मत आंकिए और न ही हमारी विनम्रता को कमज़ोरी समझिए।
मैने भी यहीं करवाया था इलाज
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जब वह छोटे थे और अस्पताल को बने भी कुछ ही समय हुआ था तो उनका इलाज भी यहीं पर हुआ था। मैं खुद भी साइकिल चलाते हुए उछल-कूद कर रहा था तो मेरी हड्डी टूट गई। रविवार के दिन दुर्घटना हुई। उन दिनों रविवार को लिफ्ट नहीं चलती थी। स्ट्रेचर हाथ में उठाकर मुझे आपरेशन थियेटर ले गए। दो बार सर्जरी करने के बाद मेरी हड्डी ठीक हुई। लेकिन यह इसी अस्पताल के डाक्टर थे जिनके कारण आज तक ठीक हूं और दौड़ता भी हूं।
अगर कर्मचारी अधिक हैं तो फिर कमी क्यों
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह जब भी बैठकों में जाते हैं तो उनसे कहा जाता है कि सरकारी कर्मचारी बहुत हैं लेकिन जब यहां बैठकें करते हैं तो विधायक बार-बार कहते हैं कि डाक्टर, इंजीनियर, शिक्षक सब कम हैं। फिर सोचता हूं कि अगर इतने अधिक कर्मचारी हैं तो फिर कमी क्यों। उन्होंने कहा कि दिल्ली की समझ और यहां की असलियत में फर्क है। दूरदराज के क्षेत्रों में आज भी डाक्टरों की कमी है। अस्पताल में नए पदों की जरूरत है और हम यहां नए पदों को सृजित कर वित्त विभाग से मंजूरी दिलाएंगे।
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आठ महीने कोई शिकायत नहीं की
उमर ने कहा कि उन्होंने आठ महीने कोई शिकायत नहीं की। खामोशी से सहता रहता। अगर कल का हादसा नहीं होता तो आपको हमारी हालत का पता नहीं चलता। शायद वह यह दिखाना चाहते थे कि वे हमारे लिए कितनी रूकाबटें पैदा कर सकते हैं लेकिन हम अपनी मंजिल से नहीं हटेंगे। इस प्रदेश के लोगों ने हमें यहां बिठा कर रखा है। हम लोगों की खिदमत और नुमायंदगी करते रहेंगे। उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी और स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री सकीना इट्टू ने भी अपने विचार रखे।
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