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    इतिहास से छेड़छाड़ गलत, खासकर जब राजनेता अपने फायदे के लिए ऐसा करें; एनसीईआरटी किताबों में छेड़छाड़ के आरोपों पर बोले सीएम उमर

    Updated: Tue, 19 Aug 2025 07:15 PM (IST)

    मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने राजनीतिक दलों से इतिहास से छेड़छाड़ न करने का आग्रह किया। उन्होंने एनसीईआरटी की किताबों में ऐतिहासिक तथ्यों के साथ छेड़छाड़ के आरोपों पर चिंता जताई और कहा कि छात्रों को सच्चाई जानने का अवसर मिलना चाहिए। उन्होंने राज्य के दर्जे के लिए अपनी पार्टी के अभियान का बचाव किया।

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    उपराष्ट्रपति चुनाव पर केंद्र के रवैये पर सवाल उठाया।

    राज्य ब्यूरो, जागरण, श्रीनगर। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को राजनीतिक दलों से अपने एजेंडे के लिए इतिहास से खिलवाड़ न करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा राजनीति के लिए इतिहास से छेड़छाड़ खतरनाक साबित हो सकती है।

    छात्रों को सच्चाई जानने का मौका मिलना चाहिए। उन्हें इतिहास और तथ्य ज्यों के त्यों पढ़ाए जाने चाहिए और उन्हें खुद निर्णय लेने का अवसर दिया जाना चाहिए। उन्होंने यह प्रतिक्रिया एनसीईआरटी की किताबों में ऐतिहासिक तथ्यों के साथ कथित छेड़छाड़ के आरोपों पर व्यक्त की है।

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    आज यहां शेरे कश्मीर इंंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर एसकेआइसीसी में कश्मीर स्कूल निदेशालय द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी-2020) पर आयोजित एक सेमिनार में भाग लेने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि इतिहास से छेड़छाड़ करना गलत है, खासकर जब राजनेता अपने फायदे के लिए ऐसा करते हैं।

    सरकारें बदलती रहती हैं, और अगर आज एक पार्टी इतिहास को फिर से लिखती है, तो कल कोई दूसरी पार्टी उनके खिलाफ भी ऐसा ही कर सकती है। बच्चों को असली इतिहास पढ़ने समझने दें,उन्हें स्वयं निर्णय लेने दें।

    वह एनसीईआरटी के संशोधित माड्यूल से जुड़े विवाद पर पूछे गए एक प्रश्न का उत्तर दे रहे थे, जिसमें विभाजन के लिए मुहम्मद अली जिन्ना के साथ-साथ कांग्रेस को भी ठहराया गया है। उमर ने इसका कड़ा विरोध करते हुए कहा यह इतिहास में राजनीतिक दखलअंदाजी है इसे बंद किया जाना चाहिए यह सही नहीं है। यह खतरनाक प्रवृत्ति है, इससे बचा जाना चाहिए।

    उन्होंने कहा कि भारत के विभाजन में अंग्रेजों की भूमिका और उस समय की राजनीतिक परिस्थितियों को सच्चाई से प्रस्तुत किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अंग्रेजों ने ही हमें बर्बाद किया। भारत के विभाजन की मांग कैसे उठी थी,क्यों उठी थी, और यह तथ्य बना रहना चाहिए। लेकिन इसमें राजनीति लाना और राजनीतिक दुराग्रह के आधार पर किसी को जिम्मेदार बताना गलत है।

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    राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए अपनी पार्टी के चल रहे हस्ताक्षर अभियान की विपक्ष द्वारा की जा रही आलोचना का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सिर्फ दिखावे के लिए यह अभियान नहीं चला रहे हैं।

    अगर कोई ऐसा आरोप लगाता है तो वह गलत है। रही बात विपक्ष के विरोध की, विपक्ष का काम ही विरोा और आलोचना होता है। अगर वह राज्य का दर्जा नहीं चाहते या लोगों से मिलना नहीं चाहते, तो यह उनकी मर्जी है। हम जनता के बीच गए और उनसे बातचीत की, और अगर दूसरे लोग इसके लिए हमारी आलोचना करते हैं, तो यह उनका अपना काम है।

    जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद आगामी उपराष्ट्रपति चुनाव पर उमर अब्दुल्ला ने केंद्र के रवैये पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि हमें अभी भी समझ नहीं आ रहा है कि यह चुनाव क्यों कराया गया। जब से धनखड़ साहब ने पद छोड़ा है, वह नजर नहीं आए हैं। मैं उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं, लेकिन मेरा दृढ़ विश्वास है कि इंडिया ब्लाक का उम्मीदवार ही जीतेगा।

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