चॉकलेट, ID चिप्स और खून के निशान; पहलगाम हमले का पाक कनेक्शन, Operation Mahadev में मारे गए तीनों आतंकी निकले पाकिस्तानी
श्रीनगर में ऑपरेशन महादेव के दौरान मारे गए तीन आतंकवादियों के पाकिस्तानी होने के पुख्ता सबूत मिले हैं। सुरक्षा एजेंसियों को पाकिस्तान सरकार द्वारा जारी दस्तावेज और बायोमीट्रिक डेटा सहित कई अहम साक्ष्य मिले हैं। इन आतंकवादियों की पहचान लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों के रूप में हुई है जो पहलगाम हमले में शामिल थे। सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार बरामद साक्ष्यों से पता चलता है।

पीटीआई, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में ऑपरेशन महादेव के तहत सुरक्षाबलों को तीन आतंकवादियों के ढेर करने के मामले में बड़ी जानकारी हाथ लगी है। सुरक्षा एजेंसियों ने पाकिस्तान सरकार द्वारा जारी दस्तावेजों और बायोमीट्रिक डेटा सहित कई सबूत इकट्ठा किए हैं। इससे साबित होता है कि पहलगाम हमले में शामिल तीनों आतंकवादी पाकिस्तानी थे।
वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने कहा कि पहली बार पाकिस्तानी सरकार द्वारा जारी दस्तावेज हमारे हाथ लगे हैं। हालांकि, अधिकारियों ने यह भी बताया कि जो साक्ष्य जुटाए गए हैं, उसे पता चला है कि इन आतंकवादियों में कोई स्थानीय व्यक्ति शामिल नहीं था।
अधिकारियों ने बताया कि 'ऑपरेशन महादेव' के दौरान और उसके बाद जुटाए गए फोरेंसिक, दस्तावेजी और साक्ष्यों से पता चलता है कि तीनों आतंकवादी पाकिस्तानी थे।
इस जंगल में छुपे थे आतंकी
लश्कर-ए-तैयबा के कुख्यात आतंकवादियों के रूप में इसकी पहचान हुई है। सुरक्षाबलों ने इन आतंकवादियों को ऑपरेशन महादेव के तहत 28 जुलाई को मार गिराया था। ये आतंकवादी 22 अप्रैल को हुए पहलगाम हमले के बाद दाचीगाम हरवान वन क्षेत्र में छुपे हुए थे।
मारे गए आतंकवादियों की पहचान पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड, ए++ श्रेणी का आतंकवाद और मुख्य शूटर हाशिम मूसा उर्फ सुलेमान शाह उर्फ फैजल जट्ट के रूप में हुई है। उसका करीबी सहयोगी अबू हमजा उर्फ 'अफगान', जो ए-ग्रेड कमांडर और दूसरा बंदूकधारी था। यासिर उर्फ 'जिब्रान', वह भी ए-ग्रेड कमांडर और तीसरा बंदूकधारी था।
ऐसे निकला पाकिस्तान कनेक्शन
अधिकारियों ने कहा कि एनएडीआरए से जुड़े स्मार्ट आईडी चिप्स, क्षतिग्रस्त सैटेलाइट फोन से बरामद एक माइक्रो एसडी में तीनों आतंकियों के एनएडीआरए बायोमेट्रिक रिकॉर्ड थे।
अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तान में निर्मित निजी सामान जैसे 'कैंडीलैंड' और 'चोकोमैक्स' चॉकलेट (दोनों कराची में उत्पादित ब्रांड) के रैपर उसी रकसैक में पाए गए। उन्होंने आगे कहा कि रैपरों पर छपे लॉट नंबर मई 2024 में मुजफ्फराबाद, पीओके भेजे गए माल के थे।
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