Baba Amarnath की पवित्र गुफा के लिए दशनामी अखाड़ा से रवाना हुई छड़ी मुबारक, जानिए क्या होगा यात्रा शेड्यूल
जम्मू-कश्मीर में बाबा अमरनाथ यात्रा अपने अंतिम चरण में है। पवित्र छड़ी मुबारक श्रीनगर से पवित्र गुफा के लिए रवाना हो गई है। महंत दीपेंद्र गिरि के नेतृत्व में यह 9 अगस्त को रक्षा बंधन पर गुफा में दर्शन करेगी जिससे यात्रा का समापन होगा। इस वर्ष 4.10 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। यात्रा 3 जुलाई को शुरू हुई थी और 9 अगस्त को समाप्त होगी।

राज्य ब्यूरो, जागरण, जम्मू। बाबा अमरनाथ यात्रा की वार्षिक यात्रा समाप्ति की तरफ बढ़ रही है। बाबा अमरनाथ की पवित्र छड़ी मुबारक आज सोमवार को श्रीनगर के दशनामी अखाड़ा से पवित्र गुफा की तरफ रवाना हो गई।
महंत दीपेंद्र गिरि के नेतृत्व में छड़ी मुबारक नौ अगस्त को रक्षा बंधन वाले पवित्र गुफा के दर्शन करेगी। इसके साथ ही वार्षिक बाबा अमरनाथ यात्रा का समापन हो जाएगा। छड़ी मुबारक पारंपरिक पहलगाम रूट से जाएगी। हालांकि पहलगाम व बालटाल मार्गों के मरम्मत कार्यों को देखते हुए यात्रा को तीन अगस्त से श्रद्धालुओं के लिए निलंबित किया जा चुका है।
महंत दीपेंद्र गिरि पवित्र छड़ी के संरक्षक हैं। उनके नेतृत्व में पवित्र गदा मार्तंड सूर्य मंदिर पहुंची, वहीं उनकी पूजा की गई। 5 अगस्त को मट्टन के सूर्य मंदिर और गणेशबल मंदिर पहलगाम में पूजा के बाद छड़ी मुबारक पवित्र अमरनाथ मंदिर के लिए आगे बढ़ेगी।
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बुधवार 6 अगस्त को पवित्र छड़ी चंदनवारी के लिए रवाना होगी और इसके अगले दिन 7 अगस्त को शेषनाग में रहेगी। 8 अगस्त को पंचतरणी में और फिर 9 अगस्त श्रावण-पूर्णिमा की सुबह, यह गुफा मंदिर में दर्शन करने और अन्य अनुष्ठानों के साथ पूजा करने के लिए पहुंचेगी। फिर छड़ी मुबारक को महंत दीपेंद्र गिरि के नेतृत्व में दशमी अखाड़े में वापिस भेज दिया जाएगा। यह पारंपरिक अमरनाथ यात्रा के आरंभ का प्रतीक है। अब अगले वर्ष 2026 में शिव भक्तों को पवित्र अमरनाथ गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शनों का सौभाग्य प्राप्त होगा।
करीब 4.10 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने पवित्र गुफा के दर्शन कर लिए है। बाबा अमरनाथ की यात्रा तीन जुलाई से शुरु हुई थी जो इस साल 38 दिन की है जो 9 अगस्त को रक्षा बंधन वाले दिन संपन्न होगी। पहलगाम आतंकी हमले के बाद कश्मीर में पर्यटकों की संख्या में काफी कमी आ गई थी लेकिन बाबा अमरनाथ यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं के जोश व आस्था में कोई कमी नहीं आई।
वर्ष 2011 के बाद पांचवीं बार इस बार यात्रा ने चार लाख का आंकड़ा पार किया। जम्मू के यात्री निवास भगवती नगर से रवाना होने वाले जत्थे के मुकाबले में कहीं अधिक श्रद्धालुओं ने सीधे ही पहलगाम व बालटाल पहुंच कर यात्रा की। छड़ी मुबारक के दर्शन के बाद रक्षा बंधन वाले दिन यात्रा का समापन होगा जिसके तत्काल बाद यात्रा के दोनों मार्गों पर साफ सफाई का अभियान चलाया जाएगा।
यात्रा के दोनों मार्गों पर बने विभिन्न शिविरों में भी साफ सफाई का अभियान चलेगा। कचरे को ठिकाने लगाया जाएगा। इसी बीच यात्रा के निलंबित होने के साथ अधिकतर लंगर संचालकों ने लंगर समेटने शुरु कर दिए हैं। कुछ लंगर अंत तक लगे रहते है क्योंकि यात्रा के अंत में छड़ी मुबारक दर्शन करती है और सुरक्षा बलों की तैनाती बनी रहती है।
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