प्राकृतिक सुंदरता व पहाड़ों से घिरे हैं बाबा बुड्ढा अमरनाथ, यात्रा को ऐसे बनाएं यादगार; कब और कैसे पहुंचे? जानिए सबकुछ
जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में स्थित बाबा बुड्ढा अमरनाथ की यात्रा का विशेष महत्व है जो रक्षा बंधन से 10 दिन पहले शुरू होती है। यह मंदिर राजपुरा गांव में स्थित है और भगवान शिव को समर्पित है। मान्यता है कि भगवान शिव ने अमर कथा सुनाने की शुरुआत यहीं से की थी।

गगन कोहली, राजौरी। कश्मीर के अनंतनाग जिला में स्थित श्री अमरनाथ यात्रा के बारे में तो आप जानते ही हैं, आइए आपको जम्मू संभाग में प्राकृतिक सुंदरता से लकदक पहाड़ों से घिरे पुंछ जिले में श्री बुड्ढा अमरनाथ जी की यात्रा के साथ आसपास अन्य धार्मिक व रमणीक स्थलों की ओर ले चलते हैं। यकीन मानिए, यह यात्रा आपको जीवन में कभी न भूलने वाली यात्राओं में शामिल हो जाएगी।
पुंछ जिला में स्थित बाबा बुड्ढा अमरनाथ की यात्रा वैसे तो वर्ष भर चलती है। जम्मू-कश्मीर के अलावा देशभर से श्रद्धालु बाबा बुड्ढा अमरनाथ के दर्शन करने आते हैं, लेकिन हर वर्ष रक्षा बंधन से 10 दिन पहले जम्मू से श्री बाबा बुड्ढा अमरनाथ की यात्रा का महत्व और बढ़ जाता है, जो इस बार 27 जुलाई से आरंभ हो रही है।
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यह यात्रा भी जम्मू में श्री अमरनाथ यात्रा के आधार शिविर यात्री निवास से हर-हर महादेव के जयघोष व प्रशासन की ओर से किए जाने वाले व्यापक प्रबंधों के बीच प्रारंभ होती है।
श्रद्धालुओं के लिए बसों का भी इंतजाम किया जाता है। यात्री अपने वाहनों से भी पूरे सुरक्षा घेरे में रवाना हो सकते हैं। रक्षा बंधन से दो रोज पहले पवित्र छड़ी यात्रा भी निकलती है। दशनामी अखाड़ा पुंछ से पवित्र छड़ी को बाबा बुड्ढा अमरनाथ मंदिर लाया जाता है और वहां श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए इसे स्थापित किया जाता है।
कहां स्थित है मंदिर और कैसे पहुंचे
बाबा बुड्ढा अमरनाथ मंदिर जम्मू-कश्मीर में एक प्रसिद्ध हिंदू तीर्थस्थल है। यह मंदिर जम्मू संभाग के पुंछ जिला के मंडी तहसील के राजपुरा गांव में स्थित है। जम्मू से 244 किलोमीटर और पुंछ शहर से इसकी दूरी लगभग 25 किलोमीटर है।
यहां जम्मू से बस सेवा के अलावा छोटे यात्रा वाहनों या फिर अपने वाहन से भी पहुंचा जा सकता है। इस यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को बिल्कुल भी चलना नहीं पड़ता है।
मंदिर के बाहर वाहन खड़ा कर श्रद्धालु बाबा बुड्ढा अमरनाथ जी के दर्शन कर सकते हैं। यह मंदिर पीर पंजाल पर्वत माला की मुख्य श्रृंखला में स्थित है और दो नदियों नाला गगरी और पुलस्ता के संगम पर है।
मंदिर का महत्व
भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर श्री अमरनाथ गुफा के समान ही आस्था का प्रमुख केंद्र है। एक मान्यता है कि भगवान शिव ने मां पार्वती को अमर कथा सुनाने की शुरुआत यहीं से की थी, जो बाद में अमरनाथ गुफा में पूरी हुई थी।
एक मान्यता यह भी है कि यहां एक महिला को भवगन शिव ने बूढ़े बाबा के रूप में दर्शन दिए थे, इसलिए इन्हें बूढ़ा अमरनाथ कहा जाता है। मंदिर के अंदर सफेद पत्थर (चकमक) के रूप में प्राकृतिक शिवलिंग है।
कब करें यात्रा
पूरा वर्ष यहां श्रद्धालु दर्शन के लिए आ सकते हैं। विशेषकर श्रावण पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन को यहां एक विशाल मेले का आयोजन किया जाता है। यहां ठहरने के लिए उचित दरों पर होटल और होम स्टे भी उपलब्ध हैं।
इन धार्मिक व पर्यटन स्थलों पर भी जा सकते हैं
नंगाली साहिब गुरुद्वारा : पुंछ के नजदीक ही नंगाली साहिब गुरुद्वारा एक महत्वपूर्ण सिख तीर्थ स्थल है। यह शहर से लगभग चार किलोमीटर दूर द्रुंगली नाले के किनारे स्थित है। 1810 ई. में संत भाई मेला सिंह द्वारा स्थापित यह उत्तर भारत के सबसे पुराने सिख गुरुद्वारों में से एक है।
नवग्रह मंदिर : यह मंदिर पुंछ जिले के देरीया गांव अजोट में स्थित है। यह मंदिर नौ ग्रहों को समर्पित है। इसके अलावा यहां भगवान शंकर और वीर हनुमान की भी मूर्तियां स्थापित हैं।
नंदी छूल झरना : यात्री बाबा बुड्ढा अमरनाथ मंदिर से करीब 20 किलोमीटर दूर साब्जियां क्षेत्र में जाकर वहां पर नंदी छूल झरने का आनंद लेने के साथ सुंदर वादियों का नजारा भी ले सकते हैं।
पीर की गली : पुंछ जिला को कश्मीर घाटी के साथ जोड़ने वाले मुगल रोड से पहले पीर की गली बेहद सुंदर स्थल है, जो सर्दियों में बर्फ से ढका रहता है। गर्मियों में भी यहां की प्राकृतिक सुंदरता प्रभावित करती है।
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