झेलम नदी में मछली पकड़ते समय मछुआरे के जाल में फंसी मां दुर्गा की सदियों पुरानी मूर्ति, पुरातत्व विभाग को सौंपी
उत्तरी कश्मीर के बारामुला में झेलम नदी से मां दुर्गा की एक सदियों पुरानी पाषाण मूर्ति मिली है। मछुआरे नजीर अहमद लाटू ने मछली पकड़ते समय इसे खोजा। बारा ...और पढ़ें

पुरातत्व विभाग मूर्ति के काल और नदी में पहुंचने के कारणों की जांच कर रहा है।
जागरण संवाद केंद्र, बारामुला। उत्तरी कश्मीर के बारामुला में झेलम नदी में से मां दुर्गा की एक सदियों पुरानी पाषाण मूर्ति मिली है। बारामुला पुलिस ने शुक्रवार को सभी आवश्यक औपचारिकताओं को पूरा करते हुए मूर्ति पुरातत्व विभाग को सौंप दी है। पुलिस ने मूर्ति को दरिया से निकालने वाले मछुआरे नजीर अहमद लाटू को भी सम्मानित किया है।
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि जिला बारामुला के जोगियार इलाके में झेलम दरिया में गत गुरूवार को नजीर अहमद लाटू पुत्र गुलाम मोहम्मद लाटू झेलम दरिया में मछली पकड़ रहा था। बारामुला से आगे उड़ी के रास्ते में शीरी के पास झेलम दरिया में जब मछली पकड़ने के लिए उसने जाल फेंका तो वहां उसे मूर्ति मिली।
उसने तुरत मूर्ति को लिया और उसे एक सुरक्षित जगह पर रखा और निकटवर्ती शीरी पुलिस स्टेशन में पहुंचा।उसने पुलिस स्टेशन में पूरी बात बताई और पुलिस दल ने मूर्ति को उससे प्राप्त कर थाने में रखा। इसके साथ ही शीरी पुलिस थाना प्रभारी ने संबधित अधिकारियों को इस विषय में सूचित किया।
आज अभिलेखागार, पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग जम्मू कश्मीर के निदेशक के दिशा निर्देश में देवी दुर्गा की मूर्ति केा पुरातत्व विभाग के अधिकारियों को सौंप दिया गया। पुरातत्व विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मूर्ति किस काल में बनी है और यह जोगियार में झेलम दरिया में कैसे पहुंची,इसका पता लगाया जा रहा है।

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