Amarnath Yatra: शिव भक्ति के रंग में रंगने लगी कश्मीर घाटी, भक्तों के स्वागत लिए तैयारी तेज; सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम
श्रीनगर में अमरनाथ यात्रा 2025 की तैयारियां जोरों पर हैं। श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए आधार शिविरों की साफ-सफाई जारी है। श्रीनगर पहलगाम और बालटाल में शिविरों को तैयार किया जा रहा है जहाँ भक्तों के ठहरने और भोजन का प्रबंध होगा। सुरक्षा के भी कड़े इंतज़ाम किए गए हैं ताकि यात्रा शांतिपूर्वक संपन्न हो सके।

रजिया नूर, श्रीनगर। Amarnath Yatra 2025: आगामी श्री अमरनाथ जी की वार्षिक तीर्थयात्रा शुरू होने में अब चंद ही दिन हैं । काउंटडाउन शुरू हो चुका है और इस बीच धीरे-धीरे घाटी में शिव भक्ति का रंग चढ़ रहा है। तीर्थयात्रा को आने वाले भोले के भक्तों का स्वागत तथा उनके लिए इस पवित्र यात्रा के दौरान उपलब्ध रखी जाने वाली सुविधाओं को सुनिश्चित करने के हवाले से भी तैयारियां भी जोर पकड़ रही है।
श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए श्रीनगर, पहलगाम व बालटाल में स्थित आधार शिविरों की साफ सफाई शुरू की गई है जबकि इन आधार शिविरों में भक्तों के लिए भोजन आदि का प्रबंध करने के लिए खाद्य वस्तुएं और तथा श्रद्धालुओं में भोजन परोसने के लिए सेवादार भी जुटने शुरू हो गए हैं।
श्रीनगर के पंथाचौक में सिथत मुख्य आधार शिविर जहां 6000 से अधिक श्रद्धालु एक साथ ठहर सकते हैं, की साफ सफाई का काम शुरू किया गया है। मुख्य आधार शिविर के अलावा छोटे छोटे लंगरों में भी हलचल शुरू हो गई और उन्हें भी सेट किया जा रहा है।
मुख्य आधार शिविर में काम करने वाले एक कर्मचारी ने कहा कि आधार शिविर की साफ सफाई का काम शुरू किया गया है और साफ-सफाई के बाद शिविर में भक्तों को परोसे जाने वाले भोजन की सामग्री को स्टाक किया जाएगा। कर्मचारी ने कहा कि श्रद्धालुओं को इस आधार शिविर में ठहरने के दौरान किसी प्रकार की कोई दिक्कत न हो, इसके लिए हम अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मुख्य आधार शिविर होने के चलते इस आधार शिविर में एक साथ 6000 से अधिक श्रद्धालुओं के ठहरने व खाने पीने का प्रबंध किया जाता है। हर वर्ष यात्रा के दिनों हजारों श्रद्धालु हमारे इस आधार शिविर में आकर ठहरते हैं। विश्राम करते हैं, अन्न ग्रहण करते हैं और अपने गंतव्यों की तरफ चला जाते हैं। इस बार भी हमें उम्मीद है कि इस आधार शिविर पर श्रद्धालुओं का उसी तरह तांता बंधा रहेगा। हमने उसी तरह से अपनी तैयारी रखी है।
इधर शहर के इंद्रा नगर इलाके में स्थित शिवशक्ति सेवा दल नामक एक अन्य आधार शिविर में भी अमरनाथ श्रद्धालुओं के स्वागत तथा उनके ठहरने व खाने-पीने के प्रबंध के लिए तैयारियां शुरू की गई है। शिविर के संस्थापक संजीव कुमार उर्फ हेपी ने कहा,हमने अपने शिविर की साफ-सफाई का काम मुकम्मल कर दिया है। हमारे शिविर में 27 सेवादार काम करते हैं जिनमें से अधिकांश देश के विभिन्न हिस्सों से हैं।
कुमार ने कहा कि यह सेवादर परसों यान 20 जून को यहां पहुंच जाएंगे। साथ ही लंगर के लिए खाद्य सामग्री से भरे ट्रक भी 22-23 जून को हमारे शिविर में पहुंच जाएंगे और हम 28-29 जून को भक्तों के लिए लंगर लगा देंगे।
उन्होंने कहा कि यात्रा के दौरान हमारे इस लंगर में प्रतिदिन औसतन 2000-2500 श्रद्धाललुओं को भोजन परोसा जाता है। इस बार भी हमने उसी हिसाब से अपनी तैयारी रखी है। कुमार ने कहा कि हम बेताबी से अपने मेहमानों की मेजबानी के लिए प्रतीक्षा कर रहे हैं।
बता दे कि श्री अमरनाथ जी तीर्थयात्रियों के लिए श्रीनगर समेत दोनों यात्रा मार्गों बालटाल व पहलगाम में छोटे बड़े 350 लंगर व आधार शिविर उपब्ध रहते हैं और उनमें से अधिकांश शिविरों में आगामी पवित्र यात्रा के उपलक्ष्य में हलचल शुरू हो गई है।
श्रीनगर शहर में पंथाचौक के मुख्य आधार शिविर के अलावा लगभग 7 छोटे बड़े आधार शिविर जिनमें लालचौक के साथ सटे हरी सिंह हाइसट्रीट में स्थित श्री हनुमान मंदिर,घंटाघर के बगल में सटे यात्री निवास तथा डलगेट इलाके में स्थित दुर्गानाग मंदिर शामिल हैं, में भी श्री अमरनाथ यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों के ठहरने तथा खानपान का प्रबंध किया जाता है।
सनद रहे कि 52 दिनों तक जारी रहने वाली श्री अमरनाथ जी की वार्षिक यात्रा 3 जुलाई से शुरू हो 9 अगस्त को संपन्न हो रही है। इस वर्ष आयोजित होने वाली यह यात्रा इस दृष्टिकोण से महत्तवपूर्ण है कि यह यात्रा पहलगाम के बैसरन में 22 अप्रैल को आतंकियों द्वारा 26 मासूम पर्यटकों के नरसंहार के बाद घाटी में उत्पन्न होने वाली सिथिति के बीच आयोजित हो रही है।
हालांकि उस घटना के बाद से उत्पन्न स्थिति को देख प्रशासन ने इस पवित्र यात्रा को सुचारू ढंग और घटनामुक्त बनाने के लिए तथा पवित्र गुफा के दर्शनों के लिए घाटी आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए सुरक्षा के कड़े प्रबंध कर रखे हैं। यात्रा रूटों पर 3 टायर सिक्योरिटी प्रबंध किए गए हैं।
पहलगाम व बालटाल दोनों यात्रा रूटों को पहली जुलाई से 10 अगस्त तक नो फ्लाई जोन करार दिया गया है। साथ ही तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए कड़े दिशा-निर्देश जिनमें उन्हें अपने यात्रा के दौरान अपने समूह के साथ ही लगातार जुड़े रहने की स्ख्त हिदायत दी गई है।
गौरतलब है कि बैसारन घटना के बाद से घाटी में यह पहली बार है कि जब यहां वार्षिक श्री अमरनाथ जी यात्रा जिनमें लाखों की संख्या में श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शनों के लिए घाटी का रुख करते हैं,आयोजित हो रही है।
इससे पूर्व इस महीने के आरम्भ में यानी 3 जून को माता क्षीर भवानी का वार्षिक मेले का आयोजन किया गया था। शांतिपूर्वक ढंग से आयोजित हुए इस मेले में बड़ी संख्या में श्रद्धालु ने गांदरबल के तुलमुला इलाके में स्थित माता क्षीर भवानी के मंदिर में जाकर माथा टेका था।
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