'हम अभी भी बंकरों में रहने को मजबूर', सीमावर्ती इलाकों में रह रहे लोगों ने सुनाई आपबीती
भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर होने के बाद भी लोगों के मन से डर अभी तक खत्म नहीं हुआ है। सीमावर्ती क्षेत्रों में लोग अभी भी बंकरों में रात गुजार रहे हैं। इन इलाकों का नजारा भयावह है। मोर्टार बम और मिसाइल के टुकड़े अभी भी यहां पर बिखरे हुए हैं।

जागरण संवाददाता, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के जवाब में भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर चलाकर पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया।
इसके कई दिनों के बाद दोनों देशों के बीच सहमति बनने के बाद सीजफायर हुआ, लेकिन सीमावर्ती क्षेत्रों में अभी भी कुछ लोग ऐसे हैं, जो डर के माहौल में जी रहे हैं। सीजफायर के बाद इन इलाकों का नजारा भयावह है, यहां अभी भी मोर्टार बम और मिसाइलों के टुकड़े जमीन पर बिखरे हुए हैं।
लोगों ने सुनाई आपबीती
सामाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत करते हुए मंजाकोट सेक्टर के मोहम्मद फिरदौस ने बताया कि ये लोग अभी भी अपनी रातें बंकर में बिताते हैं। फिरदौस ने कहा कि अभी बहुत कम बंकर हैं। अगर हमें अगली गोलाबारी से बचना है, तो हमें और अधिक बंकरों की जरूरत होगी।
वहीं, नौशेरा में चुन्नी लाल उस भयावह दिनों को याद करते हुए कहते हैं कि हमने 2021 के युद्धविराम समझौते के बाद से इस तरह की गोलाबारी नहीं देखी है। हम बस शांति चाहते हैं और अपने घरों को फिर से बनाने के लिए वित्तीय सहायता चाहते हैं।
सरकार देगी मुआवजा
बता दें कि मुख्य सचिव अटल डुल्लू ने गोलाबारी प्रभावित गांवों का दौरा किया और इस दौरान कहा कि राजौरी में एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी सहित तीन लोग मारे गए, दर्जनों घर क्षतिग्रस्त हो गए। पिछले तीन दिनों में कई विस्थापित लोग वापस लौट आए हैं, लेकिन हजारों लोग राहत शिविरों में हैं।
सेना, खेतों और गलियों में अभी भी दबे हुए जिंदा बमों को नष्ट करने के लिए नियंत्रित विस्फोट कर रही है। डुल्लू ने कहा कि वो उन परिवारों के प्रति सहानुभूति व्यक्त करते हैं, जिन्होंने अपने सदस्यों को खो दिया है और यह भी आश्वासन देते हैं कि घायलों को सर्वोत्तम स्वास्थ्य सेवा प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार इन लोगों को मुआवजा और पुनर्वास में तेजी लाने के लिए काम कर रही है।
#WATCH | J&K: Security forces retrieve and defuse a projectile found in a field in Rajouri.
— ANI (@ANI) May 14, 2025
(Video Source: Indian Army) pic.twitter.com/lf6lwVqE8R
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