Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    शंकराचार्य जयंती पर आज वैदिक मंत्रोच्चारण से गूंजेगी कश्मीर घाटी, कई राज्यों से जुटेंगे संत-महात्मा

    By Jagran NewsEdited By: Achyut Kumar
    Updated: Tue, 25 Apr 2023 05:30 AM (IST)

    आदि शंकराचार्य जयंती पर आज वैदिक मंत्रोच्चारण से कश्मीर घाटी गूंज उठेगी। इस मौके पर ऐतिहासिक शंकराचार्य मंदिर में हवन यज्ञ और विशेष पूजा अर्चना होगी। कई राज्यों से संत-महात्मा और सुंदरबनी से स्वामी विश्वात्मानंद श्रीनगर पहुंचे हैं।

    Hero Image
    आदि शंकराचार्य जयंती पर आज वैदिक मंत्रोच्चारण से गूंजेगी कश्मीर घाटी

    अंकुश शर्मा, सुंदरबनी। डल झील किनारे स्थित गोपाद्री पर्वत पर ऐतिहासिक शंकराचार्य मंदिर में मंगलवार को वैदिक मंत्रोच्चारण से कश्मीर घाटी गूंज उठेगी। बदले हालात और शांत माहौल के बीच देश की एकता और अखंडता को मजबूत करने की भावना के साथ आदि शंकराचार्य जयंती पर शंकराचार्य मंदिर में देशभर के संत-महात्मा जुटेंगे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कई राज्यों के संत-महात्मा श्रीनगर पहुंचे

    जम्मू के सुंदरबनी से महामंडलेश्वर स्वामी विश्वात्मानंद सरस्वती महाराज, सैकड़ों श्रद्धालुओं और कई राज्यों से संत-महात्मा सोमवार को ही श्रीनगर पहुंच गए हैं। बता दें कि शंकराचार्य जयंती को सनातन धर्म में महत्वपूर्ण उत्सवों में से एक माना जाता है। शंकराचार्य मंदिर पर ही आदि शंकराचार्य ने लंबे समय तक तपस्या की थी। इसके अलावा श्रीनगर में मंगलवार को विशाल संत सम्मेलन भी हो रहा है।

    मंदिर परिसर में होगा हवन यज्ञ

    शंकराचार्य मंदिर में स्थानीय प्रशासन और कश्मीरी हिंदुओं के विभिन्न धार्मिक और सामाजिक समूहों के सहयोग से कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। मंदिर परिसर में विशेष पूजन के अलावा हवन यज्ञ भी होगा। स्थानीय श्रद्धालु भी दर्शन के लिए पहुंचेंगे। उपायुक्त श्रीनगर एजाज असद ने संबंधित विभागों को निर्देश दिया कि मंदिर में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं के लिए सभी बुनियादी व्यवस्था सुनिश्चित करें। सुरक्षा व्यवस्था के पर्याप्त प्रबंध होंगे।

    सात साल से शंकराचार्य जयंती पर श्रीनगर आ रहे स्वामी विश्वात्मानंद 

    राजौरी के सुंदरबनी से सोमवार को श्रीनगर पहुंचने पर श्री श्री 1008 राजगुरु महामंडलेश्वर स्वामी विश्वात्मानंद सरस्वती महाराज गांदरबल में शंकराचार्य मंदिर, खीर भवानी मंदिर, गुरुद्वारा साहिब सहित कई अन्य धार्मिक स्थलों के दर्शनों के लिए गए। विश्वात्मानंद सात साल से आदि शंकराचार्य जयंती पर श्रीनगर आ रहे हैं। उनका कहना है कि कश्मीर तभी से है, जब से भारत की सनातन संस्कृति है। आदि शंकराचार्य जी ने सनातन धर्म का प्रचार किया। उन्होंने अपने एक ग्रंथ की रचना यहीं की थी। वह यहां से शारदापीठ भी गए थे।

    'कश्मीर पूरी तरह आतंकमुक्त हो चुका है'

    स्वामी विश्वात्मानंद के साथ जम्मू कश्मीर पंचायत कान्फ्रेंस के संभागीय प्रधान व बीडीसी चेयरमैन अरुण शर्मा ने बताया कि पहली बार कश्मीर में हालात बदले हुए नजर आ रहे हैं। लोग अमन व शांति चाहते हैं। इतने बड़े महान संत का कश्मीर के धार्मिक स्थलों में भ्रमण करना यह दर्शाता है कि कश्मीर पूरी तरह आतंकमुक्त हो चुका है।

    अनुच्छेद-370 हटने के बाद पहला संत सम्मेलन

    अनुच्छेद-370 हटने के बाद श्रीनगर में पहला बड़ा संत सम्मेलन मंगलवार को हो रहा है। श्रीनगर के टैगोर हाल में होने वाले संत सम्मेलन में देशभर से संत-महात्मा पहुंचेंगे। इस मौके पर सनातन धर्म के अलावा कश्मीर समेत पूरे विश्व में शांति का संदेश दिया जाएगा।