साइबर जिहादियों के खिलाफ कार्रवाई तेज, तीन महीने में 200 हैंडल चिह्नित; युवाओं को आतंकी बनने के लिए उकसाते थे
जम्मू-कश्मीर पुलिस के साइबर सेल ने बीते तीन महीनों में 200 से अधिक साइबर जिहादियों की पहचान की है जो आतंकी हिंसा और अलगाववाद का महिमामंडन कर रहे थे। इनमें से 100 विदेशी हैं। पुलिस ने इनके खिलाफ यूएपीए और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत कार्रवाई शुरू कर दी है। इसके खिलाफ यूएपीए के तहत कार्रवाई की जा रही है।

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। आतंकी हिंसा और अलगाववाद का महिमा मंडन करने और स्थानीय युवाओं को आतंकी संगठनों में भर्ती होने के लिए उकसाने में लिप्त 200 साइबर जिहादियों को जम्मू-कश्मीर पुलिस के साइबर सेल ने बीते तीन माह के दौरान चिह्नित कर इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई तेज कर दी है।
इनमें से 100 देश के बाहर विभिन्न मुल्कों में हैं। फेसबुक, एक्स, इंस्टाग्राम समेत इंटरनेट मीडिया के विभिन्न मंचों पर जम्मू-कश्मीर में आतंकी हिंसा को सही ठहराने, कश्मीर के संदर्भ में पाकिस्तान के एजेंडे की वकालत करने और भारतीय सुरक्षाबलों पर कश्मीर के उत्पीड़न की फर्जी सामग्री के ऑनलाइन प्रचार में लिप्त राष्ट्रविरोधी तत्वों को साइबर जिहादी कहा जाता है।
जिहादी तत्वों के खिलाफ अभियान
जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकियों और अलगाववादियों व उनके पारिस्थितिक तंत्र को लगभग नष्ट किए जाने और आतंकी संगठनों में स्थानीय भर्ती के लगभग समाप्त होने से हताश आतंकी संगठनों व उनके आकाओं ने अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए इंटरनेट मीडिया का सहारा लेना शुरू कर दिया है।
इंटरनेट मीडिया पर कई ऐसे हैंडल हैं जो कश्मीर मुद्दे पर भारत के खिलाफ भ्रामक प्रचार करते हुए कश्मीर में कानून व्यवस्था को बिगाड़ने का षडयंत्र रच रहे हैं।
इंटरनेट मीडिया पर सक्रिय यह तत्व कश्मीर में कई युवाओं को राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के लिए बरगलाने में भी कामयाब रहे हैं। इसे देखते हुए ही जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इंटरनेट मीडिया पर सक्रिय जिहादी तत्वों के खिलाफ एक अभियान चला रखा है।
यूएपीए के तहत की जा रही है कार्रवाई
एसपी साइबर क्राइम कश्मर इफ्तिखार तालिब ने कहा कि हमारा साइबर सेल 24 घंटे क्रियाशील रहता है। हमारे साइबर योद्धा इंटरनेट मीडिया के विभिन्न मंचों पर साइबर आतंकियों-जिहादियों-अलगाववादियों और उनके समर्थकों को तलाश कर उन तक पहुंचने और उन्हें निष्क्रिय बनाने के लिए आवश्यक सबूत जुटाते हैं।
बीते तीन माह में हमने 200 से ज्यादा ऐसे साइबर जिहादियों और हैंडल की पहचान की है। इनमें से 100 देश के बाहर से संचालित हो रहे थे। इनमें से कइयों को ब्लॉक कर दिया गया है। जम्मू-कश्मीर में ही सक्रिय साइबर जिहादियों में से लगभग दो दर्जन को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ संबंधित कानून के तहत कार्रवाई की जा रही है। उनके खिलाफ यूएपीए और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के विभिन्न प्रविधानों के तहत कार्रवाई की जा रही है।
ऑनलाइन इकोसिस्टम को हम खत्म करने का लक्ष्य
उन्होंने कहा कि साइबरस्पेस का दुरुपयोग राष्ट्र-विरोधी प्रचार फैलाने या आतंकवाद का महिमामंडन करने के लिए नहीं किया जा सकता है। राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाले ऑनलाइन इकोसिस्टम को हम खत्म कर रहे हैं।
पुलिस सिर्फ साइबर जिहादियों को पकड़ कर उन्हें कानून के मुताबिक दंड दिलाने तक सीमित नहीं है, बल्कि नाबालिग और किशोर युवक जो ऐसी गतिविधियों में लिप्त हैं या ऑनलाइन दुष्प्रचार का शिकार हो गुमराह हुए हैं, उन्हें काउंसलिंग भी प्रदाप करती है, उन्हें डी-रेडिकलाइज करने का प्रयास करती है और उन्हें उनके अभिभावकों के हवाले किया जाता है।
उन्होंने कहा कि हम आतंकियों और अलगाववादियों के प्रमुख और कट्टर माटिवेटरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रहे हैं। काउंटर-रेडिकलाइजेशन के तहत राष्ट्रविरोधी तत्वों द्वारा गुमराह युवाओं व छात्रों की काउंसिलिंग कर उन्हें समाज की मुख्यधारा में फिर से शामिल कर रहे हैं।
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