J&k News: डोडा से AAP विधायक ने उमर सरकार से समर्थन लिया वापस, NC नेता बोले- नहीं पड़ेगा हम पर कोई असर
जम्मू-कश्मीर में आम आदमी पार्टी के विधायक मेहराज मलिक ने नेशनल कांफ्रेंस से समर्थन वापस ले लिया है। नेकां का कहना है कि इससे सरकार पर कोई असर नहीं होगा क्योंकि उनके पास बहुमत है। मलिक ने अपने लोगों के हित में समर्थन वापस लेने का कारण बताया और कहा कि जम्मू-कश्मीर की जनता का विश्वास उनकी प्राथमिकता है।

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। जम्मू कश्मीर विधानसभा के भीतर और बाहर सत्ताधारी नेशनल कान्फ्रेंस या मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के बचाव में अक्सर गूंजने वाली आम आदमी पार्टी के विधायक मेहराज मलिक अब सत्ताधारी दल के समर्थन में नहीं बोलेंगे। उन्होंने शनिवार को सत्ताधारी दल नेशनल कान्फेंस से समर्थन वापस लेने का एलान कर दिया।
नेशनल कान्फ्रेंस के प्रवक्ता तनवीर सादिक ने कहा कि हमें नहीं मालूम कि उन्होंने ऐसा क्यों किया, यह उनका अपना अधिकार है, लेकिन उनकी समर्थन वापसी का मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली सरकार पर कोई असर नहीं होने वाला। हमारी सरकार मजबूत है और हमारे पास स्पष्ट बहुमत है।
आम आदमी पार्टी ने जम्मू कश्मीर में गत अक्टूबर में हुए विधानसभा चुनाव में एक ही सीट जीती थी। यह सीट डोडा है और आम आदमी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष मेहराज मलिक इस सीट से विजयी रहे। उन्होंने भाजपा उम्मीदवार को हराया था। चुनाव जीतने के बाद उन्होंने नेशनल कान्फ्रेंस को समर्थन का एलान किया था।
इसके बाद वह सदन में ही नहीं सदन के बाहर भी, जहां मौका मिलता भाजपा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नीतियों की आलोचना का कोई मौका नहीं छोड़ते थे। अपनी विवादास्पद बयानबाजी और दबंग अंदाज के लिए अक्सर चर्चा में रहने वाले मेहराज मलिक प्रदेश में विभिन्न नीतिगत मामलों पर मुख्यमत्री उमर अब्दुल्ला की नीतियों का समर्थन करते थे। वह जम्मू कश्मीर की स्थिति के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराते रहते थे।
मेहराज मलिक ने आज शाम को नेशनल कान्फ्रेंस से समर्थन वापसी का एलान कर दिया। उन्होंने समर्थन वापसी का एलान करते हुए सिर्फ यही कहा कि मेरी प्राथमिकता मेरे लोगों की भलाई और विकास है। जनता की भलाई ही मेरा एजेंडा है। प्रदेश सरकार से समर्थन वापस लेने का निर्णय जम्मू-कश्मीर के मेरे लोगों के हित में लिया गया है। जम्मू कश्मीर की जनता का विश्वास और कल्याण सदैव मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता रहेगी।
उल्लेखनीय है कि 90 सीटों वाली जम्मू कश्मीर विधानसभा में मौजूदा परिस्थितियों में दो सीटें खाली हैं। शेष 88 सीटों में से 41 नेशनल कान्फ्रंस के पास हैं। छह उसकी सहयोगी कांग्रेस के पास हैं और एक सीट माकपा के पास है। माकपा भी नेशनल कान्फ्रेंस की सहयोगी है।
भाजपा के पास 28 सीटें हैं।पीडीपी के पास तीन और पीपुल्स कान्फ्रेंस के पास एक सीट है। एक सीट आम आदमी के पास है। सात सीटें निर्दलियों ने जीती थी। निर्दलीय भी नेशनल कान्फ्रेंस के साथ हैं। बहुमत के लिए 48 सीटें चाहिए।
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