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    फिर टूरिस्टों से गुलजार होगा जम्मू कश्मीर, फिर से खुलेंगे पहलगाम आतंकी हमले के बाद से बंद 12 पर्यटन स्थल

    Updated: Sat, 27 Sep 2025 05:30 AM (IST)

    उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद बंद किए गए 50 में से 12 पर्यटन स्थलों को 29 सितंबर से फिर खोलने का आदेश दिया। सुरक्षा एजेंसियों को आतंकवादियों के खिलाफ अभियान जारी रखने के निर्देश दिए गए हैं। पहले 16 पर्यटन स्थल खोले गए थे लेकिन पर्यटन उद्योग पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा था। अब कश्मीर घाटी और जम्मू प्रांत के कई स्थल खोले जाएंगे।

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    उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने की बैठक। (जागरण)

    राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। पहलगाम आतंकी हमले के बाद बंद किए गए 50 पर्यटन स्थलों में 12 पर्यटनस्थल साेमवार 29 सितंबर को आम लोगों के लिए फिर से खुल जाएंगे।

    उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शुक्रवार को आज इस आशय का एक आदेश एकीकृत मुख्यालय में प्रदेश के मौजूदा आंतरिक और बाहरी सुरक्षा परिदृश्य का जायजा लेने के बाद जारी किया है।

    इससे पूर्व उन्होंने एकीकृत मुख्यालय की बैठक सभी सुरक्षा एजेंसियों को आतंकियों व अलगाववादियों के खिलाफ अभियान जारी रखने का निर्देश देते हुए कहा कि घुसपैठ के साथ साथ आतंकियों की भर्ती को समाप्त किया जाना जरुरी है। यह तभी होगा जब सभी सुरक्षा एजेंसियों में घनिष्ठ समन्वय और खुफिया तंत्र पूरी तरह से समर्थ व सजग रहेगा।

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    50 पर्यटनस्थलों को कर दिया गया था बंद

    22 अप्रैल को बैसरन पहलगाम में आतंकियों द्वारा 26 लोगों की हत्या किए जाने के बाद पूरे प्रदेश में लगभग 50 पर्यटनस्थलों को आम लोगों की आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया था। इन सभी पर्यटनस्थलों का सुरक्षा ऑडिट करने और सुरक्षा प्रबंध सुनिश्चित करने की प्रक्रिया को शुरु किया गया।

    इसके बाद जून में 16 पयटन स्थलों को खोल दिया गया था। शेष बंद रखे गए थे। पर्यटन उद्योग से जुढे़ स्थानीय लोग बंद रखे गए सभी पर्यटनस्थलों को खोले जाने की मांग लगातार कर रहे हैं। इससे कई लोगों की आजीविका प्रभावित हाे रही थी।

    सीएम ने भी की थी मांग

    मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी कई बार बंद पर्यटनस्थलों को खोलने की मांग करते हुए कहा कि जब दावा किया जाता है कि हालात ठीक है, आतंकवाद समाप्त हो गया है, स्थिति नियंत्रण में है, पर्यटनस्थलों को बंद रखने का कोई औचित्य नहीं है।

    पर्यटनस्थलों को बंद रखने से पर्यटन उद्योग पर नकारात्मक असर हो रहा है। इससे सरकार के कश्मीर में हालात सामान्य होने के दावों पर भी सवाल पैदा होता है। अलबत्ता,आज 12 पर्यटनस्थलों को खोलने का निर्देश उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जारी कर दिया।

    संबधित अधिकारियों ने बताया कि यह निर्णय आज सुबह राजभवन में एकीकृत मुख्यालय की बैठक में प्रदेश के सुरक्षा परिदृश्य का जायजा लेने के बाद ही लिया गया है। इनमें कश्मीर घाटी के सात और जम्मू प्रांत के पांच पर्यटन व धर्मस्थल हैं।

    29 सितंबर से खुलेंगे ये पर्यटन स्थल

    कश्मीर घाटी में अरु वैली, राफ्टिंग प्वायंट यन्नर, अकड़ पार्क, बादशाही पार्क बिजबेहा़ड़ा, दारा शिकोह गार्डन बिजबेहाड़ा अनंतनाग, अमन कमान सेतु पोस्ट उड़ी, इको-पार्क खदनियार बारामुला के अलावा जम्मू प्रात में डग्गन टाप रामबन, कठुआ में डग्गर, रियासी में चिनखाह, शिवगुफा सलाल रियासी, डोडा में पदरी शामिल हैं। यह सभी सोमवार 29 सितंबर सोमवार को खोल दिए जाएंगे।

    इससे पूर्व आज सुबह राजभवन में एकीकृत मुख्यालय की बैठक में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने प्रदेश के आंतरििक और बाहरी सुरक्षा परिदृश्य का जायजा लिया।

    कई महत्वपूर्ण विषयों पर हुई चर्चा

    बैठक मे प्रदेश में कानून व्यवस्थ की स्थिति बनाए रखने, लोगों में सुरक्षा एवं विश्वास की भावना मजबूत बनाए रखने, एलओसी व अंतरराष्ट्रीय सीमा पर घुसपैठ व तस्करी रोकने, प्रदेश में आतंकियों की भर्ती को पूरी तरह समाप्त करने, इंटरनेट मीडिया पर सक्रिय जिहादी तत्वों के नेटवर्क को समाप्त करने, आतंकियों के वित्तीय नेटवर्क को नष्ट करने जैसे विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई है।

    बैठक को संबोधित करते हुए उपराज्यपाल ने हालिया सफल आतंकरोधी अभियानों के लिए सुरक्षाबलों को सराहा। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है।

    काइनेटिक और नान-काइनेटिक ऑपरेशन जारी रहने चाहिए। हमें आतंकियों के खिलाफ अपने अभियानों की गति बनाए रखनी चाहिए। आतंकवाद-अलगाववाद के पारिस्थितिक तंत्र के समूल नाश के लिए सख्त कार्रवाई जरुरी है।

    उन्होंने सुरक्षा तंत्र को लगातार सुधारने और उभरते खतरों से निपटने के लिए सुरक्षा रणनीति में लगातार संशोधन कर उसे और समर्थ बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता की नीति को पूरी तरह से कार्यान्वित किया जाए।

    खुफिया तंत्र को पूरी तरह से सक्रिय रखते हुए सभी सुरक्षा एजेसिंयो से सभी आवश्यक सूचनाओं को आदान प्रदान रियल टाइम आधार पर होना चाहिए और उन पर तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए।

    बैठक में उत्तरी सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा, जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव अटल डुलू, डीजीपी नलीन प्रभात, 15 कोर के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल प्रशांत श्रीवास्तव, 16 कोर के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल पीके मिश्रा, 9 कोर के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल राजन शरवत, एयर वाइस मार्शल विकास शर्मा, एओसी जम्मू-कश्मीर, जम्मू कश्मीर पुलिस मुख्यालय में विशेष डीजी समन्वय एसजेएम गिलानी, गृह विभाग के प्रधान सचिव चंद्राकर भारती, एडीजीपी सीआईडी नितीश कुमार, उपराज्यपाल के प्रधान सचिव डॉ. मंदीप के भंडारी, सशस्त्र बलों, सीएपीएफ, जम्मू-कश्मीर पुलिस, खुफिया एजेंसियों और सिविल प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।