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    जम्मू-कश्मीर: कहीं घर जले, कहीं गौशाला... घाटी में 24 घंटे में आग की 11 घटनाएं

    Updated: Tue, 30 Dec 2025 05:51 PM (IST)

    पिछले 24 घंटों में कश्मीर घाटी में आग लगने की 11 घटनाएं दर्ज की गईं, जिससे आवासीय, व्यावसायिक और कृषि संपत्तियों को नुकसान हुआ। हालांकि, इन घटनाओं में ...और पढ़ें

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    घाटी में 24 घंटे में 11 आग की घटनाएं (प्रतिकात्मक तस्वीर)

    जागरण संवाददाता, श्रीनगर। पिछले 24 घंटों में घाटी में कम से कम 11 आग लगने की घटनाएं दर्ज की गईं, जिससे आवासीय, व्यावसायिक और कृषि संपत्तियों को नुकसान पहुंचा। गनीमत रही कि इन घटनाओं में कोई जानी नुकसान नहीं हुआ।

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    श्रीनगर-बारामूला में आग का कहर

    जानकारी के अनुसार, श्रीनगर के उमर कॉलोनी, लाल बाजार में एक तीन मंजिला आवासीय मकान आग की घटना में क्षतिग्रस्त हो गया। उत्तरी कश्मीर में बारामूला जिले के सोपोर क्षेत्र के दीवान बाग में एक मंजिला स्कूल भवन में आग लग गई। गांदरबल जिले में सफापोरा के चेवा क्षेत्र में गायों के चारे के रूप में इस्तेमाल होने वाला भूसे का ढ़ेर जलकर खाक हो गया।

    कुलगाम 2 मंजिला मकान क्षतिग्रस्त 

    दक्षिण कश्मीर में, पुलवामा जिले के अवंतीपोरा के लेतपोरा इलाके में जीसीआई शीट से बनी एक झोपड़ी क्षतिग्रस्त हो गई, जबकि शोपियां के बोंगम इलाके में एक दुकान में आग लग गई। एक अन्य घटना में कुलगाम जिले के काजीगुंड इलाके के गुंड में एक दो मंजिला आवासीय मकान आग से क्षतिग्रस्त हो गया।

    कोई बड़ा नुकसान नहीं होने से राहत

    वहीं, कुपवाड़ा जिले के पीर खान आबाद इलाके में एक अखरोट का पेड़ आग से जल गया, जबकि मागम इलाके में एक गौशाला क्षतिग्रस्त हो गई। अधिकारियों ने बताया कि शेष घटनाएं मामूली आग लगने की थीं, जिन पर समय रहते काबू पा लिया गया, जिससे कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ।

    आग से संभलकर रहने की सलाह

    अग्निशमन विभाग ने जनता से एक बार फिर आग से सुरक्षा संबंधी सलाहों का सख्ती से पालन करने का आग्रह किया है, विशेष रूप से सर्दियों के मौसम में, और आग से संबंधित किसी भी आपात स्थिति में तुरंत अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवाओं को सूचित करने को कहा है।

    क्या रहा आग लगने का कारण?

    संबंधित विभाग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, जम्मू और कश्मीर में 2024 में आग लगने की 6,752 कॉल प्राप्त हुईं, जिनमें 42 झूठी सूचनाएं शामिल थीं। इस दौरान 2,938 इमारतें आग से प्रभावित हुईं, जबकि लगभग 1,699 करोड़ रुपये की संपत्ति बचाई गई। आग लगने की अधिकांश घटनाएं एलपीजी रिसाव, बिजली के ओवरलोड, शार्ट सर्किट और हीटिंग उपकरणों के बढ़ते उपयोग के कारण हुईं।