राजौरी में आवारा कुत्तों का आतंक, बाड़े में बंद भेड़-बकरियों के बच्चों पर हमला; 19 मरे
जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir News) के राजौरी जिले के सुंदरबनी के पराट गांव में आवारा कुत्तों ने भेड़-बकरियों के बच्चों पर हमला कर दिया जिससे 19 बच्चों की मौत हो गई और दर्जनों घायल हो गए। शौकत हुसैन नामक व्यक्ति ने इस घटना की सूचना पुलिस को दी है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की मांग की है।
संवाद सहयोगी, सुंदरबनी। पहाड़ी क्षेत्र के लोयर पराट गांव में मंगलवार सुबह आवारा कुत्तों ने बाड़े में बंद भेड़-बकरियों के बच्चों पर हमला बोल दिया।
आवारा कुत्तों ने इस हमले में भेड़-बकरियों के 19 बच्चों को नोच दिया जिनकी मौके पर ही मौत हो गई, दर्जनों गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनका डॉक्टरों द्वारा इलाज किया जा रहा है।
भेड़-बकरियों से होता था परिवार का पोषण
प्राप्त जानकारी के अनुसार पराट गांव के रहने वाले शौकत हुसैन पुत्र गुलाम नमी ने बताया कि हर रोज की तरह सोमवार देर शाम को उन्होंने भेड़-बकरियों के बाड़े में छोटे बच्चों को बंद किया था। मंगलवार सुबह करीब 4:30 से 5 बजे के आसपास भेड़-बकरियों के बच्चों के मिमयाने की आवाज सुनाई दी, तो परिवार के सदस्य मौके पर पहुंचे।
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जहां देखा कि आवारा कुत्तों ने 19 से अधिक बच्चों को मार दिया था, और दर्जनों को गंभीर रूप से घायल कर दिया था। उन्होंने बताया कि वह भेड़-बकरियों का पालन पोषण करके ही अपने परिवार का गुजारा चलता था। ऐसे में उसके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट गया।
पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की उठाई मांग
वहीं, इस घटना के बाद परिवार में शोक का माहौल है। परिवार को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। स्थानीय ग्रामीण अशोक कुमार ने कहा इस तरह के आवारा कुत्ते, बच्चों पर भी हमला कर सकते हैं, इसलिए गांव में लोगों को इस बारे में सचेत रहना चाहिए।
ग्रामीणों ने जिला प्रशासन व जम्मू कश्मीर सरकार से पीड़ित परिवार को राहत व मुआवजा देने की मांग उठाई है। शौकत हुसैन ने इस संदर्भ में पुलिस थाने में लिखित में रिपोर्ट दर्ज करवाई है।
कठुआ में तेंदुएं ने 20 भेड़ों को मार डाला
बता दें कि हाल ही में कठुआ जिले के बानी तहसील के अंतर्गत गांव सांदरुन में तेंदुए ने एक व्यक्ति की 20 भेड़ों को अपना शिकार बना लिया था। जानकारी के अनुसार आसो निवासी चमारो राम पुत्र चंदू भेड़ों को लेकर सांदरुन गांव गया हुआ था। वहां पर ही रात को एक कच्चे मकान में भेड़ों को रखा था। उसके दरवाजे बंद कर साथ में ही दूसरे मकान में वह सोने के लिए चला गया।
सुबह देखा कि अंदर से बाहर तक भेड़ें मरी पड़ी थीं। कुछ भेड़ वहां से गायब भी थी। तेंदुए दरवाजे को तोड़कर अंदर घुसे थे। जिसके बाद चमारो राम फूट-फूट कर रोने लगा, क्योंकि भेड़ों से ही उसका गुजर-बसर होता था। पीड़ित ने प्रशासन और सरकार से मांग की कि भेड़ों के लिए उसे मुआवजा दिया जाए।
पीड़ित ने एसडीएम कार्यालय और पुलिस को भी इसकी सूचना दी है। एसडीएम ने कहा कि राजस्व विभाग और भेड़ पालन विभाग को इसकी पूरी रिपोर्ट देने को कहा है। इससे पहले भी कई बार भेड़-बकरियों पर तेंदुए के हमले हो चुके हैं। लेकिन वन्य जीव विभाग लोगों की सहायता करने के लिए कोई खास प्रबंध नहीं किया है।
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