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    जम्मू कश्‍मीर में मोबाइल टावरों की संख्‍या बढ़ा रहा पाकिस्तान, घुसपैठ की रच रहा साजिश; चीनी कंपनी कर रही मदद

    Updated: Sun, 18 Feb 2024 10:30 PM (IST)

    Jammu Kashmir News जम्‍मू कश्‍मीर में पाकिस्‍तान मोबाइल टावरों की संख्‍या बढ़ा रहा है। इसी के तहत नए टावर लगाने में उसकी मदद चीन की कंपनी कर रही है। संबंधित अधिकारियों ने कहा कि इस मामले को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाने की तैयारी की जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि इससे पहले भी पाकिस्तान ऐसी कई हरकतें करता रहता है।

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    जम्मू कश्‍मीर में मोबाइल टावरों की संख्‍या बढ़ा रहा पाक (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, राजौरी। पाकिस्तान आए दिन सीमा पर भारत के खिलाफ षड्यंत्र रचने में जुटा है। इसी षड्यंत्र के तहत पाकिस्तान ने आतंकियों व उनके सहयोगियों को भारतीय क्षेत्र में सुरक्षित घुसपैठ करवाने के लिए जम्मू कश्मीर में मोबाइल टावरों की संख्या बढ़ाई है।

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    नए टावर लगाने में उसकी मदद चीन की कंपनी कर रही है, ताकि अधिक से अधिक सिग्नल भारतीय क्षेत्र में पहुंचें और आतंकी व उनके सहयोगी इन सिग्नल का उपयोग कर सीमा के आसपास आसानी से बातचीत कर अपनी गतिविधियों को अंजाम दे सकें।

    एनक्रिप्‍टेड वाइएसएमएस एप का कर रहे उपयोग

    विशेष रूप से पीर पंजाल के दक्षिण यानी राजौरी व पुंछ जिलों में घुसपैठ के प्रयासों और हाल के आतंकी हमलों के अध्ययन के बाद अधिकारियों ने बताया कि आतंकी संगठन अत्याधिक एनक्रिप्टेड वाइएसएमएस एप का उपयोग कर रहे हैं। यह एक ऐसी तकनीक है जिससे सुरक्षित संदेश व बातचीत की जा सकती है।

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    अगर आतंकी या उनके सहयोगी भारतीय क्षेत्र में इंटरनेट या सिम कार्ड का उपयोग करते हैं तो वे बड़ी आसानी से उनकी लोकेशन का पता लग जाता है। इससे बचने के लिए ही सीमा पार मोबाइल टावरों को बढ़ा जा रहा है। इस तकनीक की मदद से गुलाम जम्मू कश्मीर में बैठा आतंकी संगठन का हैंडलर एलओसी के पार टेलीकाम नेटवर्क पर जम्मू क्षेत्र में घुसपैठ करने वाले आतंकियों और उनको लेने आए गाइड या सहयोगियों से जुड़ा होता है।

    अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाने की तैयारी

    जानकारी के अनुसार, सीमा पार मोबाइल सिग्नल को बढ़ावा देने का काम पाकिस्तानी सेना के अधिकारी मेजर जनरल उमर अहमद शाह के नेतृत्व वाले विशेष संचार संगठन को सौंपा गया है, जिसके बारे में माना जाता है कि वह पहले पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ में तैनात था।

    एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा के तीन से चार किलोमीटर के दायरे में दूरसंचार टावरों को लगाना आमतौर पर आतंकियों और उनके सहयोगियों की सहायता के लिए ही किया जाता है, जो अंतररष्ट्रीय दूरसंचार संघ (आइटीयू) के संविधान के अनुच्छेद 45 का उल्लंघन है।

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    संबंधित अधिकारियों ने कहा कि इस मामले को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाने की तैयारी की जा रही है। जम्मू कश्मीर में लगाए जा रहे दूरसंचार सिग्नल भारतीय क्षेत्र में कश्मीर में बारामुला और कुपवाड़ा जिले के अलावा जम्मू संभाग में जम्मू, कठुआ, राजौरी और पुंछ के सीमावर्ती तक को प्रभावित कर रहे हैं। संबंधित अधिकारियों ने बताया कि इससे पहले भी पाकिस्तान ऐसी कई हरकतें करता रहता है, जिसे विफल बना दिया गया था। इसका भी वही हश्र होगा।