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पुलवामा हमले के 48 घटे के भीतर सीमा पर धमाका, मेजर शहीद, जवान घायल

जागरण संवाददाता, राजौरी : पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आत्मघाती हमले के अभी 4

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Feb 2019 09:36 AM (IST)Updated: Sun, 17 Feb 2019 09:36 AM (IST)
पुलवामा हमले के 48 घटे के भीतर सीमा पर धमाका, मेजर शहीद, जवान घायल
पुलवामा हमले के 48 घटे के भीतर सीमा पर धमाका, मेजर शहीद, जवान घायल

जागरण संवाददाता, राजौरी :

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पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आत्मघाती हमले के अभी 48 घटे ही बीते थे कि भारत-पाक नियंत्रण रेखा पर राजौरी जिले के झंगड सेक्टर में बारूदी सुरंग विस्फोट में सेना का एक मेजर शहीद और एक जवान गंभीर रूप से घायल हो गया। सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तानी सेना की बार्डर एक्शन टीम (बैट) ने भारतीय सीमा के डेढ़ से दो किलोमीटर अंदर आकर दो बारूदी सुरंगें लगाई थी। इसे नाकारा बनाते ही यह धमाका हुआ है। इसी दौरान, राजौरी के बाबा खोड़ी सेक्टर में भी पाक सेना ने स्नाइपर शॉट दागकर एक अन्य जवान को गंभीर रूप से घायल कर दिया। दोनों घायल जवानों को सैन्य अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। भारतीय सेना ने भी पाकिस्तानी सेना को कड़ा जवाब दिया। देर शाम तक दोनों तरफ से भारी गोलाबारी जारी रही।

शहीद मेजर की पहचान चित्रेश सिंह विष्ट निवासी देहरादून (उत्तराखंड) के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि सात मार्च को मेजर चित्रेश की शादी थी।

जानकारी के अनुसार, शनिवार शाम करीब तीन बजे भारतीय सेना के जवानों ने नियंत्रण रेखा पर अग्रिम चौकियों के पास कोई हलचल देखी। उसी समय सेना के अधिकारियों व जवानों ने तलाशी अभियान चलाया। इस अभियान में सेना की इंजीनियरिंग यूनिट का बम निरोधक दस्ता भी शामिल था। हुए दल ने देखा कि नियंत्रण रेखा पर गश्त के लिए अक्सर भारतीय जवानों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले रास्ते पर बारूदी सुरंगें बिछाई गई थीं। बम निरोधक दस्ते का नेतृत्व कर रहे मेजर चित्रेश ने बारूदी सुरंगों को नकारा बनाने की जिम्मेदारी खुद संभाली। उन्होंने एक बारूदी सुरंग को सफलतापूर्वक नाकारा बनाया। जब वह दूसरी बारूदी सुरंग, जो पहली सुरंग से करीब तीन सौ मीटर की दूरी पर थी, नकारा बना रहे थे तो वह अचानक ही चार्ज होकर फट गई। इस धमाके में मेजर घटनास्थल पर ही शहीद हो गए, जबकि एक अन्य जवान गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे उपचार के लिए तुरंत सैन्य अस्पताल पहुंचाया गया। इसी दौरान पाक सेना ने बाबा खोड़ी क्षेत्र में स्नाइपर शॉट दाग कर सेना के जवान को गंभीर रूप से घायल कर दिया। घायल जवान को उपचार के लिए सैन्य अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। एक अन्य सैन्याधिकारी ने दावा किया है कि बारूदी सुरंग रिमोट संचालित थी और जब इसे नकारा बनाया जा रहा था तो नियंत्रण रेखा के पार बैठे आतंकियों ने बटन दबाकर उसमें धमाका कर दिया। सोची समजी साजिश का हिस्सा था धमाका :

झगड सेक्टर में बारूदी सुरंग धमाका एक सोची समझी साजिश का हिस्सा था। पहले कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती हमले में 40 जवानों की शहादत और अब सीमा पर आइइडी विस्फोट में मेजर का बलिदान। माना जा रहा है कि पाक सेना भारतीय सेना को उकसाने वाली कार्रवाई कर रही है, ताकि वह हड़बड़ाहट में कोई हरकत करे। पिछले माह भी हुआ था ऐसा हमला, मेजर व तीन जवान हुए थे शहीद :

पाक सेना और बार्डर एक्शन टीम के सदस्यों ने इसी वर्ष 11 जनवरी को झगड़ सेक्टर के साथ सटे लाम सेक्टर में भी भारतीय क्षेत्र के अंदर आकर आइईडी लगा दी थी। जैसे ही सेना का वाहन आइईडी के करीब पहुंचा था तो रिमोट कंट्रोल से विस्फोट कर वाहन को उड़ा दिया गया था। इस हमले में सेना के तीन जवान मौके पर शहीद हो गए थे। जैसे ही सेना के मेजर घटना स्थल पर पहुंचे तो उसी समय रिमोट से दूसरा धमका कर दिया गया था, जिसमें मेजर भी शहीद हो गए थे। क्या है बैट :

पाकिस्तान की बार्डर एक्शन टीम (बैट) में पाकिस्तानी सेना के कमाडो व प्रशिक्षित आतंकी शामिल हैं। बैट टीम भारत-पाक सीमा के आसपास ही तैनात रहती है और मौका पाकर अपनी कार्रवाई को अंजाम देती है। सीमा में घुसकर कभी आइईडी लगाना तो कभी जवानों पर हमला करना इसकी रणनीति का हिस्सा है। परिवार कर रहा था शादी की तैयारियां, पहुंची शहादत की खबर

जागरण संवाददाता, राजौरी : देहरादून के रहने वाले मेजर चित्रेश बिष्ट जल्द घर छुट्टी पर जाने वाले थे, क्योंकि सात मार्च को मेजर चित्रेश की शादी तय थी। परिवार के सभी सदस्य तैयारियों में जुटे हुए थे। शादी के निमंत्रण पत्र भी बांटे जा रहे थे। अचानक उनकी शहादत की खबर से परिवार में हड़कंप मच गया।

परिवार में मेजर की शादी को लेकर काफी खुशी व उत्साह का माहौल था लेकिन पड़ोसी देश पाकिस्तान की काली करतूत ने उन सबकी आंखों में आंसू भर दिए। मेजर चित्रेश ने घर में कई कार्य शेष पूरा करने का जिम्मा स्वयं पर ले रखा था। इसीलिए उन्होंने छुट्टी का आवेदन भी कर दिया था। लेकिन अब मेजर का पाíथव शरीर तिरंगे में लिपटा हुआ उनके घर पहुंचेगा।


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