नौशेरा पहुंचे डिप्टी CM सुरिंदर चौधरी, पाकिस्तानी गोलीबारी में घायल हुए लोगों का जाना हाल; बंकर निर्माण की हुई मांग
उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने सुंदरबनी और नौशेरा नियंत्रण रेखा क्षेत्रों का दौरा किया जहां पाकिस्तानी गोलाबारी से प्रभावित लोगों से मिले। उन्होंने राहत शिविरों में प्रशासन द्वारा हर संभव मदद पहुंचाने के निर्देश दिए। चौधरी ने कहा कि सरकार सीमावर्ती क्षेत्रों में नए बंकर बनाने की नीति पर काम कर रही है और पीड़ितों के साथ खड़ी है।

संवाद सहयोगी, सुंदरबनी। जम्मू-कश्मीर को उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने बुधवार को सुंदर बनी और नौशेरा नियंत्रण रेखा के क्षेत्रों का दौरा कर पाकिस्तान गोलाबारी में क्षतिग्रस्त हुए लोगों के घरों व घायल लोगों का हाल जाना। सुंदरबनी पहुंचने पर उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक कर राहत शिविरों में पहुंचे लोगों को प्रशासन से हर संभव मदद के निर्देश दिए।
सरकार की मदद का दिया आश्वासन
उन्होंने कहा कि गोलाबारी प्रभावित क्षेत्रों से दरबदर हुए लोगों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होनी चाहिए । उन्होंने लोगों से बातचीत की और सरकार, प्रशासन की ओर से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। उन्होंने लोगों से कहा कि प्रदेश में नए बंकरों के लिए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के निर्देश पर सरकार जल्द नई नीति बनाने जा रही है।
पाकिस्तान ने जिस प्रकार जम्मू कश्मीर के सीमावर्ती क्षेत्रों के रिहायशी इलाकों को निशाना बनाकर भारी गोलाबारी की, उससे प्रभावित परिवारों ने साहस दिखाया है। जम्मू कश्मीर सरकार पीड़ितों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है लोगों के दर्द को सरकार अनदेखा नहीं करेगी।
सीमांत क्षेत्र में जनजीवन को फिर से पटरी पर लाने के लिए सरकार हर संभव कदम उठा रही है। उन्होंने कहा राज्य सरकार लोगों की सुरक्षा के लिए वचनबद्ध है। बैठक में एडीसी सुंदरबनी रामकेश शर्मा, तहसीलदार सुंदरबनी दलजीत सिंह परिहार, एक्सियन लोक निर्माण विभाग एईई लोक निर्माण विभाग मोहम्मद अशरफ सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
बच्चों की पढ़ाई होती है प्रभावित
पाकिस्तान गोलाबारी का दर्द सीमावर्ती क्षेत्रों से राहत शिविरों में पहुंचे लोगों के चेहरों पर साफ देखा जा रहा है। लोगों ने कहा कि दशकों से हम लोग भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच राहत शिविरों में मजबूर होकर रहने के लिए पहुंचते हैं।
राजौरी जिले के उपजिला सुंदरबनी के नागाई पनयास, कलासरा, दादल, अमबखोडी, थेयाडी आदि सीमावर्ती क्षेत्रों के लोगों ने कहा कि हर बार गोलाबारी में व्यापार से लेकर बच्चों की पढ़ाई बड़े पैमाने पर प्रभावित होती है इन लोगों ने बताया कि सीमांत क्षेत्रों में रहने वाले अधिकतर लोग किसान है। किसानी के साथ-साथ माल मवेशियों का भी लोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है।
सीजफायर के बाद भी लोग अभी राहत शिविरों में रुके हुए हैं। लोगों ने बताया कि सीमांत क्षेत्रों में गोलाबारी से बचने के लिए बंकर ही एकमात्र उपाय है। लेकिन उपजिला सुंदरबनी कि सीमांत क्षेत्रों में मात्र 54 ही बंकर बने हुए हैं।
घर में बंकर सुविधा की मांग
सीमावर्ती क्षेत्र के रहने वाले सुरेश कुमार ने बताया कि अगर प्रत्येक घर में बंकर की सुविधा मिल जाए तो राहत शिवरों का रुख नहीं करना पड़ेगा। साथ में लोगों के कामकाज प्रभावित नहीं होंगे। सुरेश कुमार ने सरकार से सीमा पर बसे लोगों के लिए प्रत्येक घर में बंकर की सुविधा उपलब्ध करवाने की मांग उठाई।

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