इंद्रजीत ने डीसी पुंछ का संभाला पदभार
1999 बैच के जम्मू कश्मीर प्रशासनिक सेवा के अधिकारी इंद्रजीत ने वीरवार को जिला आयुक्त पुंछ के रूप में पदभार संभाल लिया। इंद्रजीत जो निदेशक कृषि विभाग जम्मू के रूप में कार्यरत थे को हाल ही में जिला आयुक्त पुंछ के पद पर स्थानांतरित किया गया है। नए डीसी का स्वागत करने के लिए काफी संख्या में पुंछ के अधिकारी व अन्य लोग बीजी पहुंचे थे।
जागरण संवाददाता, पुंछ : 1999 बैच के जम्मू कश्मीर प्रशासनिक सेवा के अधिकारी, इंद्रजीत ने वीरवार को जिला आयुक्त पुंछ के रूप में पदभार संभाल लिया। इंद्रजीत, जो निदेशक कृषि विभाग जम्मू के रूप में कार्यरत थे, को हाल ही में जिला आयुक्त पुंछ के पद पर स्थानांतरित किया गया है।
नए डीसी का स्वागत करने के लिए काफी संख्या में पुंछ के अधिकारी व अन्य लोग बीजी पहुंचे थे। यहां पर जिला आयुक्त का स्वागत किया और डीसी को अधिकारियों ने कार्यालय तक पहुंचाया। उसके बाद नए डीसी ने जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ बातचीत की और जिले में जारी विकास कार्यो की समीक्षा की। वहीं निर्वतमान डीसी राहुल यादव को अधिकारियों व स्थानीय लोगों ने विदाई दी।
भारत-पाक के बीच फिर से शुरू हो व्यापार
संवाद सहयोगी, पुंछ : भारत पाकिस्तान दोनों देशों के बीच युद्ध विराम समझौते के बाद नियंत्रण रेखा के नजदीकी गांव में शांति बहाल हो गई है। नियंत्रण रेखा के गांव में चहल पहल दिखाई दे रही हैं। लोगों के चेहरों से दहशत खत्म हो कर खुशी झलक रही है। स्थानीय लोगों ने अब दोनों देशों के बीच व्यापार को मंजूरी देने की मांग की है। ताकि बेरोजगारों को रोजगार प्राप्त हो सके। पुंछ जिले की नियंत्रण रेखा पर सटे गांव खड़ी के चक्का दा बाग से दोनों देशों के बीच व्यापार के दौरान पुंछ जिले के 102 मजदूर परिवारों का रोजगार चल रहा था , लेकिन गोलाबारी के कारण दोनों देशों के बीच व्यापार भी बंद हो गया, जिस कारण मजदूर परिवारों का रोजगार समाप्त हो गया था। लेकिन अब युद्ध विराम के बाद दोबारा रोजगार मिलने की आशा जागी है। उन दिनों ट्रेड सेंटर पुंछ में मजदूरी कर रहे मजदूर अबदुल रजाक, मुनीर हुसैन, मुश्ताक अहमद , मुहम्मद शकील आदि ने बताया कि जब से दोनों देशों के बीच व्यापार बंद हुआ है, वे लोग ठोकरे खा रहे हैं। अगर दोनों देशों के बीच व्यापार फिर से शुरू हो जाए तो उन्हें रोजगार मिल जाएगा। उन्होंने कहा कि जब व्यापार चल रहा था तो आए दिन पांच से सात सौ रुपये कमा लेते थे,जिस से परिवार का खर्चा चल जाता था, लेकिन व्यापार बंद होने के बाद हमें बहार मजदूरी नहीं मिल रही है और ऊपर से एक वर्ष से कोरोना महामारी के कारण वे परेशान हैं। मजदूरी करने के बाद भी घर का खर्चा पूरा नहीं हो रहा है। लेकिन अब दोनों देशों के बीच युद्ध विराम की घोषणा के बाद दोनों देशों के बीच व्यापार शुरू हो जाना चाहिए।