बाबा बुड्ढा अमरनाथ के जयकारों के साथ ध्वजारोहण
संवाद सहयोगी पुंछ जिले की मंडी तहसील में स्थित प्राचीन एवं प्रसिद्ध शिव मंदिर बुढ्डा अमरनाथ धाम
संवाद सहयोगी, पुंछ : जिले की मंडी तहसील में स्थित प्राचीन एवं प्रसिद्ध शिव मंदिर बुढ्डा अमरनाथ धाम में महंत 1008 स्वामी विश्वात्मानंद सरस्वती महाराज की अगुआई में रविवार को सुबह बुड्ढा अमरनाथ मंदिर में संगमरमरी शिवलिंग की पूजा की गई। इसके बाद मंदिर परिसर में धार्मिक ध्वजारोहण और हवन का आयोजन किया गया। इस दौरान कोविड महामारी को दूर करने की भगवान शिव से प्रार्थना की गई। विशाल भंडारे का भी आयोजन किया गया, जिसमें काफी संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। इस दौरान श्रद्धालुओं द्वारा बाबा बुढ्डा अमरनाथ के जयकारे से पूरा क्षेत्र गूंज उठा। कार्यक्रम के दौरान कोरोना गाइडलाइन का भी पालन किया गया।
उधर, जिलेभर में रक्षाबंधन पर्व धूमधाम से मनाया गया। नियंत्रण रेखा पर सीमा सुरक्षा बल और भारतीय सेना के जवानों को युवतियों ने राखी बांध कर उनकी लंबी उम्र की कामना की। आज दशनामी अखाड़ा में लौटेगी पवित्र छड़ी
सोमवार को पवित्र छड़ी को वापस बाबा बुड्ढा अमरनाथ से दशनामी अखाड़ा पुंछ लाया जाएगा, जहां उसे फिर से स्थापित कर दिया जाएगा। सुबह बाबा बुड्ढा अमरनाथ मंदिर परिसर में पुलिस के जवान पवित्र छड़ी को सलामी देंगे। उसके बाद पीठाधीश्वर राजगुरु महामंडलेश्वर 1008 स्वामी विश्वात्मानंद सरस्वती जी महाराज पवित्र छड़ी को लेकर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच दशनामी अखाड़ा पुंछ के लिए रवाना होंगे। वहां पर पूजा-अर्चना के बाद फिर से छड़ी को स्थापित कर दिया जाएगा। इसके साथ ही बाबा बुड्ढा अमरनाथ जी की यात्रा जो रक्षाबंधन के अवसर पर आयोजित होती है, वह संपन्न हो जाएगी। दशनामी अखाड़ा में भी छड़ी को पुलिस के जवान सलामी देंगे। राजौरी-पुंछ रेंज के डीआइजी विवेक गुप्ता के साथ अन्य अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। कोरोना के कारण दूसरे वर्ष भी नहीं हुए पूरे कार्यक्रम
कोरोना महामारी के चलते पिछले दो वर्ष से बाबा बुड्ढा अमरनाथ जी की यात्रा प्रभावित हो रही है। पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी सीमित संख्या में लोगों को छड़ी यात्रा के साथ आने की अनुमति थी। पहले हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ छड़ी यात्रा के साथ 22 किलोमीटर पुंछ से पैदल चलकर बाबा बुड्ढा अमरनाथ पहुंचती थी। जगह-जगह लंगर लगाए जाते थे, लेकिन कोरोना के चलते ऐसा कुछ भी देखने को नहीं मिला। हर वर्ष जब पवित्र छड़ी यात्रा पुंछ जिले की मंडी तहसील के राजपुरा गांव में स्थित बाबा बुड्ढे अमरनाथ जी के मंदिर में पहुंचती थी तो देश के विभिन्न हिस्सों से लोग दर्शन को आते थे। इस कारण मंदिर के आसपास दुकानें करने वाले लोगों के चेहरों पर भी रौनक देखने को मिलती थी, लेकिन इस वर्ष भी दुकानदार उदास ही नजर आए। सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल
पड़ोसी पाकिस्तानी की सीमा से तीन तरफ से घिरी पुंछ घाटी के उत्तर में और पुंछ जिला मुख्यालय से करीब 23 किमी दूर प्राचीन बुड्ढा अमरनाथ मंदिर है। मान्यता है कि भगवान शंकर ने कश्मीर में स्थित अमरनाथ की गुफा में माता पार्वती को अमरत्व से संबंधित जो कथा सुनाई थी, उसका प्रारंभ बुड्ढा अमरनाथ के स्थल से ही हुई थी। आस्था के केंद्र इस मंदिर की देखभाल इलाके के मुस्लिम परिवार तथा सीमा सुरक्षा बल के जवान ही करते हैं। आकर्षित करती है लकड़ी की नक्काशी
जम्मू से लगभग 246 किम दूर पुंछ घाटी के राजपुरा मंडी क्षेत्र में बुढ्डा अमरनाथ का आकर्षक मंदिर बना हुआ है। इसकी बनावट दूसरे अन्य मंदिरों से अलग है। मंदिर की चहारदीवारी पर लकड़ी के काम की नक्काशी की गई है। बताया जाता है कि यह नक्काशी सदियों पहले की गई थी, इसके बाद भी यह श्रद्धालुओं को आकर्षित करती है।