Reasi Terror Attack के बाद कठुआ और सीमाओं पर सुरक्षा चाक-चौबंद, पुलिस को नाकों पर चौकन्ना रहने के निर्देश जारी
रियासी हमले के बाद जहां पूरे संभाग में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। शहरी क्षेत्रों में पुलिस ने 14 घंटे क्यूआरटी वाहन के साथ निगरानी की जा रही है। इसके अलावा पुलिस को पूरे जिले में नाकों पर अलर्ट रहने के निर्देश हैं। अंतरराष्ट्रीय सीमा से लेकर हाईवे और पंजाब व हिमाचल से जुड़ी सीमाओं पर लगे नाकों पर भी विशेष निगरानी के लिए कहा गया है।
जागरण संवाददाता, कठुआ। रियासी हमले के बाद जहां पूरे संभाग में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। वहीं इधर जिला कठुआ के साथ लगती अति संवेदनशील हीरानगर में अंतरराष्ट्रीय भारत-पाक सीमा और पड़ोसी राज्य पंजाब से जुड़ने वाले क्षेत्रों में बीएसएफ और पुलिस ने चौकसी कड़ी कर दी है।
शहरी क्षेत्रों में भी पुलिस ने 14 घंटे क्यूआरटी वाहन के साथ निगरानी की जा रही है। इसके अलावा पुलिस को पूरे जिले में नाकों पर अलर्ट रहने के निर्देश हैं। कुल मिलाकर अंतरराष्ट्रीय सीमा से लेकर हाईवे और पंजाब व हिमाचल से जुड़ी सीमाओं पर लगे नाकों पर भी विशेष निगरानी के लिए कहा गया है।
BSF के वाटर विंग को सक्रिय करने के आदेश जारी
दरअसल गत दिवस पंजाब में बीएसएफ के उच्चाधिकारियों द्वारा रियासी हमले के बाद सुरक्षा के मद्देनजर की गई एक बैठक में सीमा से होकर जाने वाले पाक को सतलुज और रावी दरिया के मार्ग पर बीएसएफ के वॉटर विंग को सक्रिय करने के आदेश जारी किए गए।
ऐसे में रावी दरिया जो कि कठुआ से होकर बाद में पंजाब के बमियाल से सीधा पाकिस्तान की ओर बहता है, जिस क्षेत्र से होकर पाक की ओर बहता है, वो क्षेत्र कठुआ जिला से और हीरानगर का सीमांत पहाड़पुर क्षेत्र के साथ सटा है।
पाक की ओर बहते हैं ये नाले
कठुआ में बहने वाले उज्ज व तरनाह नाले पाक की ओर जाते हैं। ऐसे में जहां पर भी सुरक्षा के कड़े प्रबंध किया जाना अति जरूरी है, इसके अलावा कठुआ में बहने वाले उज्ज व तरनाह नाले भी हीरानगर के सीमांत क्षेत्र से होकर पाकिस्तान की ओर बहते हैं, इसके अलावा एक पाकिस्तान की ओर तरनाह नाला वहां से होकर पंजाब में आकर फिर उज्ज व रावी से मकाेड़ा में जाकर मिलता है।
पठानकोट जिले की सीमांत क्षेत्र की आखिरी हद है
ये स्थान पंजाब के पठानकोट जिले की सीमांत क्षेत्र की आखिरी हद है, उसके बाद वहां जिला गुरदासपुर का सीमा क्षेत्र शुरू हो जाता है। हालांकि दरियाओं में तारबंदी तो की गई हैं। लेकिन नीचे पानी के बड़े बड़े होल बनने से इसका इस्तेमाल घुसपैठ करने में आतंकी प्रयास में रहते हैं।
गत वर्ष पंजाब क्षेत्र में खाली वोट रावी दरिया में कुछ दूरी पर मिली थी, जिससे भी घुसपैठ की आशंका जताई गई थी। शायद इसी के चलते अब पंजाब में बीएसएफ के वाटर विंग को सक्रिय किया जा रहा है।
वहीं इसी तरह की आशंका के चलते गत माह राजौरी में हुए आतंकी हमले के बाद सीमा पार से आतंकियों की घुसपैठ की आशंका को जानने के लिए जम्मू कश्मीर पुलिस के एडीजीपी आनंद जैन ने पंजाब के बमियाल क्षेत्र में बहने वाले रावी व उज्ज दरिया के साथ लगती सीमा का जायजा लिया था।ऐसे में जहां भी अलर्ट रखा गया है।