विश्व के सबसे ऊंचे आर्च पुल पर बिछने लगी 'उम्मीदों की पटरी', 2024 तक ट्रेन सीधे कश्मीर पहुंचाने का है लक्ष्य
वर्ष 2024 तक ट्रेन सीधे कश्मीर तक पहुंचाने का लक्ष्य लेकर चल रहे रेलवे ने एक और अहम कदम बढ़ाया है। जम्मू संभाग के रियासी जिले में बने विश्व के सबसे ऊंचे आर्च पुल पर मंगलवार को पटरी बिछाने का काम भी शुरू कर दिया गया। File Photo

जागरण संवाददाता, रियासी। वर्ष 2024 तक ट्रेन सीधे कश्मीर तक पहुंचाने का लक्ष्य लेकर चल रहे रेलवे ने एक और अहम कदम बढ़ाया है। जम्मू संभाग के रियासी जिले में बने विश्व के सबसे ऊंचे आर्च पुल पर मंगलवार को पटरी बिछाने का काम भी शुरू कर दिया गया। जल्द ही इस पुल से रेल के सफर का सपना साकार होगा।
बता दें कि रियासी शहर से लगभग 42 किलोमीटर दूर चिनाब नदी पर बने इस पुल का एक सिरा जिला के कोड़ी तो दूसरा बक्कल गांव में है। चिनाब के जल सतह से इस पुल की ऊंचाई 359 मीटर है, लेकिन जहां यह पुल बना है, वहां पानी की गहराई 60 मीटर है। इस तरह नदी के तल से इस पुल की ऊंचाई 419 मीटर है। पुल की लंबाई 1.3 किलोमीटर और चौड़ाई 13 मीटर है, जिसमें कुल 18 पिलर है।
पिछले वर्ष 15 अगस्त को पुल के ओवर आर्क डेक को 'गोल्डन ज्वाइंट' के साथ पूरा किया गया था। इसके बाद अब मंगलवार को ट्रैक बिछाने का काम शुरू हुआ है। बता दें कि यह पुल कटड़ा से बनिहाल तक 111 किलोमीटर के रेलवे ट्रैक का अहम जुड़ाव है।
यह ट्रैक महत्वाकांक्षी ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक परियोजना का हिस्सा है। वर्तमान में कटड़ा तक ट्रेन जाती है। उधर, बनिहाल से बारामुला के बीच पहले से ही ट्रेन चलती हैं। कटड़ा से बनिहाल को जोड़ने का काम तेज गति से जारी है।
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