कटड़ा से कश्मीर तक दौड़ेगी वंदे भारत ट्रेन, माइनस 20° में भी चलेगी; PM मोदी जल्द दिखाएंगे हरी झंडी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले सप्ताह कटड़ा से श्रीनगर के बीच चलने वाली बहुप्रतीक्षित वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखा सकते हैं। यह ट्रेन कश्मीर को रेलमार्ग से शेष भारत से जोड़ेगी। इसे विशेष रूप से कश्मीर के विपरीत मौसम की चुनौतियों का सामना करने के लिए डिजाइन किया गया है और यह बर्फबारी और शून्य से नीचे 20 डिग्री तक के तापमान में भी आराम से चलेगी।

जागरण संवाददाता, जम्मू। बहु प्रतीक्षित कटड़ा से श्रीनगर के बीच चलने वाली वंदे भारत ट्रेन को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अगले सप्ताह हरी झंडी दिखा सकते हैं।
आधिकारिक तौर पर भले ही इसकी पुष्टि नहीं हुई है पर रेलवे अधिकारियों के अनुसार फरवरी माह के दूसरे सप्ताह के बाद किसी भी समय प्रधानमंत्री कार्यालय से इस ट्रेन को चलाने के लिए हरी झंडी मिल सकती है। रेलवे अपने तमाम सुरक्षा ट्रायल पूरे कर चुका है।
माइनस 20 डिग्री तापमान में भी आराम से चलेगी यह ट्रेन
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी अब फ्रांस व अमेरिका के दौरे पर जा रहे हैं और उनके इस दौरे से लौटने के बाद इस पर मुहर लगने की संभावना है। रेलवे की यह महत्वाकांक्षी परियोजना कश्मीर को रेलमार्ग से शेष दुनिया से जोड़ेगी। कश्मीर के विपरीत मौसम की चुनौती से निपटने के लिए वंदे भारत को विशेष तौर पर डिजाइन किया गया है।
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यह ट्रेन बर्फबारी और शून्य से नीचे 20 डिग्री तक के तापमान में आराम से चलेगी। कड़ाके की ठंड से बचने के लिए ट्रेन के भीतर पूरी तरह से हीटिंग व्यवस्था है। इसके साथ ट्रेन में गर्म पानी मिलता रहेगा, इसके लिए पाइपों पर विशेष को टिंग की गई है, ताकि सर्दी में पाइप में पानी जमने न पाए।
फिलहाल वंदे भारत के लिए अन्य ट्रेनें भी इस मार्ग पर चलाने की तैयारी की जा रही है और रेलवे ने कटड़ा से चलाने की टाइमिंग भी तय कर दी है। देश के अन्य हिस्सों से आने वाले श्रद्धालुओं को नई दिल्ली से कटड़ा तक अन्य ट्रेन से पहुंचना होगा और उसके बाद कटड़ा से फिलहाल ट्रेन बदलनी होगी।
कटड़ा से बनिहाल ट्रैक का काम हुआ पूरा
कटड़ा से बनिहाल के बीच रेलवे ट्रैक का निर्माण हाल में पूरा हुआ है। इससे पूर्व बारामुला से बनिहाल के बीच ट्रेन पहले से ही दौड़ रही थी। 111 किलोमीटर लंबे कटड़ा से बनिहाल रेलवे ट्रैक के निर्माण की कई भौगोलिक चुनौतियां थीं पर हमारे इंजीनियरों ने देश के इस सपने को सच कर दिखाया। इस ट्रैक का ज्यादातर हिस्सा सुरंगों और पुलों से गुजरता है।
भारत की सबसे बड़ी रेलवे सुरंग, दुनिया का सबसे ऊंचा आर्च पुल और भारत का पहला केबल स्टे रेलवे ब्रिज भी इसी ट्रैक पर पड़ता है। इस तरह यह सफर एक सफर में पर्यटक प्राकृतिक नजारों का आनंद ले सकेंगे।

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