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    Jammu Kashmir: वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने 'राष्ट्रीय जल पुरस्कार-2023' में पहला स्थान हासिल कर बनाई हैट्रिक

    By Jagran NewsEdited By: Rajat Mourya
    Updated: Sat, 17 Jun 2023 07:04 PM (IST)

    मुख्य कार्यकारी अधिकारी अंशुल गर्ग ने कहा कि श्राइन बोर्ड तीर्थयात्रियों को सर्वोत्तम संभव सुविधाएं प्रदान करने के लिए ठोस प्रयास करने के अलावा निरंतर पहल कर रहा है और जल संरक्षण के लिए सर्वोत्तम जल प्रबंधन प्रथाओं और तकनीकों को अपना रहा है।

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    वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने 'राष्ट्रीय जल पुरस्कार-2023' में पहला स्थान हासिल कर बनाई हैट्रिक। जागरण

    कटड़ा/जम्मू, संवाद सहयोगी। श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड (एसएमवीडीएसबी) ने जल संरक्षण और पानी के उचित प्रबंधन को बढ़ावा देने को लेकर चौथे राष्ट्रीय जल पुरस्कार-2023 में प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया। अधिकारियों ने कहा कि श्राइन बोर्ड को चौथे राष्ट्रीय जल पुरस्कारों में 'बेस्ट इंस्टीट्यूशन फॉर कैंपस यूसेज' का पुरस्कार मिला है।

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    एक अधिकारी ने कहा कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने जल शक्ति मंत्रालय के तहत जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग द्वारा नई दिल्ली में विज्ञान भवन में आयोजित एक समारोह के दौरान राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2023 प्रदान किए। वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड सहित कुल 41 विजेताओं को 11 श्रेणियों के तहत पुरस्कारों के लिए चुना गया था।

    क्यों मिलता है यह पुरस्कार

    राष्ट्रीय जल पुरस्कार 'जल समृद्ध भारत' के विजन को प्राप्त करने में देश भर के राज्यों, जिलों, व्यक्तियों और संगठनों द्वारा किए गए अनुकरणीय कार्यों और प्रयासों को पहचानने और प्रोत्साहित करने के लिए स्थापित किए गए थे। यह पुरस्कार श्राइन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अंशुल गर्ग ने ग्रहण किया।

    गर्ग ने पुरस्कार प्राप्त करने के बाद कहा, "यह श्राइन बोर्ड को भविष्य में सर्वोत्तम जल उपयोग प्रथाओं को अपनाने और बढ़ावा देने के अपने प्रयास को जारी रखने के लिए प्रोत्साहित और प्रेरित करेगा।"

    इन बातों पर किया जाता है गौर

    अधिकारी ने कहा कि बोर्ड पहल करता है और जल संरक्षण के लिए सर्वोत्तम जल प्रबंधन प्रथाओं और तकनीकों को अपनाता है।इनमें जल संचयन तालाबों का निर्माण, त्रिकुटा पहाड़ियों में वनीकरण अभियान, जल एटीएम की स्थापना, सीवेज उपचार संयंत्रों का पुनर्चक्रण, शौचालय ब्लॉकों के फ्लशिंग में पानी का पुन: उपयोग, निर्जल मूत्रालयों की स्थापना और छत पर वर्षा जल संचयन शामिल हैं।

    अधिकारी ने कहा कि इसके अलावा, बोर्ड पानी के प्रतिधारण और मिट्टी के कटाव को रोकने के लिए वन क्षेत्र में हर साल 1.50 लाख से अधिक पौधे लगा रहा है। अधिकारी ने कहा कि बोर्ड को विभिन्न क्षेत्रों में की गई पहलों के लिए पिछले कई वर्षों से लगातार सम्मानित किया जा रहा है।

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