बर्फ से ढके स्टेशन पर तो कभी वादियों के पास, कश्मीर तक जाने वाली वंदे भारत का कहां-कहां होगा ठहराव; मैप में समझिए
Kashmir Vande Bharat Train Route कश्मीर से कन्याकुमारी तक अब ट्रेन से सफर किया जा सकेगा। कटड़ा से कश्मीर तक रेल रूट का इंस्पेक्शन हो गया है कभी भी ट्रेन को हरी झंडी मिल सकती है। साथ ही वंदे भारत एक्सप्रेस और दो अन्य एक्सप्रेस ट्रेनों का शेड्यूल भी जारी हो चुका है। आइए जानते हैं कश्मीर में वंदे भारत ट्रेन का ठहराव कहां-कहां होगा।

डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। Kashmir Vande Bharat Train Route: साल 2013 में में ट्रेन मार्ग सिर्फ जम्मू तक ही सीमित था। इसे बढ़ाकर साल 2014 में श्री माता वैष्णो देवी (कटड़ा) तक किया गया। इससे माता वैष्णो देवी (Vaishno Devi to Kashmir Train) धाम जाने वाले श्रद्धालुओं की मुश्किल तो कम हुई। लेकिन कश्मीर तक ट्रेन का सफर फिर भी अधूरा रहा। लेकिन करीब 3 दशक की मेहनत के बाद अब यह सपना पूरा होना वाला है।
कश्मीर से कन्याकुमारी वो भी ट्रेन द्वारा। न केवल भारतीय रेल के लिए बल्कि पूरे देश के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है। खास बात है कि चिनाब नदी पर बना आर्च रेलवे पुल दुनिया का सबसे बड़ा ब्रिज है। जो वाकई इंजीनिरिंग का एक अद्भुत कारनामा है।
कश्मीर तक रेल इंस्पेक्शन हो चुका है। अब बारी एनलिसिस की है। जिसके बाद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कश्मीर के लिए ट्रेन को हरी झंडी दिखा सकते हैं।
खास बात है कि कटड़ा से श्रीनगर के लिए के वंदे भारत और दो एक्सप्रेस ट्रेन का शेड्यूल भी जारी हो चुका है। इस आर्टिकल में हम कश्मीर तक चलने वाले ट्रेन रूट के बारे में बारीकी से समझेंगे और जानेंगे कि अभी तक ट्रेन सेवाएं कहां तक उपलब्ध हैं और आगे कहां तक जारी रहेंगी।
क्या है वर्तमान में रेल रूट की स्थिति
दिल्ली सहित देश के अलग-अलग हिस्सों से आने वाली ट्रेनें मौजूदा समय में या तो जम्मू तवी तक जाती हैं या फिर श्री माता वैष्णो देवी कटड़ा स्टेशन तक। यह सेवा कटड़ा स्टेशन पर ही खत्म हो जाती है। कह सकते हैं कि देश को उत्तर दिशा तक जोड़ने वाला कटड़ा स्टेशन आखिरी है। हालांकि, कश्मीर में बारामूला से श्रीनगर के बीच और रामबन से लेकर संगदान तक ट्रेन सेवा जारी है।
मौजूदा समय में रियासी को संगलदान और कटड़ा से जोड़ा गया है ताकि कश्मीर पूरे देश से रेल मार्ग द्वारा जुड़ जाए। यह पूरा मार्ग बनकर तैयार है और इसका इंस्पेक्शन भी हो चुका है। पीएम मोदी इस माह ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना कर सकते हैं।
मैप से समझें ट्रेन के स्टॉपेज
पंजाब में पठानकोट के बाद ट्रेन जम्मू-कश्मीर की सीमा में एंट्री करती है। कठुआ के बाद जम्मू तवी बड़ा स्टेशन है। यहां हर ट्रेन का हॉल्ट होता है। 65 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद ट्रेन उधमपुर पहुंचती है और 25 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद ट्रेन श्री माता वैष्णो देवी कटड़ा तक पहुंचती है। मौजूदा समय तक यहीं तक ट्रेन चलती हैं।
कटड़ा के बाद के स्टेशन:
लेकिन अब ट्रेन और आगे जाएगी यानी कश्मीर की ओर। शुभारंभ के बाद ट्रेन टनल नंबर 1 से गुजरेगी जो श्री माता वैष्णो देवी के त्रिकुटा पहाड़ पर है। 16 किलोमीटर के बाद ट्रेन का स्टॉपेज रियासी स्टेशन होगा।
यहां से 45 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद ट्रेन संगलदान पहुंचेगी। करीब 46 किलोमीटर का सफर तय करते हुए ट्रेन का अगला स्टॉपेज बनिहाल होगा।
खूबसूरत पहाड़ और वादियों के बीच से गुजरते हुए ट्रेन का अगला ठहराव कांजीकुंड होगा। सर्दियों में बर्फ से ढके इस खूबसूरत स्टेशन पर पर्यटकों की जमकर भीड़ रहने वाली है। इस स्टेशन के बाद अनंतनाग अगला स्टेशन होगा और इसके बाद श्रीनगर होते हुए ट्रेन बारामूला तक पहुंचेगी। इस तरह कटड़ा से बारामूला तक ट्रेन कुल 272 किलोमीटर का रास्ता तय करेगी।
यहां से गुजरेगी वंदे भारत
- कटड़ा-रियासी ट्रैक पर देश का पहला केबल आधारित स्टे ब्रिज रियासी।
- रियासी-संगलदान ट्रैक विश्व का सबसे ऊंचा रेलवे का आर्च पुल। (चिनाब नदी से 359 मीटर ऊपर)
- रियासी रेलवे स्टेशन पहाड़ काटकर समतल की गई जमीन, पुल व सुरंग के अंदर है।
- जब इस स्टेशन पर ट्रेन रुकेगी तो उसका कुछ भाग जमीन, कुछ पुल व कुछ हिस्सा सुरंग के अंदर होगा।
- संगलदान-बनिहाल ट्रैक देश की सबसे लंबी 12.77 किलोमीटर रेलवे टनल।
(ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक परियोजन कुल 272 कलोमीटर की है। अगर जम्मू से बारामूला तक जोड़ा जाए तो पूरा ट्रैक 337 किलोमीटर का है।)
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