जम्मू-कश्मीर को मिलेगी बिजली संकट से राहत, शुरू होने वाला है किरू हाइड्रो प्रोजेक्ट
जम्मू-कश्मीर में किरू हाइड्रो प्रोजेक्ट इस महीने के अंत तक शुरू होने की उम्मीद है। जिला किश्तवाड़ में चिनाब नदी पर बन रही 624 मेगावाट की यह परियोजना प्रदेश में बिजली संकट को कम करेगी। एनएचपीसी और जेकेएसपीडीसी के संयुक्त उद्यम द्वारा विकसित इस परियोजना का लक्ष्य बिजली उत्पादन को बढ़ावा देना है। किरू से सालाना लगभग 1975 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन होगा।

डिजिटल डेस्क, जम्मू । जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद चर्चा में आया किरू हाइड्रो प्रोजेक्ट के इसी माह के अंत तक शुरू होने की उम्मीद है। दरिया चिनाब पर 624 मेगावाट की रन-ऑफ-द-रिवर योजना के रूप में डिजाइन इस प्राेजेक्ट के शुरू होने से प्रदेश में व्याप्त बिजली संकट में काफी हद तक राहत मिलेगी।
इस परियोजना को एनएचपीसी और जेकेएसपीडीसी के संयुक्त उद्यम चिनाब वैली पावर प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (सीवीपीपीएल) द्वारा विकसित किया जा रहा है। इसका उद्देश्य क्षेत्र में बिजली उत्पादन को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ावा देना है। इसमें 135 मीटर ऊंचाई के बांध और 156 मेगावाट की 4 इकाइयों के साथ एक भूमिगत पावर हाउस का निर्माण किया गया है। अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि किरू से सालाना लगभग 1975 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन होगा।
आपको बता दें कि सीवीपीपीएल एनएचपीसी (51प्रतिशत) और जेकेएसपीडीसी (49 प्रतिशत) के बीच एक संयुक्त उद्यम कंपनी है, जिसकी स्थापना 2011 में चिनाब नदी की विशाल जल क्षमता का उपयोग करने के लिए जम्मू-कश्मीर सरकार और भारत सरकार की पहल पर की गई। सीवीपीपीएल को 3094 मेगावाट की कुल संस्थापित क्षमता के साथ बिल्ड, ओन, ऑपरेट एंड मेंटेन (बूम) आधार पर परियोजनाओं के निर्माण का कार्य सौंपा गया है।
सत्यपाल मलिक ने लगाए थे किरू में भ्रष्टाचार के आरोप
जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने एक साक्षात्कार के दौरान यह आरोप लगाया था कि उन्हें 2 फाइलों को मंजूरी देने के लिए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी, जिसमें एक जलविद्युत परियोजना और दूसरी सरकारी कर्मचारियों के स्वास्थ्य बीमा से जुड़ी फाइलें थीं। इसके बाद बीमा योजना का ठेका देने और परियोजना निर्माण कार्य में मलिक के भ्रष्टाचार के आरोपों पर सीबीआई ने अप्रैल 2022 को 2 मामले दर्ज किए थे। करीब तीन साल तक चली जांच के बाद सीबीआइ ने किरू जलविद्युत परियोजना के सिविल कार्यों के लिए 2200 करोड़ रुपये का ठेका आवंटित करने में नियम व प्रक्रिया का उल्लंघन पाया। जिसके बाद मई 2025 में सीबीआइ ने पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक समेत आठ लोगों के विरुद्ध जम्मू की विशेष अदालत में आरोपपत्र दायर किया। सत्यपाल मलिक 23 अगस्त 2018 से 31 अक्टूबर 2019 तक जम्मू-कश्मीर राज्य के राज्यपाल रहे हैं।
प्रदेश में अभी तक 3540 मेगावाट हो रही बिजली उत्पन्न
जम्मू और कश्मीर में 14867 मेगावाट की पनबिजली उत्पादन क्षमता की पहचान की गई है। लेकिन वर्तमान में 3540.15 मेगावाट ही उत्पन्न की जा रही है। यह पहचानी गई क्षमता का लगभग 23.81 प्रतिशत है। राज्य में 31 जल विद्युत परियोजनाएं चल रही हैं, जिनमें प्रदेश की अपनी 13 परियोजनाओं से 1197.4 मेगावाट, केंद्र प्रायोजित एनएचपीसी मात्र छह परियोजनाओं से 2250 मेगावाट जबकि आइपीपी मोड पर बनी परियोजनाओं से 92.75 मेगावाट बिजली पैदा हो रही है। जम्मू-कश्मीर की प्रमुख परियोजनाओं में बगलिहार-1 और बगलिहार-2 शामिल हैं, जिनकी कुल उत्पादन क्षमता 900 मेगावाट के करीब है।
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