Ladakh Hill Council Polls: लद्दाख चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस को हल निशान देने पर SC ने फैसला संरक्षित रखा
वकील ने दलील दी कि नेकां लद्दाख हिल काउंसिल की सत्ता में थी और इसके उम्मीदवारों को स्थानीय चुनाव में पार्टी के आरक्षित चुनाव निशान देने से इंकार नहीं किया जा सकता। यह स्थानीय चुनाव भी पार्टी आधारित हो रहे हैं। इससे पूर्व सुप्रीम कोर्ट के डिवीजन बेंच ने नेकां उम्मीदवारों को जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के निर्देश के बावजूद हल का निशान न दिए जाने को अनुचित करार दिया था।
जम्मू, जागरण संवाददाताः दस सितंबर को होने वाले लद्दाख हिल डेवलपमेंट काउंसिल के चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस को हल चुनाव निशान देने से इंकार किए जाने को लेकर नेकां की ओर से दायर याचिका में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला संरक्षित रखा है।
सुप्रीम कोर्ट के डिवीजन बेंच ने दोनों तरफ की बहस पूरी होने के बाद कहा कि फैसला छह सितंबर को सुनाया जाएगा। मामले की सुनवाई के दौरान एडिशनल सालीस्टिर जनरल केएम नटराज ने कहा कि चुनाव निशान आदेश 1968 केवल विधानसभा व संसदीय चुनाव पर लागू होता है और स्थानीय निकाय चुनाव में यह आदेश लागू नहीं होता।
उन्होंने दलील दी कि आरक्षित चुनाव निशान केवल राष्ट्रीय स्तर की राजनीतिक पार्टियों को दिया जाता है। वैसे भी नेकां के 89 उम्मीदवारों में से किसी ने भी हल चुनाव निशान देने की मांग नहीं की है। दस सितंबर को होने वाले इस चुनाव के लिए 23 अगस्त को नामांकन पत्र दायर करने की अंतिम तिथि थी और 26 अगस्त तक उम्मीदवार नामांकन वापस ले सकते थे।
नेकां के वकील ने दलील दी कि नेकां लद्दाख हिल काउंसिल की सत्ता में थी और इसके उम्मीदवारों को स्थानीय चुनाव में पार्टी के आरक्षित चुनाव निशान देने से इंकार नहीं किया जा सकता। यह स्थानीय चुनाव भी पार्टी आधारित हो रहे हैं। इससे पूर्व सुप्रीम कोर्ट के डिवीजन बेंच ने नेकां उम्मीदवारों को जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के निर्देश के बावजूद हल का निशान न दिए जाने को अनुचित करार दिया था।
ऐसे में अगर जरूरत पड़ी तो बेंच चुनाव रद भी कर सकता है। पांच अगस्त को जारी अधिसूचना के तहत तीस सदस्यों वाली लद्दाख हिल काउंसिल की 26 सीटों के लिए दस सितंबर को मतदान होना है।
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