'सारा दोष मुझ पर मढ़ दिया....', विदेशी फंडिग पर सोनम वांगचुक ने दी सफाई; CBI जांच को लेकर भी बोले
लद्दाख के कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए) के उल्लंघन की सीबीआई जांच पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि उन्होंने विदेशी धन नहीं मांगा क्योंकि उनका विदेशों से भीख मांगने का कोई इरादा नहीं था। वांगचुक ने स्पष्ट किया कि संगठन को विदेशी संस्थाओं से उनकी अभिनव परियोजनाओं के बारे में ज्ञान साझा करने के बदले शुल्क मिला था।

डिजिटल डेस्क, जम्मू। लद्दाख के चर्चित कार्यकर्ता सोनम वांगचुक इस समय केंद्रशासित प्रदेश में हिंसा भड़काने के आरोपों का सामना कर रहे हैं।
एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक ने गुरुवार को अपने संगठन द्वारा विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए) के कथित उल्लंघन की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा की गई जांच पर रिएक्शन देते हुए कहा कि उन्होंने विदेशी धन नहीं मांगा क्योंकि उनका "विदेशों से भीख मांगने" का कोई इरादा नहीं था।
वांगचुक की यह टिप्पणी सीबीआई द्वारा उनके संगठन पर विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए) के कथित उल्लंघन की जांच के बाद आई है।
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए वांगचुक ने धन की प्रकृति पर सफाई देते हुए कहा इस बात पर जोर दिया कि यह "विदेशी दान नहीं" था, बल्कि प्रदान की गई सेवाओं के लिए शुल्क था।
एक दिन बाद (लेह विरोध प्रदर्शन के बाद), भारत के गृह मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की जिसमें सोनम वांगचुक का नाम लिया गया और उन्हें दोषी ठहराया गया...
मुझे सीबीआई जांच के बारे में एक नोटिस मिला था जिसमें कहा गया था कि आपके संगठन को विदेशी धन प्राप्त हुआ, जबकि उसके पास एफसीआरए नहीं था। हमें एफसीआरए नहीं मिला क्योंकि हम विदेश से धन नहीं चाहते- सोनम वांगचुक, सामाजिक कार्यकर्ता
उन्होंने आगे बताया कि संगठन को विदेशी संस्थाओं से उनकी अभिनव परियोजनाओं के बारे में ज्ञान साझा करने के बदले शुल्क मिला था।
उन्होंने आगे कहा कि संयुक्त राष्ट्र की टीम हमारी पैसिव सोलर हीटेड बिल्डिंग को अफगानिस्तान ले जाना चाहती थी, और इसके लिए उन्होंने हमें शुल्क दिया। हमें अपने आर्टिफिशिलयल ग्लेशियरों के बारे में जानकारी देने के लिए स्विस और इतालवी संगठनों से भी कर सहित शुल्क मिला।
'आयकर विभाग की जांच के दायरे में संगठन'
वांगचुक ने यह भी साफ किया कि उनका संगठन आयकर विभाग की जांच के दायरे में है और विदेशी लेनदेन के संबंध में एक सम्मन जारी किया गया है।
उन्होंने "विच हंट" कहे जाने पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि हालिया घटनाक्रम उन पर व्यक्तिगत रूप से निशाना साधे जा रहे हमलों की कड़ी का एक नया अध्याय है।
उन्होंने कहा कि हमें आयकर विभाग के समन मिल रहे हैं। इस तरह की धरपकड़ की कड़ी में, कल की घटना आखिरी थी और सारा दोष सोनम वांगचुक पर मढ़ दिया गया।
इससे पहले, गृह मंत्रालय ने छठी अनुसूची के कार्यान्वयन को लेकर लेह में बुधवार को हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों का दोष वांगचुक पर मढ़ा था।
(समाचार एजेंसी एएनआई के साथ)
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