श्री माता वैष्णो देवी भवन पर नहीं होगी भीड़-भाड़, यात्री सुविधाओं को बढ़ाने के लिए श्राइन बोर्ड ने लिए अहम फैसले
श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। भूस्खलन और चट्टानों के गिरने के जोखिम को कम करने के लिए जीएसआई और टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के साथ समझौता ज्ञापन किया गया है। भवन में बैटरी कार प्वाइंट पर भीड़-भाड़ की समस्या को दूर करने के लिए बुनियादी ढांचे में सुधार के उपायों को मंजूरी दी गई है।

राज्य ब्यूरो, जम्मू। श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने भूगर्भीय सर्वेक्षण भारत (जीएसआई) और टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के साथ त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन (एमओयू) को मंजूरी दी गई।
इसका उद्देश्य अर्धकुवारी और भवन के बीच यात्रा मार्ग में भूस्खलन और चट्टानों के गिरने के लिए कमजोर ढलानों की पहचान करना और उनका समाधान करना है। इससे अस्थिर ढलानों से जुड़े जोखिम को कम करके श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी।
भवन में बैटरी कार प्वाइंट के पास भीड़-भाड़ की समस्याओं को दूर करने के लिए बोर्ड ने क्षेत्र के बुनियादी ढांचे में सुधार करने के उपायों को मंजूरी दी, जिसमें पार्वती भवन के सामने बैटरी कारों के लिए एक समर्पित पार्किंग सुविधा विकसित करना शामिल है। एक तीन मंजिला इमारत ढांचा के ऊपर बनाई जाएगी।
मास्टर प्लान को मिली मंजूरी
इससे बैटरी कारों के लिए संचालित करने के लिए एक सुविधाजनक और व्यवस्थित स्थान प्रदान किया जाएगा, जिससे भीड़-भाड़ कम होगी और क्षेत्र का समग्र माहौल बेहतर होगा। बोर्ड ने सांझीछत क्षेत्र के लिए मास्टर प्लान को भी मंजूरी दी, जिसमें आवास, शौचालय, पानी व भोजन के प्वाइंट, कतार प्रबंधन जैसे प्रमुख क्षेत्रों के विस्तार को संबोधित किया गया है।
यह अहम फैसले बोर्ड की 73 वीं बैठक में लिए गए। बैठक की अध्यक्षता उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने की। उपराज्यपाल ने यात्री सुविधा केंद्र सहित विभिन्न यात्री-केंद्रित सुविधाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। उन्होंने रेलवे स्टेशन कटड़ा में यात्री सुविधा केंद्र श्रद्धालुओं को समर्पित किया और भवन में न्यू एग्जिट ट्रेक का नींव पत्थर रखा।
कई एजेडों पर लिए गए फैसले
बोर्ड ने अपने पिछले फैसलों की व्यापक और महत्वपूर्ण समीक्षा की। अपनी अंतिम बैठक के बाद की गई कार्रवाइयों को मंजूरी दी, और बोर्ड के कार्यों और यात्रियों की सेवाओं को बढ़ाने के लिए 25 प्रमुख एजेंडा आइटम पर फैसले लिए। बोर्ड की नई और चल रही परियोजनाओं के संबंध में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
दुर्गा भवन से मनोकामना तक एग्जिट ट्रैक का निर्माण (भवन क्षेत्र के लिए मास्टर प्लान का एक हिस्सा), श्री शिव खोड़ी श्राइन बोर्ड के सहयोग से कटरा के हुट गांव में हेलीपैड का विकास, रियासी जिले में मंदिरों का निर्माण, ककरयाल में बोर्ड के मेडिकल कॉलेज के परियोजनाओं की समीक्षा की गई।
विभिन्न सेवाओं की समीक्षा के लिए दिए गए निर्देश
जम्मू-भवन-जम्मू हेली सेवा, दुर्गा भवन में स्मार्ट लाकर, राम मंदिर के पास विश्राम घर, जन औषधि केंद्र, हेल्थ एटीएम, न्यू यज्ञशाला में हवन और नव चंडी पाठ, बाथिंग घाट के पास वर्चुअल दर्शन सुविधा, गर्भ-जून आरती दर्शन आदि विभिन्न सेवाओं की समीक्षा की व आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए।
उपराज्यपाल ने विश्वास व्यक्त किया कि विभिन्न सेवाओं की बिना रूके डिलीवरी निश्चित रूप से यात्रियों के लिए समग्र अनुभव और सुविधा में सुधार करेगी।
उन्होंने यात्रियों को सेवाओं की पारदर्शिता और कुशलता में सुधार करके समृद्ध अनुभव प्रदान करने के बोर्ड की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने सेवाओं, सुरक्षा और आपदा प्रबंधन के विस्तृत विश्लेषण, मोबाइल कनेक्टिविटी को मजबूत करने और तीर्थयात्री प्रतिक्रिया तंत्र को बेहतर बनाने के लिए निर्देश दिए।
बोर्ड ने श्री माता वैष्णो देवी चैरिटेबल सोसाइटी को अतिरिक्त धनराशि देने को भी मंजूरी दी ताकि बोर्ड के आसपास के क्षेत्र के संस्थानों मेडिकल कॉलेज, अस्पताल, गुरुकुल, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स और कॉलेज आफ नर्सिंग के कामकाज को सुचारू बनाने लिए सहायता दी जा सके।
नर्सिंग और मेडिकल कॉलेज का होगा निर्माण
मंदिर बोर्ड ने देखा कि मंदिर बोर्ड ने अस्पताल, विश्वविद्यालय, नर्सिंग कॉलेज और मेडिकल कॉलेज जैसी सुविधाओं के निर्माण के माध्यम से काक्रियल क्षेत्र में महत्वपूर्ण विकास किया है। बोर्ड ने सीईओ को इन सुविधाओं से जुड़े कर्मचारियों की शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करने के तरीकों का पता लगाने के लिए कहा।बै
ठक में चल रहे कार्यों की प्रगति की भी समीक्षा की गई और यात्रा की सुविधा के लिए सभी परियोजनाओं के समय पर पूरा होने पर जोर दिया गया। इस संबंध में महत्वपूर्ण परियोजनाओं में भवन में नया वैष्णवी भवन, अधिकुवारी में कवर्ड होल्डिंग एरिया, भवन में एक्जिट ट्रैक और मानोकामना क्षेत्र का पुनर्निर्माण, दर्शनी देवी में क्यू कॉम्प्लेक्स, बाणगंगा और कॉटेज (स्पोर्ट्स स्टेडियम के पास), कटड़ा शामिल हैं।
बोर्ड ने भवन के विभिन्न क्षेत्रों में सौंदर्य और वातावरण को बढ़ाने के लिए शुरू किए गए फैसाड लाइटिंग परियोजना की सराहना की और आका क्षेत्र में पुराने गुफा के सामने, तीन गुफाओं के अंदर और गर्भगृह में एलईडी और ऑप्टिक फाइबर के संयोजन के माध्यम से प्रकाश व्यवस्था को बदलने की मंजूरी दी।
इससे पहले बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अंशुल गर्ग ने बोर्ड की तरफ से विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि शुभ्रा भवन बाणगंगा में 6. 50 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है जिसमें आपदा प्रबंधन के लिए भी जगह है और यात्रियों के प्रतीक्षा के लिए लॉज भी बनाया गया है।
18 आधुनिक स्टाफ क्वार्टर भी उपलब्ध
एक केंद्रीयकृत सूचना और पंजीकरण केंद्र भी शामिल है। सोविनार शॉप,रिफ्रेशमेंट के साथ बैंक और वाटर एटीएम शामिल है। इस परिसर में 18 आधुनिक स्टाफ क्वार्टर भी उपलब्ध हैं। एक आपदा प्रबंधन स्टोर भी शामिल है जो इमरजेंसी के दौरान संसाधन उपलब्ध करवाएगा।
बैठक में शामिल हुए लोगों में बोर्ड के सदस्यों में महामंडलेश्वर स्वामी विश्वेश्वरानंद गिरिजी महाराज, श्री बालेश्वर राय, डा. अशोक भान, कुल भूषण आहूजा, डॉ. नीलम सरीन, केके शर्मा, सुरेश कुमार शर्मा और रघु के मेहता ने भी बैठक में भाग लिया। उप-राज्यपाल के प्रधान सचिव डॉ मनदीप के भंडारी और एसएमवीडीएसबी के सीईओ अंशुल गर्ग ने भी बैठक में भाग लिया।
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