कटड़ा में शुरू हुई छड़ी परिक्रमा, माता वैष्णो देवी के श्रद्धालुओं को मिलेगा पुण्य; कैसे तय होती है यह यात्रा?
Mata Vaishno Devi श्री माता वैष्णो देवी के त्रिकूट पर्वत पर गोवर्धन पर्वत (Katra Chhai Yatra) की तर्ज पर परिक्रमा छड़ी यात्रा शुरू हो गई है। यह पवित्र छड़ी यात्रा माता वैष्णो देवी भवन मार्ग की प्रगति के लिए मील का पत्थर साबित होगी। श्रद्धालु त्रिकूट पर्वत की परिक्रमा कर पुण्य लाभ कमा सकेंगे और भामाग क्षेत्र का भी विकास होगा।
संवाद सहयोगी, कटड़ा। श्री माता वैष्णो देवी के लए गोवर्धन पर्वत की तर्ज पर त्रिकूटा पर्वत पर परिक्रमा छड़ी यात्रा शुरू हो गई है। यह यात्रा मंदिर से विधिवत पूजा अर्चना के साथ शुरू हुई।
इस मौके पर जम्मू-रियासी- सांबा सांसद जुगल किशोर शर्मा, श्री माता वैष्णो देवी विधानसभा विधायक बलदेव राज शर्मा, रियासी के विधायक कुलदीप राज दुबे, जिला भाजपा अध्यक्ष रोहित दुबे, डीडीसी अध्यक्ष जिला रियासी सराफ सिंह नाग आदि ने भूमिका मंदिर में विधिवत पूजा अर्चना कर छड़ी यात्रा की सफलता के लिए मां वैष्णो देवी से कामना की ।
इस पवित्र छड़ी यात्रा का ऐतिहासिक तथा धार्मिक महत्व है। इसके साथ ही यह पवित्र छड़ी यात्रा माता वैष्णो देवी भवन मार्ग की प्रगति के लिए मिल का पत्थर साबित होगी। क्योंकि निकट भविष्य में सालाना लाखों की संख्या में मां वैष्णो देवी की यात्रा करने वाले श्रद्धालु भी त्रिकूट पर्वत परिक्रमा के साक्षी बनेंगे और यात्रा करेंगे।
फोटो: वैष्णो देवी त्रिकुटा पर्वत परिक्रमा छड़ी यात्रा पूजा अर्चना के साथ शुरू
लाखों लोगों को मिलेगा पुण्य
गोवर्धन पर्वत की तर्ज पर मां वैष्णो की यात्रा के दौरान श्रद्धालु त्रिकूट पर्वत की परिक्रमा कर पुण्य लाभ कमा सकेंगे तो दूसरी और भामाग क्षेत्र का भी विकास तेजी से बढ़ेगा। इसे लेकर आने वाले समय में भामाग क्षेत्र में सड़कों का जाल बिछाने के साथ ही मां वैष्णो देवी के 9 रूप के मंदिर बनाना तथा अन्य विकास कार्य और तेजी से करवाए जाएंगे।
यह भी पढ़ें- सूना पड़ा वैष्णो देवी का दरबार! महाकुंभ के बाद भी नहीं बढ़ा फुटफॉल, व्यापारियों को सताने लगी श्रद्धालुओं की कमी
बता दें की मां वैष्णो देवी के त्रिकूट पर्वत की परिक्रमा को लेकर भामाग क्षेत्र का अधिकांश हिस्सा श्री माता वैष्णो देवी विधानसभा क्षेत्र के अधीन ही आता है। लेकिन यह क्षेत्र विकास से अभी भी कोसों दूर है। जिला भाजपा अध्यक्ष रोहित दुबे का कहना था कि ऐसे आयोजनों का मुख्य उद्देश्य भामाग क्षेत्र का चाैहुमुखी विकास करवाना है ताकि क्षेत्र का उचित विकास संभव हो सके और लोगों को रोजगार प्राप्त हो सके।
कैसे तय होती है यह यात्रा?
छड़ी यात्रा के दौरान श्रद्धालु पैदल ढोल, नगाड़ों के साथ आगे माता के जयकारों के साथ यात्रा तय करते हैं। इस यात्रा में श्रद्धालु कई किलोमीटर दूरी का रास्ता तय करते हैं। कटड़ा में पवित्र छड़ी यात्रा में 200 के करीब श्रद्धालु शामिल हुए जो ढोल बाजों के साथ भजन गाते हुए कटड़ा से भामाग क्षेत्र के लिए रवाना हुए।
बता दें कि भामाग क्षेत्र के विकास को लेकर श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड भी अहम भूमिका निभा रहा है क्योंकि परिक्रमा के रास्ते में विशेषकर भामाग क्षेत्र में श्राइन बोर्ड द्वारा मां वैष्णो देवी के नौ रूपों के 9 मंदिरों का निर्माण करवाने जा रहा है ताकि परिक्रमा के दौरान श्रद्धालु मां वैष्णो देवी के नौ रूपों के भी दर्शन कर सके।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।