जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की संपत्ति जब्त होने से होंगे दूरगामी परिणाम, हथियार डालने को होंगे मजबूर
आतंकियों की संपत्ति जब्त होने से अलगाववाद के नाम पर गुमराह करने वालों पर भी नकेल कसी जा सकेगी और हर किसी को कड़ा संदेश जाएगा। कुछ समय से प्रदेश में आतंकी एक बार फिर से घटनाओं को अंजाम देकर सुरक्षाबलों को निशाना बना रहे हैं। आतंकी ऐसा करके यह दिखाना चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर में अभी भी हालात अनुकूल नहीं हैं।

जम्मू, जागरण संवाददाता: जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के साथ दो मुठभेड़ों में तीन अफसर और एक जवान शहीद हो गए, जिसको लेकर देश में काफी गुस्सा है। लोगों का कहना है कि सेना को आतंकियों के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक करनी चाहिए। वहीं, सरकार ने आतंकियों पर शिकंजा कसने के लिए जम्मू-कश्मीर में उनकी संपत्ति को जब्त करने की प्रक्रिया शुरू की है, जिसके दूरगामी परिणाम होंगे।
इसलिए हमले कर रहे आतंकी
आतंकियों की संपत्ति जब्त होने से अलगाववाद के नाम पर गुमराह करने वालों पर भी नकेल कसी जा सकेगी और हर किसी को कड़ा संदेश जाएगा। कुछ समय से प्रदेश में आतंकी एक बार फिर से घटनाओं को अंजाम देकर सुरक्षाबलों को निशाना बना रहे हैं। आतंकी ऐसा करके यह दिखाना चाहते हैं कि सरकार के शांति के दावों के बावजूद जम्मू-कश्मीर में अभी भी हालात अनुकूल नहीं हैं।
यही कारण है कि कभी कश्मीर तो कभी जम्मू संभाग में आतंकी संगठन सुरक्षाबलों पर निशाना साध रहे हैं। बावजूद इसके, प्रदेश सरकार अब आतंकवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए काम कर रही है और आतंकी तंत्र को ही नष्ट कर रही है। आतंकियों की संपत्ति को जब्त करना भी इसी तंत्र का एक हिस्सा है।
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प्रशासन ने कई आतंकियों की जब्त की संपत्ति
गत दिवस भी प्रशासन ने न्यायालय की अनुमति के बाद पूरी प्रक्रिया अपना कर कश्मीर में आतंक घटनाओं को अंजाम दे रहे द रजिस्टेंस फ्रंट के आप्रेशनल कमांडर और उसके डिप्टी की संपत्ति को जब्त कर दिया। जब्त की गई संपत्ति को बिना प्रशासन की अनुमति के न तो कोई बेच सकेगा और न ही खरीद सकेगा।
ऐसे चार हजार से अधिक आतंकियों की सूची बनाई गई है जिनकी संपत्ति जब्त की जा रही है। अच्छी बात यह है कि इनमें वे आतंकी भी शामिल हैं जो कि सालों से गायब है या फिर पाकिस्तान में बैठ कर गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। सरकार की इस कार्रवाई से उन पर भी दबाव बढ़ेगा। बहुत से आतंकी आत्मसमर्पण करने के लिए विवश हो जाएंगे।
मुख्यधारा में शामिल हो रहे अलगाववादी
अगर कुछ घटनाओं को छोड़ दिया जाए तो जम्मू-कश्मीर में पहले से ही स्थिति में बहुत बदलाव आया है। बहुत से अलगाववादी भी अब मुख्य धारा में शामिल हो रहे हैं। ऐसे में संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई भी इसी दिशा में एक और अहम कदम साबित होगी।
युवाओं को आतंकी संगठनों में शामिल करने का पूरा प्रयास
पाकिस्तान में बैठे आतंकियों के आका अपने स्थानीय नेटवर्क से युवाओं को आतंकी संगठनों में शामिल करने का पूरा प्रयास कर रहे हैं लेकिन सरकार का लगातार सख्त हो रहा रवैया ऐसे युवाओं को गुमराह होने से रोकेगा। सरकार को अपनी इस प्रक्रिया को और तेज करने की आवश्यकता है।

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