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    बर्फबारी से कटी चौकियों से रसद ले जाने के लिए नई व्यवस्था लागू, सेना ने प्राइवेट कंपनी से किया कॉन्ट्रैक्ट

    लद्दाख में भारी बर्फबारी के कारण अग्रिम चौकियों से कटे सैनिकों को अब निजी हेलीकॉप्टरों के जरिए पहुंचाया जा रहा है। सेना ने एक निजी कंपनी के साथ अनुबंध किया है जिसके तहत सर्दियों में 150 दिन तक निजी कंपनी के हेलीकॉप्टर सेना को सहयोग देंगे। ये हेलीकॉप्टर लद्दाख के द्रास कारगिल बटालिक कश्मीर के गुरेज के साथ डोडा किश्तवाड़ जिलों में नवंबर से अप्रैल तक सेवाएं देंगे।

    By vivek singh Edited By: Rajiv Mishra Updated: Sat, 30 Nov 2024 07:30 AM (IST)
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    सेना की उत्तरी कमान में अग्रिम इलाकों तक तैनात सैनिकों को पहुंचाने के लिए उड़ान को तैयार एक निजी हेलीकॉप्टर

    विवेक सिंह, जम्मू। लद्दाख में बर्फबारी से कटने वाली उच्चतम इलाकों की अग्रिम चौकियों से सैनिकों और साजो सामान ले जाने के लिए अब निजी हेलीकॉप्टरों की सेवाएं ली जा रही हैं। उत्तरी कमान की 44 अग्रिम चौकियों में डटे सैनिकों को छुट्टी पर जाने के लिए सेना और वायुसेना के हेलीकॉप्टरों के लिए इंतजार नहीं करना पड़ रहा है। नई व्यवस्था के तहत सेना ने एक निजी कंपनी के साथ अनुबंध किया है। इसके तहत सर्दियों में 150 दिन तक निजी कपंनी के हेलीकॉप्टर सेना को सहयोग देंगे।

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    इन जगहों कर सेवाएं देंगे ये हेलीकॉप्टर

    पहले सर्दियों में बर्फबारी से उपजे हालात में सेना, वायुसेना के हेलीकॉप्टरों सैनिकों, घायलों व बीमार सैनिकों को मंजिल तक पहुंचाने के साथ रसद ढोने को अतिरिक्त बोझ होता था। अब बदल हालात में एकल इंजन वाले ये हेलीकॉप्टर लद्दाख के द्रास, कारगिल, बटालिक, कश्मीर के गुरेज के साथ डोडा, किश्तवाड़ जिलों में नवंबर से अप्रैल तक सेवाएं देंगे।

    जम्मू में सेना की कुछ अग्रिम चौकियां ऐसी भी हैं जो पूरा साल तक निजी हेलीकॉप्टरों के माध्यम से जुड़ी रहेंगे। हिमालयन हेली सर्विस के ये हेलीकॉप्टर भोजन, ईंधन, चिकित्सा आपूर्ति व अन्य आवश्यक वस्तुओं को अग्रिम चौकियों तक पहुंचाकर सुनिश्चित करेंगे कि सर्दी की चुनौतियों के बीच अग्रिम इलाकों में सैनिकों को कोई दिक्कत न आए।

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    सेना की जरूरतों को पूरा करने के काम आएंगे

    सेना की उत्तरी कमान के पीआरओ डिफेंस, लेफ्टिनेंट कर्नल सुनील बर्तवाल का कहना है कि निजी हेलीकॉप्टरों की तैनाती करना, अग्रिम इलाकों में बेहतर व्यवस्था बनाने की दिशा में अहम कदम है। सेना जम्मू कश्मीर व लद्दाख में उच्चतम इलाकों में सर्दियों की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहती है।

    बर्फबारी से कटने वाली चौकियों में तैनात सैनिकों को इस हेलीसेवा का लाभ मिलेगा। निजी हेलीकॉप्टर सैनिकों को लाने, ले जाने के साथ अग्रिम चौकियों पर सेना की जरूरतों को पूरा करने के काम आएंगे।

    अब तक सर्दियों की चुनौतियों के बीच सशस्त्र सेनाओं के चीता व चेतक हेलीकॉप्टर अग्रिम चौकियों के लिए जीवनरेखा की भूमिका निभाते आ रहे थे। हेलीकॉप्टर सैनिकों को उस जगह तक पहुंचानते हैं यहां से वे सड़क मार्ग से आगे की यात्रा कर सकते हैं।

    पुराने हो गए हेलीकॉप्टर

    सर्दियों में हिमस्खलन का खतरा बढ़ने के साथ ठंड संबंधी बीमारियां भी जवानों की मुश्किलें बढ़ाती है। जारी माह में सियाचिन ग्लेशियर में बीमार होने के बाद दो सैनिक बलिदान हुए हैं। नई हेलीकॉप्टर नई व्यवस्था बनाने की दिशा में बड़ा कदम है। सेना के बेड़े में हेलीकॉप्टर पुराने हो गए हैं। अधिकांश हेलीकॉप्टर 30 साल से पुराने होने के कारण उन्हें बदलना समय की मांग हो गया है।

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