कैमरे में कैद हुई पाकिस्तानी आतंकियों की घुसपैठ, LoC पर कड़ी निगरानी कर रही सेना; सर्च ऑपरेशन जारी
जम्मू कश्मीर के अखनूर में नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी आतंकियों की घुसपैठ की कोशिश कैमरे में कैद हुई। सेना के नाइट विजन कैमरे में दो आतंकी केरी बट्टल में घुसपैठ करते दिखे। यह घटना पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को बढ़ावा देने का प्रमाण है। सेना ने त्वरित कार्रवाई करके घुसपैठ को नाकाम कर दिया था। इस दौरान सुबेदार कुलदीप चंद बलिदान हो गए थे।
राज्य ब्यूरो, जम्मू। जम्मू कश्मीर में आतंकवाद को शह देने वाले पाकिस्तान की करतूत अखनूर में कैमरा में कैद हुई है। अखूनर के केरी बट्टल में सेना की नाइट विजन कैमरा पर शुक्रवार देर शाम को दो पाकिस्तानी आतंकी नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ करते हुए दिख रहे हैं।
यह वीडियो इसका सबूत है कि पाकिस्तान सेना अपने इलाके से आतंकियों को इस ओर घुसपैठ करवाने में मदद करती है। यह क्षेत्र सेना की सोलह कोर की क्रॉस्ड स्वार्डस डिवीजन का है। पाकिस्तान सेना की मदद के बिना आतंकी नियंत्रण रेखा के पास नही आ सकते हैं।
सेना ने कार्रवाई कर घुसपैठ को किया था नाकाम
सेना ने त्वरित कार्रवाई करते हुए शुक्रवार देर शाम को घुसपैठ की कोशिश को नाकाम बना दिया था। सेना अपने नाइट विजन कैमरे से इन आतंकियों पर नजर रखे हुए थी। इस दौरान घुसपैठ को नाकाम बनाने के दौरान आतंकियों द्वारा की गई गोलीबारी में भारतीय सेना के सुबेदार कुलदीप चंद ने वीरगति पाई थी। सुबेदार कुलदीप चंद हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिला के नादौन गांव के रहने वाले थे।
आधुनिक उपकरणों से होती है निगरानी
पाकिस्तान पिछले काफी समय से अखूनर के कैरी बट्टल में शरारतें कर रहा है। इस क्षेत्र में भारतीय सेना आधुनिक उपकरणों से नियंत्रण रेखा की कड़ी निगरानी करती है। सेना ने नियंत्रण रेखा पर थर्मल इमेजर, नाइट विजन डिवाइस के साथ अंधेरे में दूर तक देखने में सक्षम कई यंत्र लगाए हैं।
सेना के एक अधिकारी ने जागरण को बताया कि नियंत्रण रेखा पर सीमा पार से आतंकवाद को शह देने की साजिशें नाकाम बनाने के लिए पुख्ता बंदोबस्त किए हैं। आतंकी अंधेरे व झाड़ियों की आड़ में नियंत्रण रेखा के पास आने की कोशिशें करते हैं। उन पर रात के समय भी कड़ी नजर रखी जाती है।
सीमा पार से आतंकियों को मिलता है सहयोग
सूत्रों के अनुसार अखनूर में केरी बट्टल इलाक में सीमा पार से आतंकियों को हर संभव सहयोग दिया जा रहा है। थोड़े थोड़े अंतराल के बाद आतंकी यहां पर उपनी उपस्थिति दर्ज करवाने की कोशिशें करते हैं। इस ध्यान में रखकर सेना ने क्षेत्र में सुरक्षा ग्रिड को पुख्ता बनाया है।
कैरी बट्टल इलाके में दो सैनिक हुए थे बलिदान
इस वर्ष 11 फरवरी को कैरी बट्टल में नियंत्रण रेखा पर हुए एक बारूदी सुरंग विस्फोट में सेना के एक कैप्टन समेत दो सैन्यकर्मी बलिदान हुए थे। वहीं अक्टूबर 2024 में जोगमां इलाके में पाकिस्तानी आतंकियों ने नियंत्रण रेखा पर सेना के एक वाहन को निशाना बनाकर गोलीबारी की थी। आतंकियों की इस गोलीबारी में कोई सैन्यकर्मी घायल नहीं हुआ था।
LoC के इलाकों में सेना चला रही अभियान
आतंकियों के मंसूबों को नाकाम बनाने के लिए इस समय भी सेना अखूनर क्षेत्र में नियंत्रण रेखा से सटे इलाकों को खंगालने के लिए अभियान चला रही है। वहीं दूसरी ओर जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे इलाकों में इस समय सेना की टाइगर डिवीजन व सीमा सुरक्षा बल मिलकर सीमा पार से पैदा की जा रही सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए मिलकर तैयारी कर रही हैं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।