सीजफायर के बाद भी जारी रही थीं पाकिस्तान की नापाक हरकतें, गोलीबारी में बुजुर्ग के घर को हुआ नुकसान
जम्मू जिले के सीमावर्ती गांवों में पाकिस्तानी गोलाबारी से भारी नुकसान हुआ है। 10 मई को युद्धविराम के बावजूद पाकिस्तान ने तीन घंटे में ही इसे तोड़ दिया। खौड़ ब्लॉक के गुज्जरवाला गांव में हंसराज के घर पर मोर्टार गिरने से छत टूट गई। परिवार सुरक्षित था पर हंसराज उनकी पत्नी और बेटे की जिम्मेदारी अब उन पर है।

संवाद सहयोगी, जम्मू। इस बार पाकिस्तानी गोलाबारी ने जम्मू जिले के कई सीमावर्ती गांवों में भारी नुकसान पहुंचाया है। इसमें अधिकांश लोग ऐसे हैं, जो किसी तरह मेहनत-मशक्कत कर जीवनयापन करते हैं।
10 मई को जब भारत-पाकिस्तान में युद्धविराम हुआ तो इन इलाकों में रहने वालों ने बड़ी राहत महसूस की थी, लेकिन जिस तरह महज तीन घंटे में पाकिस्तान ने युद्धविराम तोड़कर भारी गोलाबारी की, उससे एक बार फिर यह साफ हो गया कि इसके लिए किसी भी समझौते के कोई मायने नहीं हैं।
घर पर गिरा था पाकिस्ताी मोर्टार
दस मई को हुई पाकिस्तानी गोलाबारी में खौड़ ब्लॉक की पंजतूत पंचायत के गुज्जरवाला गांव में रहने वाले 80 वर्षीय हंसराज पुत्र पंजाबु राम के घर पर भी पाकिस्तान की तरफ से दागा गया मोर्टार गिरा था।
इससे उनके मकान की छत टूट गई और उसका मलबा नीचे कमरे में रखे बेड पर गिरा। गनीमत यह थी कि उस समय परिवार के लोग घर में नहीं थे, नहीं तो कुछ भी हो सकता था।
फोटो: पाकिस्तानी गोले से टूटी छत के बिस्तर पर गिरे मलबे को दिखाते बुजुर्ग हंसराज-जागरण
हंसराज ने बताया कि वे अपनी पत्नी करतारी देवी और बेटे पवन चौधरी के साथ रहते हैं। सात मई को जब हालात खराब हुए थे, तो वे अपने परिवार के साथ सुरक्षित स्थान पर चले गए थे। हंसराज और उनकी पत्नी बहुत बुजुर्ग हैं, ऐसे में ज्यादा मेहनत का काम नहीं कर सकते।
बुजुर्ग पर ही है घर की जिम्मेदारी
वहीं, उनका बेटा पवन पहले जालंधर में मंडी में काम करता था। वहां अनाज की बोरियां उठाने से उसकी रीढ़ की हड्डी में अब इतना दर्द रहता है कि वह बमुश्किल ही उठ सकता है। बेटे के बिस्तर पर पड़े रहने से अब घर का सारा खर्च उठाने की जिम्मेदारी बुजुर्ग हंसराज पर आ गई है। उनका गांव जीरो लाइन पर स्थित है।
फोटो: खौड़ ब्लाक की पंजतूत पंजायत के गुज्जरवाला गांव में पाकिस्तानी गोले से टूटी हंसराज के मकान की छत- जागरण
ऐसे में अब भी वे डरे रहते हैं। अब तक प्रशासन की तरफ से उनके परिवार को रहने के लिए टेंट और राशन ही दिया गया है। हंसराज का कहना है कि सरकार उनका घर जल्दी बनाए और बेटे का इलाज करवाने में भी मदद करे, क्योंकि उनके लिए घर का खर्च उठाना ही मुश्किल हो रहा है।
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