Jammu Kashmir News: आखिर क्यों हुआ ऐसा? अखनूर के गुढ़ा तालाब में एक हजार मछलियों की मौत
अखनूर के गुढ़ा तालाब में एक हजार मछलियों की मौत हो गई। ग्रामीणों ने मत्स्य विभाग को सूचित किया जिन्होंने ऑक्सीजन की कमी को मुख्य कारण बताया। तालाब से पानी के नमूने लिए गए और मरी हुई मछलियों को दफना दिया गया। मछलियों को प्राकृतिक खुराक न मिलने और तालाब में अत्यधिक संख्या होने से भी ऑक्सीजन की कमी हुई।

रमन शर्मा, अखनूर। अंबारा पंचायत के वार्ड 10 में स्थित गुड़ा तालाब में गुरुवार और शुक्रवार को मिलाकर करीब एक हजार मछलियों की मौत हो गई। ग्रामीणों के मुताबिक गुरुवार रात से मछलियां मरना शुरू हुई थीं। शुक्रवार को भी जब मछलियों का मरना जारी रहा तो ग्रामीणों ने मत्स्य विभाग को सूचित किया।
मत्स्य विभाग की टीम ने तालाब से पानी के नमूने लिए और ग्रामीणों के साथ करीब तीन क्विंटल मछलियों को तालाब से निकाला और उसे गड्ढा खोदकर दफना दिया गया। मत्स्य विभाग की प्राथमिक जांच में मछलियों के मरने की वजह फिलहाल ऑक्सीजन की कमी माना गया है।
मछलियों को नहीं मिल पाती प्राकृतिक खुराक
जानकारी के अनुसार, गुढ़ा गांव में करीब छह कनाल में तालाब है। इसमें दो किलोग्राम से पांच किलोग्राम वजन तक की मछलियां हैं। मानसर और सुरिंसर झील की तरह यहां भी गांव के लोग मछलियों को आटा, न्यूट्री आदि खिलाते हैं। कई बार यदि किसे के यहां कोई समारोह होता है तो बचा हुआ चावल भी लोग मछलियों के खाने के लिए तालाब में डाल जाते हैं।
ऐसे में मछलियों का खाने के लिए प्रचुर मात्रा में खाद्य सामग्री मिलती है, लेकिन मत्स्य विभाग की टीम के मुताबिक मछलियों के लिए यह प्राकृतिक खुराक नहीं है। इसलिए लोगों को तालाब में आटा, चावल, न्यूट्री आदि ज्यादा डालने से मना किया गया है। हालांकि पिछले दो दिन में मछलियों के मरने की मुख्य वजह तालाब में ऑक्सीजन की कमी माना जा रहा है।
ऑक्सीजन की कमी से मर रही हैं मछलियां
गुढ़ा तालाब की मछलियां मानसर और सुरिंसर में पाई जाने वाली कार्प फिश प्रजाति की लगती हैं। दोनों झीलों की तरह गुढ़ा तालाब में भी जब गांव के लोग मछिलयों को भोजन देते हैं तो वह बिल्कुल किनारे आ जाती हैं। मानसर झील में भी कई बार हजारों की संख्या में मछलियों के मरने के मामले सामने आ चुके हैं। वहां भी इसकी मुख्य वजह ऑक्सीजन की कमी ही माना गया है।
यह मछलियां जिस भी तालाब या झील में होती हैं, वहां बहुत तेजी से अपनी आबादी बढ़ाती हैं। मानसर और सुरिंसर के अलावा जम्मू-कश्मीर के जिन भी जलस्रोतों में इनके बीज डाले गए, वहां यही देखने को मिला है। छह कनाल के गुड़ा तालाब में इनकी संख्या भी काफी अधिक है। ऐसे में तालाब में ऑक्सीजन की कमी होने की आशंका ज्यादा है।
दूसरी जगह पर शिफ्ट की गई मछलियां
गुढ़ा गांव के लोगों का कहना है कि वे इस तालाब में ठीक से सफाई रखते हैं। हर दूसरे दिन ट्यूबवेल से इसमें पानी भी डाला जाता है। इस तालाब में कोई ग्रामीण कपड़े भी नहीं धोता है। इस समय तालाब में करीब पांच फुट पानी है।
ऐसे में अचानक सैकड़ों मछलियों की मौत होने की ठोस वजह उनकी समझ में नहीं आ रहा है, लेकिन वे इसके पीछे ऑक्सीजन की कमी होना मानते हैं, क्योंकि तालाब में मछलियों की संख्या ज्यादा है।
वार्ड दस के पूर्व पंच विकुल राम भी यही तर्क देते हैं। उनके अनुसार पिछले दो दिन में करीब एक हजार मछलियां मर गई हैं, जबकि पांच सौ ज्यादा मछलियों को मत्स्य विभाग निकालकर ले गया है। अब भी तालाब में हजारों मछलियां मौजूद हैं। इसलिए मछलियों के मरने की वजह ऑक्सीजन की कमी हो सकती है।
प्राथमिक जांच में मत्स्य पालन विभाग की टीम ने भी ऑक्सीजन की कमी को ही मछलियों के मरने का कारण बताया है। इसीलिए उन्होंने सैकड़ों मछलियों को यहां से दूसरी जगह शिफ्ट किया है। अब भी तालाब में 45 से 50 हजार मछलियां होने का अनुमान है।
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