'कानून व्यवस्था पर नियंत्रण नहीं', कांग्रेस नेता का उमर सरकार-BJP पर हमला; बोले- आतंकी गतिविधियों में वृद्धि चिंताजनक
जम्मू संभाग में पिछले दो वर्षों में आतंकी हमलों में वृद्धि पर कांग्रेस नेता गुलाम अहमद मीर ने चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि पड़ोसी दुश्मन ने संभावित सुरक्षा खामियों का फायदा उठाया है और पूरे तंत्र की गहन जांच की जानी चाहिए। मीर ने अनुच्छेद 370 के हटने के बाद शांति के दावों और स्पष्ट सुरक्षा विफलताओं को लेकर भाजपा की भी आलोचना की।

राज्य ब्यूरो, जम्मू। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व विधायक दल के नेता गुलाम अहमद मीर ने कहा कि पिछले दो वर्षों में जम्मू संभाग में आतंकी हमलों में वृद्धि पर आश्चर्य हुआ है। यह हैरानी की बात है कि जम्मू क्षेत्र में आतंकवाद बढ़ रहा है। यह एक चिंता का विषय है। राजौरी, पुंछ, कठुआ, डोडा, किश्तवाड़ और सांबा जिलों में पिछले दो वर्षों में आतंकी घटनाओं में वृद्धि हुई है।
उन्होंने विधानसभा के बाहर पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि उन्हें लगता है कि पड़ोसी दुश्मन ने संभावित सुरक्षा खामियों का फायदा उठाया है और पूरे तंत्र की गहन जांच की जानी चाहिए। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि देश में बड़े सुरक्षा विशेषज्ञ हैं।
जम्मू और कश्मीर में स्थिति की निगरानी करने वालों से यह पूछा जाना चाहिए कि क्या हो रहा है। मीर ने अनुच्छेद 370 के हटने के बाद शांति के दावों और स्पष्ट सुरक्षा विफलताओं को लेकर भाजपा की भी आलोचना की।
सुरक्षा एजेंसी की विफलता के चलते हो रही है आतंकी घटना
चुनाव के बाद सरकार बनी है। उनके पास सुरक्षा और कानून व्यवस्था की मशीनरी पर नियंत्रण नहीं है। कानून और व्यवस्था केंद्रीय गृह मंत्रालय और उपराज्यपाल के हाथ में है। कांग्रेस विधायक इफ्तिखार अहमद ने कहा कि हाल की आतंकी घटनाएं सुरक्षा एजेंसियों की विफलता को उजागर करती हैं। हम इसकी निंदा करते हैं।
कठुआ जिले के हीरानगर सेक्टर में एक तलाशी अभियान जारी है, जो आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच रविवार रात को हुई मुठभेड़ के बाद शुरू किया गया था।
आतंक को खत्म करने के लिए कर रहे पूरा प्रयास- सीएम
आतंकी घटनाओं पर सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हमारी सरकार यहां हालात को पूरी तरह सामान बनाने, सुरक्षा एवं शांति का वातावरण सुनिश्चित बनाने में हर संभव सहयोग करेगी। इसके लिए आपको यहां की जनता को विश्वास में लेकर आगे आना होगा।
वक्फ बिल संबंधी सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यह बिल पूरी अनुचित है और यह मुस्लिम समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला है। उन्होंने कहा कि सरकार को किसी समुदाय विशेष को निशाना बनाने की कार्रवाइयों से दूर रहना चाहिए। इससे देश में सांप्रदायिक तनाव पैदा हो सकता है। उन्होंने कहा कि वक्फ का मामला पूरी तरह से मुस्लिमों के मजहब से जुड़ा है, इसमें हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए।
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