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    Narwal Blast: जम्मू में दोहरे बम धमाके की जांच में एनआइए भी उतरी, आरडीएक्स का इस्तेमाल किए जाने के मिले सुबूत

    By Jagran NewsEdited By: Sonu Gupta
    Updated: Sun, 22 Jan 2023 10:04 PM (IST)

    जम्मू शहर के नरवाल ट्रांसपोर्ट यार्ड सात में शनिवार को हुए दोहरे बम धमाके की जांच में रविवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) की चार सदस्यीय टीम भी शामिल हो गई। एनआइए ने मौके पर जाकर सुबूतों को जुटाया है। फाइल फोटो।

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    जम्मू में दोहरे बम धमाके की जांच में एनआइए भी उतरी।

    जागरण संवाददाता, जम्मू। जम्मू शहर के नरवाल ट्रांसपोर्ट यार्ड सात में शनिवार को हुए दोहरे बम धमाके की जांच में रविवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) की चार सदस्यीय टीम भी शामिल हो गई। एनआइए ने मौके पर जाकर सुबूतों को जुटाया है। पहले धमाके में घटनास्थल से जो सुबूत मिले हैं उससे स्पष्ट होता है कि इसमें आतंकियों ने आरडीएक्स का प्रयोग किया है। अलबत्ता, इसके नमूनों को जांच के लिए फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) के अधिकारी अपने साथ ले गए हैं।

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    सुबह 10 बजे पहुंची एनआईए की टीम

    मालूम हो कि इस दोहरे धमाके में नौ लोग जख्मी हुए हैं। वहीं, मामले में पुलिस ने अब तक कई संदिग्धों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। वारदात की जांच के लिए एनआइए की टीम रविवार सुबह करीब 10 बजे एसडीपीओ सिटी ईस्ट जफर सईद के साथ मौके पर पहुंची। फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी और बम निरोधक दस्ते के सदस्य भी साथ थे। उन्होंने घटनास्थल को नए सिरे से खंगाला और सुबूत जुटाए। बताया जा रहा है कि मिस्त्री मोहम्मद अशरफ के पास मरम्मत के लिए लाई गई बोलेरो गाड़ी के नीचे आतंकियों ने टाइमर लगा चुंबक बम लगा दिया था। धमाके के बाद कार के नीचे गड्ढा हो गया था। उस गड्ढे में आरडीएक्स के अवशेष मिले हैं।

    दो कारों में लगाए गए थे बम

    ऊधमपुर बस स्टैंड में जिस प्रकार से दो बसों में स्टिकी बम लगाए गए थे, उसी प्रकार से नरवाल में दो कारों में बम लगाए गए थे। दोनों धमाकों में करीब 20 मिनट का अंतर रखा गया ताकि पहले धमाके के बाद जब लोगों की भीड़ लगे तभी दूसरा धमाका हो जाए। पूरा षड्यंत्र भारी तबाही मचाने का था।

    घटनास्थल से मिला टूटा मोबाइल

    एफएसएल और बम निरोधक दस्ते को घटनास्थल के नजदीक एक टूटा मोबाइल फोन मिला है। मोबाइल को सुरक्षा एजेंसियां इस मामले से जोड़ कर देख रही हैं। एजेंसियां पता लगा रही हैं कि यह फोन किसका है और अंतिम बार कब और किससे बात हुई थी। आशंका यह भी है कि मोबाइल का इस्तेमाल धमाका करने के लिए रिमोट कंट्रोल के तौर पर प्रयोग किया गया हो। वहीं, नरवाल में जिस कार में दूसरा बम धमाका हुआ उसे जांच के लिए एफएसएल में भेजा गया है। सुरक्षा एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि इस कार में किस विस्फोटक से धमाका किया गया है।

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