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    Jammu: जम्मू के मुकाबले कश्मीर में सामने आए सबसे अधिक बिजली चोरी के मामले, बकाया वसूलकर जुटाया 11 करोड़ का राजस्व

    कश्मीर पावर डिस्ट्रीब्यूशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (केपीडीसीएल) के अनुसार नवंबर से जम्मू-कश्मीर के दोनों संभागों में बिजली निगम ने बिजली चोरी बकाया बिलों के खिलाफ जो अभियान छेड़ रखा है। नवंबर से 18 जनवरी तक 17 हजार से ज्यादा चेकिंग अभियान चलाए जा चुके हैं। जिसमें पता लगा कि घाटी में 11 लाख उपभोक्ताओं में 65 फीसदी गैर मीटर वाले हैं।

    By rahul sharma Edited By: Deepak SaxenaUpdated: Wed, 24 Jan 2024 06:21 PM (IST)
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    जम्मू के मुकाबले कश्मीर में सामने आए सबसे अधिक बिजली चोरी के मामले (प्रतीकात्मक इमेज)।

    जागरण संवाददाता, जम्मू। नवंबर से जम्मू-कश्मीर के दोनों संभागों में बिजली निगम ने बिजली चोरी, बकाया बिलों के खिलाफ जो अभियान छेड़ रखा है, उसमें यह बात सामने आई हैं कि जम्मू के मुकाबले घाटी में बिजली चोरी अधिक हो रही है। इसकी एक वजह कश्मीर में मीटरिंग कम होना भी है।

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    कश्मीर पावर डिस्ट्रीब्यूशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (केपीडीसीएल) के अधिकारी के अनुसार, घाटी में 11 लाख उपभोक्ताओं में से 65 प्रतिशत उपभोक्ता मीटरिंग क्षेत्र से बाहर हैं। वहीं जम्मू की बात करें तो यहां 70 प्रतिशत उपभोक्ताओं के घरों में मीटर लग चुके हैं।

    नवंबर से 18 जनवरी तक चलाए गए 17 हजार चेकिंग अभियान

    जम्मू संभाग की बात करें तो यहां बिजली चोरी करने वालों से अधिक उन उपभोक्ताओं की संख्या अधिक है, जो नियमित बिजली बिल की अदायगी नहीं कर रहे थे। विभागीय आंकड़ों के अनुसार, जम्मू पावर डिस्ट्रीब्यूशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (जेपीडीसीएल) ने संभाग की विभिन्न डिवीजनों, सब डिवीजनों में नवंबर से 18 जनवरी तक 17 हजार से अधिक जांच अभियान चलाए।

    इस दौरान दो हजार से अधिक उपभोक्ताओं के कनेक्शन काटे गए, जिनमें घरेलू उपभोक्ताओं के अलावा व्यवसायिक उपभोक्ता भी शामिल थे। इनमें बिजली चोरी के मामले 20 प्रतिशत ही थे जबकि 80 प्रतिशत उपभोक्ताओं ने तीन महीनों से भी अधिक समय से अपना बिजली जमा नहीं कराया था। बिजली निगम की इस कार्रवाई के बाद जेपीडीसीएल ने बकाया बिल वसूल 11 करोड़ से अधिक का राजस्व जुटाया।

    कश्मीर घाटी में लाए गए 35 हजार जांच अभियान

    वहीं, केपीडीसीएल के प्रबंधक निदेशक मुसरत जिया ने बताया कि केपीडीसीएल की 16 डिवीजनों व उसके अधीन आने वाली 48 सब डिवीजनों में अक्टूबर मध्य से जनवरी 18 तक 35 हजार से अधिक जांच अभियान चलाए गए। इस दौरान लगभग 15 हजार से अधिक उपभोक्ता बिजली चोरी में संलिप्त मिले। इनमें स्मार्ट मीटर के अधीन आने वाले उपभोक्ता भी शामिल थे।

    हैरान करने वाली बात यह है कि इन उपभोक्ताओं ने बिजली चोरी करने की ऐसी-ऐसी तकनीक अपनाई हुई थी कि वे आश्चर्यचकित रह गए। अभियान में तेजी लाने के लिए उन्हें रात को भी विशेष जांच अभियान चलाने पड़ गए। आज परिणाम यह है कि चोरी पर काफी हद तक अंकुश लग जाने की वजह से रोजाना सैकड़ों नहीं बल्कि हजारों यूनिट बिजली बचत हो रही है।

    इंटरनेट मीडिया पर वीडियो डालना भी हुआ फायदा

    केपीडीसीएल ने कश्मीर घाटी में इतने बड़े स्तर पर हो रही बिजली चोरी पर काबू पाने के लिए इंटरनेट मीडिया की भी मदद ली। मीटरिंग से बाहर और स्मार्ट मीटर के अधीन आने वाले इलाकों में कई तकनीक अपना की जा रही बिजली चोरी के सामने आ रहे मामलों की वीडियो को डिवीजन-सब डिवीजन स्तर पर इंटरनेट मीडिया पर बनाए गए अकाउंट से अपलोड किया जा रहा है।

    लोगों ने शुरूआत में इसका विरोध किया परंतु बाद में चोरी में कमी होना शुरू हो गई। प्रबंध निदेशक ने कहा कि उनके इस कदम का उद्देश्य किसी को शर्मिंदा करना नहीं है बल्कि उनमें सकारात्मक दृष्टिकोण पैदा करना है।

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    कोटेड केबल पर भी डाली जा रही थी कुंडी

    बिजली चोरी का उदाहरण देते हुए प्रबंधक निदेशक ने बताया कि हमने देखा है कि स्मार्ट मीटर वाले कई उपभोक्ता अपने मीटरों को सुबह के समय बंद रख कोटेड केबल, कंडक्टरों को पंक्चर कर कुंडी लगाकर धड़ल्ले से बिजली का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने इस तरह के एक-दो मामले नहीं बल्कि एक साथ कई मामले पकड़े। कइयों ने तो स्मार्ट मीटर से ही आउटपुट वायर डाल बिजली के खम्भों के नजदीक जमीन से पाइप डाल बिजली की तारें अपने घरों तक पहुंचाई हुई थी। बिजली के बड़े उपकरणों का इस्तेमाल इस पर किया जा रहा था।

    आगे भी जारी रहेंगे जांच अभियान

    जम्मू-कश्मीर पावर डेवलेपमेंट डिपार्टमेंट के प्रिंसिपल सेक्रेटरी एच राजेश प्रसाद ने दोनों ही संभागों में इस तरह के जांच अभियानों को आगे भी जारी रखने का निर्देश दिया है। उन्होंने अभी तक चले अभियानों के लिए जम्मू व कश्मीर की टीमों की सराहना भी की है।

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