J&K News: वैश्विक सम्मेलन में हिस्सा लेने अमेरिका पहुंचे विधायक बलवंत सिंह मनकोटिया, इन मुद्दों पर होगी चर्चा
जम्मू-कश्मीर के उधमपुर से भाजपा विधायक बलवंत सिंह मनकोटिया वैश्विक विधायी सम्मेलन में भाग लेने अमरीका के बोस्टन पहुंचे। तीन दिवसीय सम्मेलन में 24 राज्यों के 130 से अधिक विधायक हिस्सा ले रहे हैं। यह सम्मेलन भारतीय विधायकों की कार्यक्षमता बढ़ाने और लोकतांत्रिक मामलों पर मेल मिलाप का अवसर प्रदान करता है। विधायक मनकोटिया ने इसे जम्मू-कश्मीर के लिए गर्व का क्षण बताया।

राज्य ब्यूरो, जम्मू। उधमपुर जिले के चनैनी से भाजपा के विधायक बलवंत सिंह मनकोटिया वैश्विक विधायी सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए अमेरिका के बोस्टन पहुंच गए हैं। तीन बार के विधायक बलवंत सिंह मनकोटिया ऊधमपुर जिला के रामनगर तहसील से हैं।
उनका अमेरिका में हो रहे सम्मेलन में शामिल होना जम्मू कश्मीर के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। तीन दिवसीय यह सम्मेलन 4 अगस्त से शुरू हो रहा है। भारतीय विधायकों का यह अध्ययन दौरा राष्ट्रीय विधायक कांफ्रेंस भारत के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है।
यह एक गैर-राजनीतिक मंच है जो भारतीय विधायकों की कार्यक्षमता बढ़ाने, उन्हें राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय, लोकतांत्रिक मामलों को लेकर मेल मिलाप का मौका देते हुए। भारत से इस सम्मेलन में देश के 24 राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों से 21 राजनीतिक दलों के 130 से ज्यादा विधायकों, विधान परिषद के सदस्य हिस्सा ले रहे हैं।
यह किसी अंतरराष्ट्रीय लोकतांत्रिक मंच पर भारत की अब तक की सबसे बड़ी भागीदारी को दर्शाता है। यह पहल लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए देशों के बीच बातचीत, सहयोग व ज्ञान साझा करने की भावना की भी प्रतीक है।
विधायक मनकोटिया का कहना है कि मुझे एक अंतराष्ट्रीय मंच पर जम्मू कश्मीर व अपने देश का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला है।
यह मेरे लिए गर्व की बात है। यह अवसर न केवल अंतरराष्ट्रीय अनुभव देगा अपितु इससे वैश्विक सुशासन की अच्छी परंपराओं सीखने व जनता की सेवा करने में उनका इस्तेमाल करने का मौका मिलेगा। भाजपा विधायक का कहना है कि ऐसे अवसर देने के लिए वह राष्ट्रीय विधायक कांफ्रेंस भारत के आभारी हैं।
इसी बीच सम्मेलन में दुनिया भर के 6000 से ज्यादा जन प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। वे सम्मेलन के दौरान आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, डिजीटल डेमोक्रेसी, साइबर सुरक्षा, वोटर विश्वास जैसे विषयों पर चर्चा में हिस्सा लेगा।
इसके साथ उन्हें अमेरिकी विधायी प्रणाली के बारे में जानकारी व वहां बसे भारतीय मूल के नेताओं के साथ बातचीत करने का मौका भी मिलेगा। यह भागीदारी भारत के लोकतांत्रिक नेतृत्व की वैश्विक मंच पर मजबूत उपस्थिति की भी प्रतीक है।
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