'अंधेरे में आप उम्मीद की किरण...', महबूबा मुफ्ती ने क्यों की स्टालिन, ममता और सिद्धारमैया की तारीफ?
Mehbooba Mufti on Waqf Bill महबूबा मुफ्ती ने वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ पश्चिम बंगाल तमिलनाडु और कर्नाटक के मुख्यमंत्रियों के रुख की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह कानून अल्पसंख्यकों के अधिकारों को कमजोर करता है और धार्मिक आजादी को खतरे में डालता है। उन्होंने इन मुख्यमंत्रियों के समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि वक्फ बिल हमारी धार्मिक आजादी को कमजोर करता हैं।
राज्य ब्यूरो, जम्मू। वक्फ कानून (Waqf Bill) पर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) को आए दिन आड़े हाथ लेने वाली पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को इसी कानून के खिलाफ पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और कर्नाटक के मुख्यमंत्रियों के साहसी और सैद्धांतिक रुख के लिए उनका आभार व्यक्त किया। उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तमिलनाडु के एमके स्टालिन और कर्नाटक के सिद्धारमैया को एक जैसे पत्र लिखे।
महबूबा मुफ्ती ने एक्स पर किया पोस्ट
इंटरनेट मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में मुफ्ती ने कहा कि मैंने वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ उनके साहसी और सैद्धांतिक रुख के लिए हार्दिक आभार व्यक्त करते हुए पत्र लिखा है। आज के भारत में जहां किसी भी तरह के असंतोष को अपराध माना जा रहा है, उनका यह रुख हमारे लिए एक प्रेरणा का काम कर रहा है। मुफ्ती ने लिखा जम्मू और कश्मीर देश का एकमात्र मुस्लिम बहुल क्षेत्र है। उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर पत्रों की प्रतियां भी पोस्ट कीं।
I have written to @MamataOfficial ji, @mkstalin ji & @siddaramaiah ji expressing heartfelt gratitude for their courageous & principled stand against the Waqf Amendment Bill. In today’s India where dissent of any kind is increasingly criminalised their unequivocal voices come as a… pic.twitter.com/TVtTaboI4I
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) April 12, 2025
भारत की विविधता खतरे में है- महबूबा मुफ्ती
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि एक दशक से भी ज्यादा समय से भारत को बहुसंख्यकवाद का सामना करना पड़ रहा है। इससे भारत की बहुलता और विविधता की मूल विचारधारा खतरे में है। उन्होंने कहा कि अधिकांश लोग इस एजेंडे को नकारते हैं। नफरत और विभाजन को बढ़ावा देने वाले लोग अब हमारे संविधान, संस्थाओं और धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को निशाना बनाकर सत्ता में हैं।
वक्फ कानून पर क्या बोलीं महबूबा?
मुफ्ती ने अपने पत्रों में कहा कि हाल ही में नए वक्फ कानूनों को मनमाने ढंग से लागू करके अल्पसंख्यकों, विशेषतौर पर मुसलमानों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। यह हमारी धार्मिक आजादी को कमजोर करते हैं।
उन्होंने कहा कि ये कार्रवाइयां जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करने के अन्यायों की याद दिलाती हैं। इस अंधेरे समय में आपका साहस और स्पष्टता उम्मीद की एक दुर्लभ किरण रही है। कुछ सैद्धांतिक आवाजों के साथ आप न्याय और भारत के समावेशी विचार के लिए खड़े हुए हैं।
उन्होंने कहा कि मैं उन कई लोगों के प्रति अपना गहरा सम्मान और आभार व्यक्त करने के लिए लिख रही हूं जो आवाजहीन और हाशिए पर महसूस करते हैं। पीडीपी प्रमुख ने आगे लिखा कि उनके निरंतर समर्थन और नेतृत्व से देश हमारे संवैधानिक मूल्यों और साझा भविष्य को पुनः प्राप्त कर सकता है।
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