AIIMS Awantipora में अगले वर्ष एमबीबीएस पाठयक्रम हो सकता है शुरू, ओपीडी-आईपीडी सेवा भी एक साथ मिलेंगी
जम्मू-कश्मीर में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान अवंतीपोरा में एमबीबीएस पाठ्यक्रम जुलाई 2026 में शुरू होने की संभावना है और मरीजों के लिए इसे उसी वर्ष के अंत तक खोला जा सकता है। एम्स अवंतीपोरा के कार्यकारी निदेशक डा. एस मोहंती ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा की याचिका समिति को यह जानकारी दी।

राज्य ब्यूरो, जागरण, जम्मू। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान अवंतीपोरा में एमबीबीएस पाठ्यक्रम जुलाई 2026 में शुरू हो सकता है। इसी वर्ष के अंत में मरीजों के लिए भी इसे खोला जा सकता है।
यह जानकारी एम्स अवंतीपोरा के कार्यकारी निदेशक डा. एस मोहंती ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर विधानसभा की याचिका समिति को दी। समिति एम्स की प्रगति की समीक्षा के लिए श्रीनगर स्थित विधानसभा परिसर में बैठक कर रही थी।
समिति ने इससे पहले सोमवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान अवंतीपोरा का निर्माण कार्य समय पर पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि एम्स में ओपीडी, आइपीडी सहित सभी सुविधाएं एक साथ शुरू हो ताकि मरीजों को उनका जल्दी लाभ मिले।
बैठक की अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष पीरजादा फारूक़ अहमद शाह ने की और मुश्ताक गुरू, सलमान सागर, वहीद-उर रहमान पारा, मियां मेहर अली और ठाकुर रणधीर सिंह सहित अन्य सदस्यों ने भी बैठक में भाग लिया।
समिति ने सबसे पहले बुनियादी ढांचे के विकास, मशीनरी की खरीद, कार्यबल और अन्य संबद्ध परियोजनाओं से संबंधित कार्यों की विस्तृत समीक्षा की। अध्यक्ष ने कहा कि इस प्रतिष्ठित परियोजना को समय पर पूरा करने के लिए समय-सीमा का कड़ाई से पालन करना ज़रूरी है।
उन्होंने कहा कि यह परियोजना कश्मीर के लोगों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है और उनकी सुविधा और लाभ के लिए इसे जल्द से जल्द पूरा किया जाना चाहिए। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को सभी अधूरे कार्यों की गति बढ़ाने और उन्हें समयबद्ध तरीके से पूरा करने का निर्देश दिया।
समिति ने कहा कि एम्स अवंतीपोरा को एक एकीकृत इकाई के रूप में चालू किया जाना चाहिए जहां ओपीडी और आईपीडी सेवाओं सहित सभी सुविधाएं आम जनता के लिए एक साथ चालू की जाएं। अध्यक्ष ने यह भी कहा कि समिति कार्य की गुणवत्ता और गति की जांच के लिए परियोजना का स्थलीय निरीक्षण भी करेगी।
कार्यकारी निदेशक एम्स डाॅ. एस मोहंती ने समिति को अब तक की प्रगति से अवगत कराया। इस बीच समिति ने याचिकाओं के माध्यम से उठाए गए विभिन्न अन्य मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया।
सदस्यों ने इस बात पर ज़ोर दिया कि प्रत्येक याचिका को गंभीरता से लिया जाएगा और उचित समाधान सुनिश्चित करने के लिए उसकी गहन समीक्षा की जाएगी।
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अध्यक्ष ने अधिकारियों से अपने-अपने कार्यालयों से संबंधित मुद्दों पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने और उनका अनुपालन करने पर ज़ोर दिया। अन्यथा इसे गैर अनुपालन माना जाएगा। चर्चा में नागरिकों की शिकायतों के व्यावहारिक, प्रभावी और समयबद्ध समाधान पर ध्यान केंद्रित किया गया जिसमें सदस्यों ने सक्रिय रूप से रचनात्मक सुझाव और प्रतिक्रिया दी।
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