Kishtwar Cloudburst: कल से चिशौती में डेरा डाल राहत कार्याें को तेजी देंगे आईएएस-आईपीएस अधिकारी, एलजी सिन्हा ने लगाई ड्यूटी
किश्तवाड़ जिले के चिशौती में बादल फटने से राहत कार्यों में तेजी लाने के लिए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने आठ आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की ड्यूटी लगाई है। ये वरिष्ठ अधिकारी चिशौती में डेरा डालकर राहत और बचाव कार्यों की निगरानी करेंगे। जीएमसी जम्मू में भर्ती घायलों में से आठ और लोगों को छुट्टी मिल गई है जबकि 36 का अभी भी इलाज चल रहा है।

राज्य ब्यूरो, जागरण, जम्मू। किश्तवाड़ जिले के चिशौती में बदल फटने से उपजे हालात में राहत कार्याें को तेजी देने के लिए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भारतीय प्रशासनिक सेवा व भारतीय पुलिस सेवा के आठ अधिकारियों की डयूटी लगाई है।
जम्मू कश्मीर प्रशासन के ये वरिष्ठ अधिकारी दो दो दिन चशोती में डेरा डाल कर राहत एवं बचाव कार्यों को तेजी देंगे। इनमें चार आईएएस व 4 आईपीएस अधिकारी शामिल हैं। उपराज्यपाल प्रशासन द्वारा जारी किए गए आदेश में आईएएस अधिकारी चन्द्राकर भारत व आईपीएस अधिकारी उत्तम चंद के साथ 19 व बीस अगस्त को चशाेती में राहत एवं बचाव कार्याें की निगरानी करने की डयूटी लगाई गई है।
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आईएएस अधिकारी अनिल कुमार सिंह, आईपीएस अधिकारी सुजीत कुमार के साथ 21 व 22 अगस्त को चशोती में डेरा डालेंगे। उपराज्यपाल ने आईएएस अधिकारी शालीन काबरा व आईपीएस अधिकारी अधिकारी सुलेमान चौधरी की 23 व 24 अगस्त को चशोती में उपलब्ध रहने के निर्देश दिए हैं।
वहीं आईएएस अधिकारी शाहिद इकबाल चौधरी व आईपीएस अधिकारी विवेक गुप्ता 25 से 26 अगस्त तक चशोती में रहेंगे। ये वरिष्ठ अधिकारी मचैल यात्रा मार्ग पर चशोती में बादल फटने की घटना के बाद राहत व बचाव कार्य कर रहे विभागों के बीच समन्वय भी बनाएंगे।
आठ 8 आईएएस, आईपीएस अधिकारियों को की अगस्त से 26 तक बारी बारी चशाेती में राहत एवं बचाव कार्याें की निगरानी करने के लिए डयूटी लगाने संबंधी उपराज्यपाल का आदेश सोमवार को आयुक्त सचिव एम राजू ने जारी किया।
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आठ और घायलों को मिली जीएमसी से छुट्टी
किश्तवाड़ जिले के चशोटी में बादल फटने के कारण घायल हुए लोगों की हालत में लगातार सुधार हो रहा है। सोमवार को आठ और मरीजों को राजकीय मेडिकल कालेज जम्मू से छुट्टी मिल गई है। इसे मिलाकर अब तक 28 घायलों को छुट्टी मिली है। 36 का अभी भी उपचार जारी है।
जीएमसी जम्मू से मिली जानकारी के अनुसार अस्पताल में कुल 76 घायल उपचार के लिए पहुंचे। इनमें 51 जम्मू जिले, छह सांबा, छह किश्तवाड़, छह उधमपुर, तीन रियासी, एक डोडा, दो कानपुर उत्तरप्रदेश और एक चंडीगढ़ का था। इनमें से सात बिना किसी सूचना के ही अस्पताल से चले गए। एक ही अस्पताल में मौत हो गई। 36 का अभी भी उपचार चल रहा है।
जीएमसी जम्मू के चिकित्सा अधीक्षक डा. वीरेंद्र त्रिसल का कहना है कि दो मरीजों की हालत गंभीर बनी हुई है। अन्य सभी की हालत में सुधार हो रहा है। उन्होंने बताया कि अस्पताल में 12 लोगों को मृत लाया गया था।
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