Jammu News: सैन्य सम्मान के साथ बलिदानी जोगिंदर कुमार का हुआ अंतिम संस्कार, बेटे ने दी पिता को मुखाग्नि
छत्तीसगढ़ में आईडी विस्फोट में जम्मू के सांबा जिले का जवान बलिदान हो गया मतदान दल की सुरक्षा में के दौरान जवान का पैर आईडी पर पड़ने से विस्फोट हुआ बलिदान की सूचना मिलते ही गांव में शोक की लहर दौड़ गई। रविवार को जोगिंदर कुमार का अंतिम संस्कार हो गया जिनको मुखाग्नि बेटे ने दी। वहीं परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है।

निश्चंत सिंह, सांबा। शुक्रवार को छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में स्थित बड़े गोबरा से मतदान दल को वापस लाने रोड ओपनिंग पर निकले जवानों पर नक्सलियों ने आईइडी विस्फोट कर हमला किया। इस घटना में जम्मू-कश्मीर के सांबा ज़िले के सीमावर्ती गांव अबताल काटलां के निवासी आईटीबीपी जवान जोगिंदर कुमार पुत्र दिलीप कुमार बलिदान हो गए। रविवार को बलिदानी जोगिंदर कुमार का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव अबताल कातलां में पूरे सैनिक सम्मान के साथ किया गया।
सांबा जिले की पंचायत सदोह के सीमावर्ती अबताल कातलां के जोगिंदर कुमार वर्ष 2000 में आईटीबीपी में भर्ती हुए थे। बलिदानी के 9 वर्षीय बेटे अंशुमन ने पिता को मुखाग्नि दी। वहीं, इस अवसर पर जिला विकास आयुक्त अभिषेक शर्मा, एसएसपी बेनाम तोष, पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस नेता यशपाल कुंडल, भाजपा नेता जंगवीर सिंह संब्याल, कांग्रेस नेता सुभाष भगत सहित कई अधिकारी एवं स्थानीय लोग अंतिम संस्कार पर पहुंचे।
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बेटे ने दी मुखाग्नि
बलदानी जोगिंदर सिंह अपने पीछे पत्नी, 9 वर्ष का बेटा, बुजुर्ग माता पिता, एक बड़ा भाई, दो छोटे भाई और एक बहन छोड़ गए है। शुक्रवार देर शाम को आईटीबीपी मुख्यालय से जैसे ही बलिदान की सूचना परिवार को दी गई उसके बाद से परिवार के सदस्यों का रो-रो कर बुरा हाल है। बलिदानी जोगिंदर कुमार के पिता दलीप कुमार भी सेना से बतौर नायब सूबेदार सेवानिवृत्त हुए है, बड़े भाई भी सेना से सेवानिवृत्त हुए है जबकि उनके दोनों छोटे भाई एक आईटीबीपी जबकि सबसे छोटा बीएसएफ में रहकर देश की सेवा कर रहा है।
पैतृक गांव में हुआ अंतिम संस्कार
वहीं, बलिदानी का शव शनिवार की देर रात को उनके घर पहुंचा था और रविवार की सुबह उनका अंतिम संस्कार पूरे सैनिक सम्मान के साथ कर दिया गया। आईटीबीपी के जवानों के हवा में गोलियां चला कर सलामी दी। इससे पहले शव में बलिदानी के घर के आंगन में स्थानीय लोगों के अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था जहां लोगों ने नम आँखों से दर्शन करते हुए बलिदानी को अंतिम विदाई दी।

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